स्मार्ट रिविजन से पाएं शैक्षणिक सफलता
हम जो कुछ भी नया सीखते हैं, उसमें से लगभग 70 फीसदी कुछ ही दिनों में भूल जाते हैं। लेकिन अगर समय-समय पर इस पढ़े या सीखे हुए का स्मार्ट तरीके से रिविजन किया जाता रहे तो वह चीज 70 -80 फीसदी याद रह ती है। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, स्मार्ट रिविजन कर हम लांग टर्म मेमोरी मजबूत कर सकते हैं। इसकी विधियां एक्टिव रिकॉल व मल्टी-सेंसरी रिविजन आदि हैं।
कहा जाता है, स्मार्ट रिविजन बुद्धिमान बनने का शॉटकट है। यह सही भी है क्योंकि बुद्धिमानी या बुद्धिमत्ता जानकारी को सही ढंग से समझना, समझी गई जानकारी का सही समय पर उपयोग करना और नये हालात में इसे लागू करना है। जानिये , स्मार्ट रिविजन कैसे हमें बुद्धिमान बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
स्मार्ट रिविजन के वैज्ञानिक आधार
हेरमन एब्बिंघॉस (1885) नामक मनोवैज्ञानिक ने बहुत पहले ही यह साबित कर दिया था कि इंसान जो कुछ भी नया सीखता है, उसमें से लगभग 70 फीसदी कुछ ही दिनों के भीतर भूल जाता है। लेकिन अगर समय समय पर इस पढ़े या सीखे हुए का स्मार्ट तरीके से रिविजन किया जाता रहे तो यह प्रतिशत बिल्कुल उलट जाता है यानी तब इंसान को पढ़ी या सीखी हुई चीज 70 से 80 फीसदी तक याद रह जाती है। यानी स्मार्ट रिविजन करने पर हम अपनी लांग टर्म मेमोरी को मजबूत कर सकते हैं। मसलन आज हमने अगर कोई चीज पढ़ी, तीन दिन के बाद उसे फिर पढ़ते और सात दिन तथा उसके 15 दिन के बाद फिर से दोहराते हैं तो हमारा दिमाग ‘भूलने की कर्व’ प्रक्रिया को हरा देता है।
एक्टिव रिकॉल से दिमाग की कसरत
जब हम किताब देखे बिना जवाब सोचते हैं, तो दिमाग में न्यूरल कनेक्शन बार बार एक्टिव होते हैं। दिमाग की एमआरआई स्टडीज बताती है कि ऐसा करने से प्री-फ्रंटल कॉटेक्स (जहां लॉजिक सोच और निर्णय क्षमता होती है) मजबूत होता है। स्मार्ट रिविजन याद करने के साथ चीजों के बारे में समझने में भी मदद करता है। किताब बंद कर हम जब कोई चीज याद करने की कोशिश करते हैं, तो दिमाग खुद से ही यह सवाल पूछता है कि मुझसे जिस फॉर्मूले के बारे में पूछा जा रहा है, वह फॉर्मूला क्यों बना होगा और इसके बनने में कौन कौन से नियम शामिल होंगे? दिमाग जब खुद कल्पना करके ऐसे उत्तर निकालता है, तो पढ़े गये या सीखे गये को तेजी से समझने और याद रखने की आदत पड़ जाती है।
माइंड मैप और चार्ट्स
स्मार्ट रिविजन का एक बहुत वैज्ञानिक तरीका यह है कि लंबे लंबे नोट्स की बजाय डायग्राम, फालो चार्ट, माइंड मैप आदि हमें बनाना चाहिए। जब दिमाग को विषय की विजुअल जानकारी पकड़ में आ जाती है तो फिर वह चीजों को बहुत तेजी से याद कर पाता है।
मल्टी-सेंसरी रिविजन
जब हमारी चारों इंद्रियां यानी पढ़ना, लिखना, बोलना और सुनना एक साथ सक्रिय होती हैं, तो उस समय हमें कोई भी पढ़ी हुई चीज देर तक याद रहती है और समझ भी तुरंत आ जाती है। इसलिए जब भी कुछ पढ़ें, दिमाग को मल्टी-सेंसरी इनपुट प्रदान करें। किसी चीज को जब पढ़ें कोशिश करें कि उसे लिखें भी और बोलकर बोलकर पढ़ें तथा इस बोले हुए को खुद भी सुनने की कोशिश करें। यह याद करने का बहुत स्मार्ट तरीका है।
फाइनमैन टेक्निक
पढ़ी हुई चीज को खुद को इस तरह समझाएं जैसे आप किसी छोटे बच्चे को समझा रहे हैं। इससे चीज बहुत आसानी से और बहुत जल्दी समझ में आती है। आप किसी चीज को, किसी दूसरे को बहुत सरल तरीके से तभी समझा सकते हैं, जब वह आपको बहुत अच्छी तरह से समझ में आ रही हो। अतः यदि आप नाटक करते हुए कोई चीज छोटे बच्चे या कल्पना के किसी दोस्त को नहीं समझा पा रहे तो इसे फिर से समझिये। स्मार्ट रिविजन का एक काम यह भी है कि वह आपको बता दें कि अभी चीज आपकी समझ में नहीं आयी।
पोमोडोरो+क्विक रिविजन
इसका मतलब है कि 25 मिनट तक पढ़ाई करें और फिर 5 मिनट का पूरी तरह से ब्रेक ले लें यानी इस दौरान कुछ भी न करें। इसके बाद 15 मिनट का रिविजन इस प्रक्रिया से दिमाग तरोताजा रहता है और पढ़ी हुई चीज का साथ ही साथ रिविजन चलता रहता है। यह तब और प्रभावशाली तकनीक बन जाती है, जब हम इसके साथ रिविजन करने के लिए मल्टीसेंसरी लर्निंग टेक्निक का भी इस्तेमाल करते हैं।
रिविजन टेस्ट
इस पूरी प्रक्रिया का एक छोटा मंत्र यह है ज्यादा पढ़ो मत, सही समय पर पढ़ा हुआ, सही तरीके से दोहराओ। यह तब आसानी से संभव होगा, जब आप बिना किताब देखे, मॉक टेस्ट करते हैं। क्विज या फ्लैश कार्ड से खुद को चेक करते हैं और ऐसे मौके पर इस बात को याद रखिए कि गलत करना यानी आपके दोहराव में गलती का मिलना ही आपके सबसे अच्छे रिविजन का सबूत है। जब आप खुद की, खुद ही गलती पकड़ लेंगे, तब आप रिविजन का स्मार्ट तरीका सीख जाएंगे। -इ.रि.सें.