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विविधता से भरपूर संभावनाशील कैरियर

एचआर मैनेजर
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आजकल वर्कप्लेस में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की भूमिका विस्तृत और महत्वपूर्ण हो गयी है। संगठन के रणनीतिक विकास, वर्क कल्चर और कर्मचारियों की मानसिक सेहत आदि पहलुओं तक एचआर मैनेजर का रोल बढ़ा है। इंफार्मेशन सिस्टम्स व्यवस्थित करने के लिए कर्मचारियों की जानकारी जुटाना, रिक्रूटर मैनेजर, कंपेंसेशन मैनेजर, एंप्लॉयर रिलेशन मैनेजर, स्ट्रेटजिक मैनेजर के कर्तव्य वह निभाता है। इस क्षेत्र में एक्सपीरियंस के साथ वेतन बढ़ता है।

नरेंद्र कुमार

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आज के इस उतार-चढ़ाव भरे और बेहद प्रतिस्पर्धी दौर में एचआर (ह्यूमन रिसोर्स) मैनेजर का कैरियर न सिर्फ सॉलिड है बल्कि विविधता से भरे और बदलते ट्रेंड के अनुकूल भी है। एक जमाने में जहां एचआर मैनेजर की भूमिका भर्ती और वेतन तक सीमित थी, आज यह बहुआयामी हो गई है। अब किसी संगठन के रणनीतिक विकास, वर्क कल्चर और कर्मचारियों की मानसिक सेहत जैसी भूमिकाओं में एचआर मैनेजर महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। क्योंकि आज यह स्ट्रेटजिक मैनेजर भी है, डिजिटल एचआर भी है, कल्याण और लाइफ बैलेंस में भी बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए आज के समावेशी वर्कप्लेस में एचआर बहुत महत्वपूर्ण है।

एचआर मैनेजमेंट के जरूरी कोर्स

ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स पहले सोशल वर्क प्रोग्राम का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन मार्केट में डिमांड बढ़ने की वजह से इस कोर्स को अलग कर दिया गया। अब यह अपने आप में कम्प्लीट कोर्स है। इस कोर्स के लिए किताबी ज्ञान की बजाय प्रैक्टिकल नॉलेज होना बेहद जरूरी है। इस क्षेत्र में एक्सपीरियंस और एक्सपोजर बहुत मायने रखता है। इसकी वजह है कि किसी भी बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के एचआर को संभालने के लिए व्यक्तिगत तौर पर काफी अनुभव की जरूरत होती है।

किसी भी ऑर्गेनाइजेशन के एचआर डिपार्टमेंट में जॉब पाने के लिए कैंडिडेट के पास ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री या डिप्लोमा होना जरूरी है। किसी भी सब्जेक्ट से ग्रेजुएट स्टूडेंट एचआर कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह कोर्स दो वर्ष का होता है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के दौर से गुजरना होता है। ज्यादातर इंस्टीट्यूट छात्रों को कैट और मैट जैसे एंट्रेंस टेस्ट में आए स्कोर के आधार पर दाखिला देते हैं। कुछ इंस्टीट्यूट इन कोर्सेज के लिए खुद भी एंट्रेंस टेस्ट लेते हैं।

जरूरी स्किल्स

ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में एक्सपर्ट होने के लिए स्टूडेंट में इंटरपर्सनल स्किल्स का होना जरूरी है। एचआर का काम कंप्लीट डेडिकेशन, फ्लेक्सिबिलिटी और मिक्सिंग नेचर की डिमांड करता है। लीडरशिप क्वालिटी और टाइम मैनेजमेंट का गुण इस कैरियर में आपको काफी आगे ले जा सकता है। एचआर स्टाफ को एक टीम के रूप में काम करना होता है। इसके अलावा आप में लोगों को साथ जोड़ने की क्षमता होनी चाहिए। एक टीम के रूप में तमाम लोगों के साथ को-ऑर्डिनेट करते हुए उन्हें मिल-जुलकर काम करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। एचआर मेंबर को स्टाफ के नाम और फेस याद रखने की जरूरत होती है। एक प्रोफेशनल एचआर पर्सन के अंदर पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए और दूसरों को समझने, स्टाफ का विश्वास पाने और रिस्पेक्ट करने की क्षमता होनी चाहिए।

कामकाज

आज हर कंपनी को अपने स्टाफ को मैनेज करने के लिए सक्षम एचआर मैनेजर की जरूरत होती है। इस लिहाज से एचआरएम ग्रेजुएट्स के लिए काफी संभावनाएं हैं। ह्यूमन रिसोर्स इंफार्मेशन (एचआरआई) सिस्टम्स को व्यवस्थित करने के लिए कर्मचारियों के बारे में जानकारियां जुटाने से लेकर अब एचआर मैनेजर का कार्य रिक्रूटर मैनेजर, कंपेंसेशन मैनेजर, एंप्लॉयर रिलेशन मैनेजर, स्ट्रेटजिक मैनेजर तक पहुंच गया है। इन्हें कंपनियों द्वारा एचआर डिपार्टमेंट, एचआर रिक्रूटमेंट, एचआर ऑडिटिंग जैसे कामों में लगाया जाता है। ये स्टाफ मैनेजमेंट से रिलेटेड सभी पहलुओं पर गौर करते हुए उनका उत्साह बढ़ाने की हर संभव कोशिश करते हैं।

संभावित अवसर

कई कंपनियां कैंपस इंटरव्यू के जरिए ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को जॉब ऑफर करती है। एचआर मैनेजर चाहे तो कॉरपोरेट घरानों, मल्टीनेशनल कंपनियों, बैंकिंग व फाइनेंशियल ऑर्गनाइजेशन के अलावा, पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर से रिलेटेड कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। एचआर एक ऐसा जॉब है जिसमें व्यक्ति दूसरों के साथ काम करके अधिक से अधिक सीख सकता है। इस क्षेत्र में एक्सपीरियंस के साथ ही महारत हासिल की जा सकती है। इसलिए ग्रेजुएशन करने के बाद सीधे जॉब तलाशने की बजाय किसी ऑर्गनाइजेशन के साथ जुड़कर इससे रिलेटेड काम के बारे में सीखने की कोशिश करनी चाहिए।

सैलरी पैकेज

एक ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर को किसी भी प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन में 25 हजार से 45 हजार रुपए प्रतिमाह की शुरुआती नौकरी आराम से मिल जाती है। किसी टॉप इंस्टीट्यूट से पासआउट कैंडिडेट को सालाना 8 से 10 लाख तक शुरु में ही मिलने की संभावना रहती है। वैसे यहां सैलरी व्यक्ति की क्षमता, शैक्षणिक योग्यता और एक्सपीरियंस के आधार पर बढ़ती रहती है। सीनियर लेवल पर एचआर मैनेजर को 50 से 60 हजार मासिक की सैलरी भी मिल सकती है।

पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण इंस्टीट्यूट

यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर, बम्बई यूनिवर्सिटी, मुम्बई,

कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कोलकाता, एक्सएलआरआई, जमशेदपुर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुम्बई, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट, मुम्बई, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, इंदौर, गुरूनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, मनीपाल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, इम्फाल, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली, हमर्दद यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली, एमिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नई दिल्ली। -इ.रि.सें.

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