हंस कर जीवन सहज बनाने का दिन
हंसी-मजाक किसी भी व्यक्ति और समाज के जीवंत होने का प्रमाण है। सभी देशों में अपने-अपने तरीके से एक-दूसरे का मखौल उड़ाने का लुत्फ लेते हैं जिसका कोई एक तय अवसर या दिन होता है। दुनिया के कई देशों में हंसने के मकसद से मूर्ख दिवस मनाया जाता है।
शिखर चंद जैन
अप्रैल फूल डे के अवसर पर कई देशों में दोस्तों और परिजनों को मूर्ख बनाने, हंसी ठिठोली या चुहलबाजी करने का रिवाज लंबे समय से प्रचलित रहा है। दूसरों को मूर्ख बना कर हंसने व ठहाके मारने और मजे लूटने की परंपरा पूरी दुनिया में प्रचलित है। हां ,हर देश व समाज में इसका अंदाज जरा अलग-अलग है।
फ्रांस
अप्रैल फूल बनाने की शुरुआत दरअसल फ्रांस से ही हुई थी। वहां साल 1582 में कैलेंडर बदलकर जनवरी से दिसंबर तक कर दिया गया था। लेकिन उन दिनों संचार व्यवस्था बहुत दुरुस्त तो थी नहीं, इसलिए कई लोग पहले की तरह 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का वर्ष मानकर 1 अप्रैल को ही नववर्ष का जश्न मनाते थे। ऐसे लोगों को मूर्ख बताकर खूब मजाक उड़ाया जाता था। बाद में इन्हें ही अप्रैल फूल कहने लगे। वहां लोगों को मूर्ख बनाने के लिए पाईसन डेवरिल (अप्रैल फिश) यानी कागज की बनी मछली पीठ पर चिपका देते थे। बाद में शरारत के शिकार को खूब चिढ़ाते थे।
जर्मनी
जर्मनी में अप्रैल फूल के दिन खूब मजाक किए जाते हैं । इसे यहां एप्रिलशेर्ज कहते हैं। यहां अखबार, टीवी चैनल और रेडियो इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। ये ऐसी स्टोरी चलाते हैं जो सुनने में आश्चर्यजनक हो व सच लगे। लेकिन होती ‘फूल’ बनाने के लिए है।
ग्रीस
ग्रीस में अप्रैल के पहले दिन आप किसी को मूर्ख बनाने में सफल हो जाएं तो आप को भाग्यशाली माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सफलतापूर्वक किसी को बेवकूफ बना दें तो पूरे साल किस्मत साथ देती है। विश्वास यह भी कि प्रैंक करने में सफल रहे तो अच्छी फसल होगी।
स्कॉटलैंड
स्कॉटलैंड में दोस्तों को ‘मुर्गा’ यानी बेवकूफ बनाने का जश्न 2 दिन मनाया जाता है। इस दिन का नाम ही है- मुर्गे का शिकार करो यानी हंट द गॉक डे।
रूस
हंसी-मजाक में किसी से कम नहीं होते रूसी। यहां अप्रैल फूल डे पर खूब मौज-मस्ती होती है। कॉमेडियंस शोज़ आयोजित करते हैं व कॉमेडी से लाखों लोगों का मनोरंजन करते हैं। पहली अप्रैल का दिन हंसी-मजाक में बीतता है ।
यूनान
यूनान के लोग जिंदादिल होते हैं। यहां के लोग हंसी-मजाक और चुहलबाज़ी को सकारात्मक रूप में लेते हैं। इनकी मान्यता है कि जब आपके साथ कोई मजेदार शरारत होती है तो दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है। हालांकि दिल दुखाने वाली शरारत या हानि पहुंचाने वाला मजाक नहीं करतेे।
ब्राजील
ब्राजील में 1 अप्रैल को झूठ का दिन घोषित किया गया जो स्थानीय भाषा में ‘ओ दीया दास मेंटायर’ है। इस दिन झूठ बोलकर एक-दूसरे को मूर्ख बनाते हैं। इस परंपरा की शुरुआत 1 अप्रैल 1828 से हुई जब ए मेंटीरा नामक हास्य-व्यंग्य के अखबार ने ब्राजील के संस्थापक डॉन पेड्रो की मृत्यु का झूठा समाचार छापा। पाठकों ने इस बात पर विश्वास कर लिया और मूर्ख बन गए।
डेनमार्क
डेनमार्क और स्वीडेन में दो बार अप्रैल फूल्स डे की तरह बेवकूफ बनाने और मजाक की परंपरा है। एक मई को ‘माज काट’ यानी मई कैट डे जोक्स के लिए ही फिक्स कर दिया गया है। अप्रैल की 1 तारीख को भी फूल्स डे मनाते हैं।
स्पेन
यहां चुटकुलों, हंसी ठहाकों और मूर्ख बनाने का दिन 28 दिसंबर है। इसे ‘होली इनोसेंट्स डे’ या ‘चिल्डरमास’ कहते हैं। इसका अर्थ हुआ पवित्र अज्ञानी दिवस। यह उत्सव लैटिन अमेरिका तक मनाया जाता है। वैसे तो यह क्रिश्चियन फीस्ट डे है मगर इस अवसर पर प्रैंक की परंपरा भी शामिल हो चुकी है।