Yamuna River: जीवनरेखा से संकट तक– मानसून में क्यों बढ़ जाता है बाढ़ का खतरा
Yamuna River: यमुना नदी, जिसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा माना जाता है, इस समय हरियाणा के पांच जिलों और दिल्ली के निवासियों के लिए खतरा बनी हुई है। हथिनी कुंड बैराज, यमुनानगर से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने और क्षेत्र में लगातार बारिश होने के कारण यमुना में पानी का प्रवाह कई गुना बढ़ गया है। वीरवार को दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच गया है।
यमुना नदी कहां से निकलती है?
यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है और प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में गंगा से मिलती है। यमुना की कुल लंबाई 1,376 किमी है और इसका जलग्रहण क्षेत्र 3.67 लाख वर्ग किमी से अधिक है। हरियाणा में यमुना 320 किमी बहती है।
पानीपत और सोनीपत में यमुना का दायरा
यमुनाम पानीपत के राणा मजरा गांव से प्रवेश कर 33 किमी का रास्ता तय करती है। इस दौरान आठ गांवों (राणा मजरा, तमसाबाद, गढ़ी बेसक, नवादा आर, नवादा पार, नगला, पत्थरगढ़ और जलालपुर) में पानी घुस गया। सोनीपत में यमुना 41.7 किमी का रास्ता तय करती है। लगभग 30 गांव नदी किनारे हैं। इनमें बेगा, चांदौली, मिमरपुर, मनोली, खुर्रमपुर, बादोली, मेहंदीपुर, बख्तावरपुर, भैराबनकिपुर और दहिसरा के खेतों में पानी भर गया।
क्यों छोड़ा जा रहा है पानी हर घंटे?
भारी बारिश की वजह से हथिनी कुंड बैराज से हर घंटे पानी छोड़ा गया। दो दिन पूर्व सुबह 4 बजे से 9 बजे तक पानी का डिस्चार्ज 1.65 लाख क्यूसेक से बढ़कर 3.29 लाख क्यूसेक हो गया, जो 2023 के रिकॉर्ड (3 लाख क्यूसेक) से अधिक है। यह पहली बार है जब लगातार 12 घंटे से ज्यादा समय तक पानी का स्तर बढ़ता रहा।
यमुना पुल के पास पानी का प्रवाह धीमा क्यों हो जाता है?
यमुना का प्राकृतिक बहाव क्षेत्र 2-3 किमी है, लेकिन सनौली के पास हरियाणा-उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले यमुना पुल पर पानी रुक-सा जाता है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस वजह से राणा मजरा, पत्थरगढ़ और तमसाबाद गांवों में नुकसान की आशंका बढ़ जाती है।
प्रशासन ने क्या इंतजाम किए?
डीसी डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह तैयार है। सिंचाई विभाग पानी के बहाव और तटबंधों पर नजर रख रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है और सभी अधिकारियों को 5 सितंबर तक ड्यूटी पर रहने का आदेश है। सोनीपत के डीसी सुशील सरवां ने अधिकारियों को हालात पर चौबीसों घंटे नजर रखने को कहा है। सिंचाई विभाग “मुनादी” कर लोगों को जागरूक कर रहा है। 30 गांवों में ‘ठिकरी पहरा’ लगाने और निचले इलाकों के लोगों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।