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Explainer: रोहतक में अतिक्रमण विरोधी अभियान क्यों हुआ जरूरी

Encroachment Removal Campaign:  रोहतक शहर के बाजारों में अतिक्रमण की वजह से गंभीर जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है, खासकर व्यस्त समय में। सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर फैले अतिक्रमण के कारण शहर में आवागमन मुश्किल हो गया...

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Encroachment Removal Campaign:  रोहतक शहर के बाजारों में अतिक्रमण की वजह से गंभीर जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है, खासकर व्यस्त समय में। सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर फैले अतिक्रमण के कारण शहर में आवागमन मुश्किल हो गया है। ऐसे में नगर निगम (MC) द्वारा हाल ही में चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान बेहद जरूरी हो गया था।

अभियान दिवाली के बाद निगम की पहली बड़ी कार्रवाई थी। अधिकारियों के अनुसार, दुकानदारों को बार-बार चेतावनी दी गई थी कि वे सड़क और सार्वजनिक स्थानों से अतिक्रमण हटा लें, लेकिन बार-बार चेतावनी देने के बावजूद जब उन्होंने पालन नहीं किया, तो निगम को अभियान चलाना पड़ा।

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अतिक्रमण विरोधी अभियान की आवश्यकता क्यों पड़ी?

नगर निगम का यह अभियान इसलिए आवश्यक हो गया क्योंकि रोहतक के अधिकांश बाजारों में अतिक्रमण के कारण गंभीर जाम और अव्यवस्था रहती है। संकरी गलियों में फायर ब्रिगेड या एम्बुलेंस जैसी आपात सेवाओं का निकलना भी मुश्किल हो जाता है, जिससे सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है। त्योहारों के समय अस्थायी स्टॉल और दुकानों के बाहर बढ़ाए गए हिस्से इस समस्या को और बढ़ा देते हैं। सार्वजनिक स्थानों को पुनः मुक्त कराने और यातायात को सुचारू बनाने के लिए निगम ने यह अभियान शुरू किया है।

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मुख्य बाजारों में अतिक्रमण की स्थिति क्या है?

रेलवे रोड, झज्जर रोड, किला रोड, मॉडल टाउन, पुराना बस स्टैंड रोड समेत कई प्रमुख बाजारों में अतिक्रमण काफी बढ़ गया है। कई दुकानदारों ने अपने सामान के डिस्प्ले के लिए फुटपाथ और सड़क तक घेर ली है — रैक, टेबल, बैनर और टेंट लगाकर — जिससे पैदल चलने वालों को परेशानी होती है और सड़क की चौड़ाई घट जाती है। एक दुकानदार ने स्वीकार किया कि “हर किसी को दुकान के बाहर कुछ जगह चाहिए होती है, लेकिन कई दुकानदारों ने हद से ज्यादा अतिक्रमण किया है, जो गलत है।”

पिछली कार्रवाइयों का क्या परिणाम रहा?

पिछले अतिक्रमण विरोधी अभियानों का असर सिर्फ अस्थायी रहा। कुछ समय बाद दुकानदार फिर से सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा करने लगते थे। नगर निगम आयुक्त डॉ. आनंद कुमार शर्मा ने बताया, “इस बार निगम ने सिर्फ अतिक्रमण हटाने तक सीमित न रहकर सख्त जुर्माना और प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली को भी साथ जोड़ा है, ताकि अभियान के नतीजे लंबे समय तक टिक सकें।” उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले सुनारिया गांव में आठ एकड़ भूमि को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया था।

अब तक क्या कार्रवाई की गई है?

सप्ताह की शुरुआत में नगर निगम ने रेलवे रोड, किला रोड, मॉडल टाउन सहित कई प्रमुख इलाकों में अतिक्रमण हटाने और बकाया प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए विशेष अभियान चलाया। इस दौरान 70 दुकानदारों से रैक, बोर्ड, बैनर, टेंट और टेबल जैसी वस्तुएं जब्त की गईं।

आयुक्त शर्मा ने बताया, “सड़क किनारे, फुटपाथ और सार्वजनिक स्थलों से अवैध कब्जे हटाए गए। दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि भविष्य में अतिक्रमण करने पर जुर्माना और कार्रवाई की जाएगी।” साथ ही, प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। लाधोट रोड पर एक पीजी, सन सिटी में एक वाणिज्यिक संपत्ति और बोहर गांव की एक संपत्ति को 1.5 करोड़ रुपये की बकाया राशि के कारण सील किया गया। अन्य बकायेदारों को नोटिस जारी कर समय पर भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।

अभियान कब तक चलेगा?

आयुक्त आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि नगर निगम आने वाले हफ्तों में अतिक्रमण विरोधी और टैक्स वसूली अभियान जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि शहर को अतिक्रमण मुक्त रखना और समय पर टैक्स देना नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। निगम का लक्ष्य है कि जब तक बाजार पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाते और नागरिक व्यवस्था बहाल नहीं होती, तब तक यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों से अपील की कि वे निगम के साथ सहयोग करें ताकि रोहतक शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाया जा सके।

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