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क्या किसानों से हुआ धोखा? शाहाबाद मंडी में एजेंटों की भूमिका पर उठे सवाल

Sunflower crop purchase: सूरजमुखी की फसल की खरीद के दौरान कमीशन एजेंटों द्वारा अवैध वसूली के आरोपों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के कुछ दिन बाद, शाहाबाद अनाज मंडी में जांच शुरू कर दी गई...
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Sunflower crop purchase: सूरजमुखी की फसल की खरीद के दौरान कमीशन एजेंटों द्वारा अवैध वसूली के आरोपों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के कुछ दिन बाद, शाहाबाद अनाज मंडी में जांच शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को किसानों की यूनियन ने जांच के लिए गठित पैनल के समक्ष अपनी शिकायत पेश की।

यूनियन ने एजेंटों के खिलाफ क्या आरोप लगाए?

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने जून महीने में शिकायत दर्ज कराई थी कि शाहाबाद अनाज मंडी के कमीशन एजेंट सूरजमुखी किसानों से जबरन प्रति क्विंटल 100 की वसूली कर रहे हैं। यूनियन का आरोप है कि यह निर्णय मंडी की दोनों एजेंट एसोसिएशनों द्वारा उस समय लिया गया जब हरियाणा सरकार ने सूरजमुखी की फसल पर सरकारी कमीशन दर को 2.5% से घटाकर 1% कर दिया था। यूनियन ने यह भी आरोप लगाया कि एजेंटों ने यह अतिरिक्त 100 प्रति क्विंटल अपने खर्चों की भरपाई के नाम पर तय किए थे।

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मंडी समिति ने क्या कार्रवाई की?

शाहाबाद मंडी समिति ने इस पूरे मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस पैनल को निम्नलिखित कार्य सौंपे गए हैं: एजेंटों के रिकॉर्ड की जांच करना, किसानों और एजेंटों के बयान दर्ज करना व 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करना। शुक्रवार को जांच समिति ने किसानों को बयान दर्ज कराने के लिए आमंत्रित किया था। उसी दिन यूनियन ने अपनी लिखित शिकायत प्रस्तुत की और किसानों के बयान दर्ज कराए गए।

यूनियन का इस मामले पर क्या कहना है?

यूनियन के प्रवक्ता राकेश बैस ने कहा कि मंडी समिति ने इस मामले को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। शिकायत दर्ज कराने के लगभग एक महीने बाद जांच के लिए पैनल गठित किया गया। हालांकि समिति ने पहले दोनों एसोसिएशनों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

राकेश बैस ने कहा कि कमीशन एजेंटों को किसानों से कोई अतिरिक्त शुल्क लेने का अधिकार नहीं है, क्योंकि सरकार उन्हें उनके कार्य के बदले में कमीशन देती है। अगर उन्हें यह कमीशन कम लगा, तो उन्हें सरकार से इसका विरोध करना चाहिए था, न कि किसानों से पैसा वसूलना चाहिए।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कमीशन एजेंट किसानों पर दबाव बना रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उनके खिलाफ कोई शिकायत की गई, तो वे भविष्य में उनकी फसल को नहीं संभालेंगे। इसी दबाव के कारण किसानों ने व्यक्तिगत रूप से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।

कमीशन एजेंटों की एसोसिएशन का क्या कहना है?

शाहाबाद अनाज मंडी कमीशन एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बिट्टू कालरा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि खरीद सीजन के दौरान किसी किसान से जबरन अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि यह शिकायत यूनियन सदस्यों द्वारा की गई है, न कि सूरजमुखी किसानों द्वारा। बिट्टू कालरा ने बताया कि जब सरकार ने कमीशन घटाया, तो एजेंटों ने खरीद प्रक्रिया में भाग न लेने का निर्णय लिया था, लेकिन किसानों के अनुरोध पर उन्होंने खरीद जारी रखी। उन्होंने कहा कि कमीशन एजेंट जांच समिति का पूरा सहयोग करेंगे और सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे।

शाहाबाद मंडी समिति का क्या कहना है?

शाहाबाद मंडी समिति के एक अधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया चल रही है। किसानों और एजेंटों दोनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। (रिपोर्टः नितिश शर्मा)

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