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Explainer: शामली-अंबाला हाईवे पर विरोध की फसल, जानें क्यों आंदोलन कर रहे किसान

Shamli-Ambala Highway Protest: शामली-अंबाला हाईवे का निर्माण कार्य इन दिनों यमुनानगर जिले के कई गांवों से होकर गुजर रहा है, जिनमें पोतली गांव भी शामिल है। लेकिन इस निर्माण ने इलाके के किसानों को नाराज कर दिया है। दशकों से...

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Shamli-Ambala Highway Protest: शामली-अंबाला हाईवे का निर्माण कार्य इन दिनों यमुनानगर जिले के कई गांवों से होकर गुजर रहा है, जिनमें पोतली गांव भी शामिल है। लेकिन इस निर्माण ने इलाके के किसानों को नाराज कर दिया है।

दशकों से पोतली गांव के खेतों को जोड़ने वाली एक सड़क मौजूद थी। मगर हाईवे के निर्माण शुरू होने के बाद कई किसानों की खेती की जमीन सड़क के दोनों ओर दो हिस्सों में बंट गई। किसानों का कहना है कि अब उन्हें अपने खेतों तक पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है, इसलिए वे एक अंडरपास की मांग कर रहे हैं ताकि गांवों के बीच आवागमन सुगम हो सके।

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उन्होंने स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से कई बार संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। आखिरकार किसानों ने गांव में निर्माण स्थल पर धरना शुरू कर दिया और तंबू लगाकर विरोध जताया।

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क्या है मामला?

पोतली गांव में करीब तीन गज (लगभग 16 फुट) चौड़ी सड़क 1952 से ही राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। अब इस रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिससे हाईवे के नीचे से कोई मार्ग नहीं बचा।

किसानों पर असर

क्योंकि कई किसानों की जमीन अब हाईवे के दोनों ओर बंटी हुई है, उन्हें अपने खेतों तक पहुंचने के लिए 3 से 4 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।

कब से चल रहा है विरोध?

किसान पिछले 26 दिनों से निर्माण स्थल पर धरना दे रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के बैनर तले किसानों ने बुधवार को यमुनानगर जिला सचिवालय पर भी प्रदर्शन किया। बीकेयू यमुनानगर के अध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा, क्योंकि यह सड़क किसानों के लिए अपने खेतों तक पहुंचने का मुख्य मार्ग है।

प्रशासन का क्या कहना है?

किसानों ने बीकेयू प्रदेश अध्यक्ष रतन मान और सुभाष गुर्जर के नेतृत्व में अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त पार्थ गुप्ता को सौंपा। किसानों के अनुसार, उपायुक्त ने उन्हें आश्वस्त किया कि एनएचएआई अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है और जल्द समाधान निकाला जाएगा।

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