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Explainer: पानीपत का ट्रैफिक मॉडल, अन्य शहरों के लिए सबक या चेतावनी?

Panipat Traffic System: वस्त्र नगरी पानीपत में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। जिला प्रशासन ने NH-44 और शहर की अन्य मुख्य सड़कों पर जाम कम करने के लिए कई अभियान चलाए, लेकिन सफलता नहीं मिली। 1 सितंबर को प्रशासन...

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पानीपत में हड़ताल के दौरान ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा चालक। फाइल
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Panipat Traffic System: वस्त्र नगरी पानीपत में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है। जिला प्रशासन ने NH-44 और शहर की अन्य मुख्य सड़कों पर जाम कम करने के लिए कई अभियान चलाए, लेकिन सफलता नहीं मिली। 1 सितंबर को प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए शहर में ऑटो और ई-रिक्शा के लिए एक हफ्ते के ट्रायल के तौर पर ऑड-ईवन सिस्टम लागू किया। ट्रायल सफल रहने के बाद इसे जारी रखने का निर्णय लिया गया।

हालांकि, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने तीन दिन की हड़ताल कर दी। चालकों का कहना है कि ऑड-ईवन सिस्टम खत्म हो गया है, लेकिन प्रशासन ने साफ किया है कि इसे खत्म करने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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शहर में ट्रैफिक जाम क्यों लगता है?

शहर NH-44 के दोनों ओर बसा है और इस पर बड़े शो-रूम, बैंक, शैक्षणिक संस्थान, सरकारी दफ्तर, मिनी सचिवालय और न्यायिक परिसर स्थित हैं। खासकर गोहाना रोड से मिनी सचिवालय और बारसत रोड से गोहाना टर्न तक NH-44 पर लंबे जाम लगते हैं। असंध रोड, सनौली रोड, जटल रोड और अन्य आंतरिक सड़कों पर भी स्कूल समय में जाम आम बात है।

ट्रैफिक जाम के प्रमुख कारण

गलत तरीके से पार्किंग, शो-रूम मालिकों द्वारा सर्विस लेन पर स्थायी अतिक्रमण और शहर में बड़ी संख्या में चल रहे ऑटो और ई-रिक्शा प्रमुख कारण हैं।

प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

अवैध पार्किंग और गलत साइड ड्राइविंग पर चालान राशि बढ़ाई गई। फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग भी आवंटित की गई। अब ऑटो और ई-रिक्शा की संख्या नियंत्रित करने के लिए ऑड-ईवन सिस्टम लागू किया गया है। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, 4,300 ई-रिक्शा और 3,400 ऑटो पंजीकृत हैं, लेकिन सड़कों पर इनकी संख्या कहीं अधिक है।

ऑड-ईवन कब लागू हुआ?

1 सितंबर से एक हफ्ते के लिए लागू किया गया। 8 सितंबर के बाद इसे जारी रखने का निर्णय लिया गया। डिप्टी कमिश्नर वीरेंद्र कुमार दहिया की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल वाहन नीति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके बाद NH-44 सहित अधिकांश सड़कों पर यातायात सुचारू हो गया।

हड़ताल के दौरान चालकों की मुख्य मांगें

21 दिन बाद, 22 सितंबर को चालकों ने ऑड-ईवन खत्म करने और NH-44 पर फ्लाईओवर के नीचे उन्हें पार्किंग स्टैंड देने की मांग को लेकर हड़ताल शुरू की। उन्होंने विधायक प्रमोद विज के कार्यालय पर भी विरोध किया और प्रशासन से मुलाकात की। शाम को यूनियन के अध्यक्ष नरेश दाहर ने दावा किया कि ऑड-ईवन सिस्टम खत्म हो गया है, लेकिन ट्रैफिक डीएसपी सुरेश सैनी ने स्पष्ट किया कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि चालकों की मांगों को नोट किया गया है और इसे उच्च अधिकारियों के सामने रखा जाएगा।

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