Laado Sakhi Scheme: हरियाणा में नया प्रयास, गांव-गांव पहुंचेगी लाड़ो सखी, भ्रूण हत्या पर लगेगा अंकुश
Laado Sakhi Scheme: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को और मजबूती देने के लिए हरियाणा सरकार ने राज्य में लाड़ो सखी योजना की शुरुआत की है। यह प्रोत्साहन आधारित योजना सरकार के लिंगानुपात सुधारने के प्रयासों को बल देगी और राज्य में महिला भ्रूण हत्या की समस्या से लड़ने में मददगार साबित होगी। यह योजना मुख्य रूप से उन गर्भवती महिलाओं पर केंद्रित होगी, जिनके पहले से एक बेटी है।
योजना की शुरुआत कब हुई?
हरियाणा में सावन के प्रमुख त्योहार तीज के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को अंबाला में लाड़ो सखी योजना (सहेली कार्यकर्ता प्रोत्साहन योजना) की शुरुआत की। यह योजना हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की गई है।
योजना का उद्देश्य
इस पहल के तहत, एक लाड़ो सखी — जो कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर या एएनएम हो सकती है। इनको एक गर्भवती महिला के साथ जोड़ा जाएगा। यह सखी गर्भावस्था के दौरान महिला को लगातार सहयोग और देखभाल प्रदान करेगी और प्रसव तक उसका साथ देगी। इस योजना का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि लिंग परीक्षण जैसी सामाजिक बुराइयों को हतोत्साहित करना। महिला एवं बाल विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विशेष ध्यान उन महिलाओं पर केंद्रित होगा, जिनके पहले से एक बेटी है।
लाड़ो सखियों को क्या प्रोत्साहन मिलेगा?
लाड़ो सखी योजना के तहत, लाड़ो सखी को गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी। हर बेटी के जन्म पर, उस महिला से जुड़ी लाड़ो सखी को 1,000 रुपये का प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाएगा।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए और कौन-सी योजनाएं लागू होंगी?
राज्य सरकार महिलाओं और बालिकाओं के हित में कई अन्य योजनाएं भी लागू करने जा रही है, 10,000 'डू-इट-योरसेल्फ किट' बालिकाओं को वितरित की जाएंगी ताकि उनमें उद्यमिता कौशल को बढ़ावा मिल सके। हर विकास खंड में एक राशन डिपो अब स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आवंटित किया जाएगा, जिससे उन्हें रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। राज्य की स्टार्टअप नीति के तहत लाभार्थियों में 50% महिलाएं होंगी, यानी महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को विशेष बढ़ावा मिलेगा।
हरियाणा में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की प्रगति कैसी रही?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में पानीपत से इस अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत हरियाणा में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। 2014 में यह 871 था जो 2024 में बढ़कर 910 हो गया। हालांकि 2023 में यह आंकड़ा 916 था, जिससे 2024 में 6 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तरीय टास्क फोर्स (STF) का गठन किया, जिसने लिंग परीक्षण रैकेट्स के खिलाफ छापेमारी और फर्जी मरीजों के जरिए कार्रवाई शुरू की। दोषी पाए गए केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए गए। इसके साथ ही सरकार समुदाय आधारित कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे बेटियों के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जा सके। (रिपोर्टः नितिश शर्मा)