Explainer: क्या हरियाणा में सिर्फ हिसार में ही विशेष शुल्क? नागरिकों में बढ़ी नाराजगी
Hisar Token Service Charges: हिसार और जिले के अन्य उपमंडलों में हाल ही में प्रशासन ने सरल केंद्रों पर टोकन सेवा शुल्क प्रारंभ किया है। अब सभी ट्रांसपोर्ट फाइलों जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण आदि से संबंधित कार्य करवाने के...
Hisar Token Service Charges: हिसार और जिले के अन्य उपमंडलों में हाल ही में प्रशासन ने सरल केंद्रों पर टोकन सेवा शुल्क प्रारंभ किया है। अब सभी ट्रांसपोर्ट फाइलों जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण आदि से संबंधित कार्य करवाने के लिए आगंतुकों को 200 रुपये का टोकन शुल्क देना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने राज्य सरकार से शिकायत की कि पूरे हरियाणा में कहीं भी ऐसा शुल्क नहीं लिया जा रहा, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए।
लोग सरल केंद्रों में टोकन सेवा शुल्क का विरोध क्यों कर रहे हैं?
आगंतुकों का कहना है कि मिनी सचिवालय स्थित सरल केंद्र में लगाया गया 200 रुपये का नया टोकन शुल्क अनुचित है। उनका तर्क है कि हरियाणा के किसी भी सराल केंद्र पर ऐसा शुल्क नहीं लिया जाता।
यह 200 रुपये का टोकन शुल्क हिसार में कब और कैसे लागू किया गया?
जिला प्रशासन ने 30 सितंबर 2025 से सभी ट्रांसपोर्ट फाइलों पर 200 रुपये प्रति फाइल टोकन शुल्क लागू किया। यह निर्णय 29 सितंबर को उपायुक्त द्वारा जिला सूचना प्रौद्योगिकी समिति (DITS) के सह-अध्यक्ष के रूप में जारी पत्र के माध्यम से लागू किया गया।
डीआईटीएस ने टोकन शुल्क के साथ और कौन से सेवा शुल्क बढ़ाए?
डीआईटीएस ने दो प्रमुख सेवाओं के शुल्क भी बढ़ाए। ये नई दरें भी 30 सितंबर 2025 से लागू हो गईं।
- सभी प्रकार के विलेख (डीड) पंजीकरण शुल्क 200 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया।
- हथियार लाइसेंस के नवीनीकरण शुल्क को 200 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया।
टोकन शुल्क और अन्य शुल्क बढ़ाने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि डीआईटीएस की वित्तीय स्थिति इस निर्णय का कारण हो सकती है। समिति में 200 से अधिक कर्मचारी हैं और समाज की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए डीआईटीएस ने ये शुल्क लगाने पर विचार किया होगा।
शिकायतकर्ता सुशील कुमार ने परिवहन मंत्री को दिए पत्र में क्या मुद्दे उठाए?
सुशील कुमार ने लिखा कि 200 रुपये का टोकन शुल्क न तो राज्य और न ही केंद्र सरकार कहीं भी लेती है। उन्होंने इसे अनुचित, गलत और जनता पर अतिरिक्त बोझ बताया। उनका कहना था कि इससे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण तथा अन्य संबंधित कार्य करवाने आने वाले लोगों पर सीधा असर पड़ रहा है।
इस मामले पर अधिकारियों की क्या प्रतिक्रिया रही?
हिसार एसडीएम ज्योति मित्तल ने कहा कि यह मामला जिला प्रशासन से संबंधित है। हरियाणा परिवहन आयुक्त अतुल कुमार ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में मुख्यालय से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं और यह निर्णय जिला सूचना प्रौद्योगिकी समिति (DITS) के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिसके अध्यक्ष हिसार के उपायुक्त हैं।

