Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Explainer: हरियाणा का विंटर एक्शन प्लान- क्या NCR की सांसें इस बार होंगी साफ?

Haryana Winter Action Plan: HSPCB ने विशेष रूप से गुरुग्राम और फरीदाबाद पर फोकस करते हुए प्लान तैयार किया है

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सांकेतिक फाइल फोटो। ट्रिब्यून
Advertisement

Haryana Winter Action Plan: जैसे-जैसे सर्दियां नज़दीक आ रही हैं, हरियाणा विशेषकर गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे NCR जिले प्रदूषण के खतरनाक स्तर के लिए तैयार हो रहे हैं। बढ़ते AQI के चलते जीवन लगभग ठहर सा जाता है। ऐसे में राज्य सरकार ने विंटर एक्शन प्लान 2025-26 तैयार किया है, ताकि सर्दियों के महीनों में वायु गुणवत्ता को नियंत्रित किया जा सके।

क्या है विंटर एक्शन प्लान 2025-26?

हरियाणा ने इस महीने विंटर एक्शन प्लान 2025-26 लागू किया है। यह योजना अगले कुछ महीनों में वायु प्रदूषण में संभावित तेज़ वृद्धि से निपटने की विस्तृत रणनीति है। इसे हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने विशेष रूप से गुरुग्राम और फरीदाबाद पर फोकस करते हुए तैयार किया है। ये दोनों शहर हर साल सर्दियों में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में आते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण हैं,  पराली जलाना, निर्माण कार्य, वाहन उत्सर्जन और औद्योगिक प्रदूषण।

Advertisement

पराली जलाने से निपटने के लिए क्या प्रावधान हैं?

  • 44.4 लाख मीट्रिक टन पराली खेतों में ही प्रबंधन के ज़रिए निपटाई जाएगी।
  • 19.1 लाख मीट्रिक टन उद्योगों व पावर प्लांट्स को दी जाएगी।
  • 22 लाख मीट्रिक टन पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल होगी।
  • एक ‘पराली प्रोटेक्शन फोर्स’ बनाई गई है, जिसमें पुलिस, कृषि और राजस्व अधिकारी शामिल होंगे। यह दल उपग्रह निगरानी और नए मोबाइल ऐप के ज़रिए गांव-गांव पराली जलाने की निगरानी करेगा।
  • एनसीआर ज़िलों की 5,400 से अधिक फ्यूल-बेस्ड इंडस्ट्रीज़ को स्वीकृत ईंधन (मुख्य रूप से बायोमास और गैस) में परिवर्तित कर दिया गया है।

किसानों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं

  • अवशेष प्रबंधन के लिए 1,200 रुपये प्रति एकड़ की सहायता।
  • धान की फसल छोड़कर अन्य फसलों की ओर जाने पर 8,000 रुपये प्रति एकड़।
  • डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (DSR) अपनाने पर 4,500 रुपये प्रति एकड़।
  • अब तक 5.6 लाख किसान इस योजना में शामिल हो चुके हैं, और सरकार ने 472 करोड़ रुपये इसके लिए आवंटित किए हैं।
  • उल्लंघन करने वालों के लिए दंड दोगुना कर दिया गया है।
  • दंड 5,000 से 30,000 रुपये तक। साथ ही, ऐसे किसानों पर FIR दर्ज की जाएगी और MSP लाभ दो वर्षों के लिए रोके जाएंगे।
  • राज्य की 99% ईंट भट्टियों में ज़िग-ज़ैग तकनीक लागू कर दी गई है।
  • अगले साल से पैडी स्ट्रॉ पेलेट्स (धान के अवशेष से बने ईंधन) के साथ 20% को-फायरिंग अनिवार्य होगी।

गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए विशेष निर्देश क्या हैं?

  • दोनों शहरों में वाहनों, उद्योगों और निर्माण स्थलों पर सख्ती बढ़ाई जाएगी ताकि धूल प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके।
  • NGT और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, 10 साल से पुराने डीज़ल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लागू है — इससे लगभग 15 लाख वाहन प्रभावित होंगे।
  • 500 वर्गमीटर से बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स को HSPCB डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा, CCTV व लो-कॉस्ट सेंसर्स लगाना होगा, और हर पंद्रह दिन में सेल्फ-ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और साइट बंद करने की कार्रवाई होगी।
  • 695 रेड-कैटेगरी इंडस्ट्रीज़ में अब ऑनलाइन एमिशन मॉनिटर लगाए गए हैं, जो सीधे HSPCB से जुड़े हैं।

धूल नियंत्रण के लिए भी बड़े कदम उठाए गए हैं

गुरुग्राम में स्प्रिंकलर्स की संख्या 8 से बढ़ाकर 40 की जा रही है, और 29 नई रोड स्वीपिंग मशीनें जोड़ी गई हैं, जिससे कुल संख्या 54 हो जाएगी। 850 से अधिक एंटी-स्मॉग गन्स निर्माण स्थलों पर लगाई जाएंगी। फरीदाबाद में स्प्रिंकलर्स 25 से बढ़ाकर 38, और 15 नई स्वीपर्स जोड़ी जाएंगी। यहां लगभग 190 एंटी-स्मॉग गन्स पहले से बड़े प्रोजेक्ट्स पर कार्यरत हैं। दोनों शहरों में “लो-इमिशन ज़ोन” (कम प्रदूषण क्षेत्र) का भी परीक्षण किया जाएगा, जहां उच्च प्रदूषण वाले वाहनों का प्रवेश सीमित होगा। राज्यभर में अब तक 22 अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर्स कार्यरत हैं, और 9,700 स्क्रैप सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं, ताकि वाहन मालिकों को नए वाहन खरीदने पर टैक्स रिबेट मिल सके।

Advertisement

Advertisement
×