Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Explainer: क्यों है गुरुग्राम में DLF के फेज-1 से 5 तक सीलिंग का खतरा!

DLF Phase 1 to 5: 4183 मकानों पर अवैध निर्माण और कमर्शियल इस्तेमाल की गाज

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सांकेतिक फाइल फोटो
Advertisement

DLF Phase 1 to 5: गुरुग्राम की सबसे पॉश और हाई-प्रोफाइल कॉलोनियों में शामिल डीएलएफ फेज-1 से लेकर फेज-5 में अब हजारों मकान मालिकों की परेशानी बढ़ गई है। जिला टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) विभाग के सर्वे में सामने आया है कि 4183 घरों में नियम तोड़कर निर्माण किया गया है या फिर मकानों का इस्तेमाल गलत तरीके से व्यावसायिक कार्यों में हो रहा है।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब पूरी सूची विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी गई है, और संबंधित मकान मालिकों को 31 दिसंबर 2025 तक आपत्ति दर्ज कराने का आखिरी अवसर दिया गया है। यह पूरा मुद्दा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चल रही दो याचिकाओं से शुरू हुआ। यही नहीं, मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।

Advertisement

इन याचिकाओं में कहा गया कि घरों में बगैर अनुमति अतिरिक्त मंजिलें बनाई गईं, पार्किंग और खाली जगहों को दुकानों और दफ्तरों में बदल दिया गया, कई घरों को होटलों, पीजी और क्लीनिक में तब्दील कर दिया गया और मूल नक्शे और नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सरकार और विभाग को सर्वे और रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।

Advertisement

सर्वे में क्या सामने आया

विभाग की टीम ने सर्वे के दौरान पाया कि बड़ी संख्या में घरों में नियमों को तोड़कर निर्माण किया गया है। कई मकानों में मंजूर नक्शे से ज्यादा निर्माण किया गया और कई जगह रिहायशी मकानों को व्यावसायिक प्रयोग में बदला गया। कुछ घरों में पिछला हिस्सा, गली का रास्ता और खुली जगह भी कब्जे में ली गई है। यह सभी गतिविधियां हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन अधिनियम, 1975 का उल्लंघन हैं।

विभाग ने पब्लिक की लिस्ट

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद विभाग ने डीएलएफ फेज-1 से फेज-5 तक सभी उल्लंघन वाली प्रॉपर्टियों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इसके साथ ही 23 जनवरी, 2025 से 4 अप्रैल, 2025 तक पाए गए नए मामलों की एक अतिरिक्त सूची भी जारी की गई है।

31 दिसंबर तक आखिरी मौका

यदि किसी मकान मालिक को लगता है कि उसका नाम गलत तरीके से सूची में शामिल हो गया है या उसके पास वैध कागजात हैं, तो वह 31 दिसंबर तक लिखित रूप में आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्ति में नाम, पता, मोबाइल नंबर और प्रमाण पत्र शामिल करना जरूरी होगा। इस तारीख के बाद किसी की भी आपत्ति स्वीकार नहीं होगी। विभाग ने इसके लिए जूनियर इंजीनियर हर्षित सलूजा को सहायता के लिए नियुक्त किया है।

कोर्ट आदेश भी वेबसाइट पर

विभाग ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट के दो आदेश भी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिए हैं। हाईकोर्ट का आदेश 13 फरवरी, 2025 को आया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल और 28 अक्तूबर, 2025 को दो अलग-अलग आदेश दिए। फेजवार उल्लंघन करने वालों के फ्लैट नंबर भी वेबसाइट पर अपलोड किए हैं।

अब आगे क्या कार्रवाई

आपत्तियों पर विचार करने के बाद यदि किसी मकान में नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो विभाग अवैध हिस्से को तोड़ सकता है। भारी जुर्माना लगा सकता है। साथ ही, प्रॉपर्टी को सील भी किया जा सकता है। विभाग की ओर से जारी किए गए पब्लिक नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यह केवल जानकारी नहीं बल्कि आखिरी चेतावनी है।

Advertisement
×