Explainer: क्यों अहम है हरियाणा की नई रोजगार नीति? 1984 दंगा पीड़ित परिवारों को कैसे मिलेगा फायदा
1984 Riot Victims Employment: हरियाणा सरकार ने 1984 के सिख दंगों में मारे गए हरियाणवी पीड़ितों के परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक निर्णय लिया है। अब इन परिवारों के एक योग्य सदस्य को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से सीधी तैनाती का रास्ता खुल गया है।
मानव संसाधन विभाग की ओर से जारी ताजा अधिसूचना के अनुसार, संविदा कर्मियों की तैनाती नीति-2022 में संशोधन करते हुए सरकार ने दंगा पीड़ित परिवारों के लिए संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण प्रावधान जोड़ा है। बुधवार को जारी की गई अधिसूचना के तहत दंगा पीड़ितों के परिवार के एक सदस्य को मानवीय आधार पर तैनाती का हक दिया गया है।
इसका मतलब है कि जो परिवार 1984 की हिंसा में अपने सदस्य को खो चुके हैं - चाहे घटना हरियाणा में हुई हो या हरियाणा मूल के व्यक्ति की मौत राज्य से बाहर हुई हो, उनके लिए अब सरकारी विभागों में संविदा स्तर पर रोजगार का नया रास्ता खुलता है। कौशल रोजगार निगम ऐसे व्यक्तियों को लेवल-। से लेवल-3 के उपयुक्त जॉब रोल में तैनात करेगा। पात्रता और शैक्षणिक योग्यता वही होगी, जो निगम द्वारा पहले से निर्धारित की गई है।
समझें क्यों अहम है यह संशोधन
1984 दंगों की त्रासदी से गुजरे परिवार आज भी सामाजिक-आर्थिक संघर्ष झेलते रहे हैं। नौकरी और स्थिर आय की सुरक्षा न मिलने से कई परिवारों के हालात सुधर नहीं पाए। ऐसे में यह संशोधन न सिर्फ आर्थिक सहारा देगा, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रावधान ठीक वैसे ही लागू होगा जैसे अन्य मानवीय आधार पर नियुक्तियां होती हैं।
सभी विभागों में मिल सकेगी नौकरी
नोटिफिकेशन मंे स्पष्ट किया गया है कि सिख दंगा पीड़ितों के परिजनों लिए शुरू की गई इस सुविधा का लाभ सभी विभागों में मिलेगा। इसके लिए सभी विभाग, मंडल आयुक्त, डीसी, एसडीएम, सार्वजनिक उपक्रम, बोर्ड, विश्वविद्यालय तथा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भेजे गए हैं। इससे यह नीति सिर्फ कुछ दफ्तरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे राज्य प्रशासन पर समान रूप से लागू होगी। इससे व्यापक स्तर पर रोजगार अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
खाली पद नहीं होने पर होंगे यह प्रावधान
अधिसूचना में एक महत्वपूर्ण व्यवस्था यह भी जोड़ी गई है। यदि किसी विभाग में ऐसे जॉब रोल पहले से भरे हुए हैं, तो ऐसे उम्मीदवार को दूसरे विभाग में समायोजित किया जाएगा। कौशल रोजगार निगम संबंधित विभागों से समन्वय कर उपयुक्त पद सुनिश्चित करेगा। यदि कहीं भी इंडेंट (पद की मांग) उपलब्ध न हो, तो निगम ऐसे कर्मचारी को अपनी ही इकाई में समायोजित करेगा। यह व्यवस्था इस नीति को व्यावहारिक और प्रभावी बनाती है।
कब से लागू होगी नीति
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही यह नीति भी लागू हो गई है। यानी अब से दंगा पीड़ित परिवारों के आवेदन सीधे इस संशोधित नीति के तहत स्वीकार होंगे। यह भी क्लीय किया गया है कि सिख दंगों में मारे गए हरियाणा मूल के व्यक्ति के परिवार के एक ही सदस्य को कांट्रेक्ट आधार पर नौकरी मिलेगी।
