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Explainer: क्या है जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम, जिस पर हरियाणा स्वास्थ्य कर्मी उठा रहे सवाल

Geo Fencing Attendance System: हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में लोकेशन आधारित जिओ फेंसिंग अटेंडेंस का बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को जींद समेत पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस नए सिस्टम...
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सोमवार को जींद में सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते स्वास्थ्य विभाग अधिकारी और कर्मचारी। हप्र
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Geo Fencing Attendance System: हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में लोकेशन आधारित जिओ फेंसिंग अटेंडेंस का बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को जींद समेत पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस नए सिस्टम के विरोध में प्रदर्शन किया और संबंधित सिविल सर्जन को मांगों के ज्ञापन सौंपे। हालांकि सरकार ने कर्मचारी कार्यालय समय में आफिस में उपस्थित रहें इसके लिए यह कदम उठाया है, लेकिन कर्मचारियों की यह भी आपत्ति है कि यह सिर्फ उनके विभाग में ही क्यों लागू किया जा रहा है।

क्या है जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम?

स्वास्थ्य कर्मियों को अपने निजी मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड करना होगा। ड्यूटी टाइम में उन्हें लोकेशन ऑन रखनी होगी। जैसे ही कोई कर्मचारी अपने संस्थान से 500 मीटर दूर होगा, उसे गैरहाजिर माना जाएगा। यह अटेंडेंस ऐसे कर्मचारियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से तय की गई है, जो अक्सर ड्यूटी टाइम में अपने निजी कार्यों के लिए चले जाते हैं, लेकिन इसका विरोध सभी कर्मचारी कर रहे हैं।

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क्या हैं कर्मचारियों की आपत्तियां?

  • कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पर्सनल मोबाइल फोन में लोकेशन ऑन रखना निजता के अधिकार (Right to Privacy) का सीधा उल्लंघन है। यह संवैधानिक और नैतिक दोनों दृष्टियों से गलत है।
  • खुले तौर पर लोकेशन ट्रेस होने से किसी भी दुश्मन या असामाजिक तत्व को नुकसान पहुंचाने का अवसर मिल सकता है, जिससे कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। हालांकि लोकेशन आन सिर्फ आफिस टाइम में ही रखने को कहा गया है, लेकिन कर्मचारी फिर भी इसे सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं।
  • ऐप डाउनलोड करने और लोकेशन डेटा शेयर करने से साइबर फ्रॉड और डेटा लीक की आशंका जताई गई है।
  • सवाल यह भी उठ रहा है कि जब यह सिस्टम अन्य सरकारी विभागों में लागू नहीं किया गया है, तो केवल स्वास्थ्य विभाग को ही क्यों निशाना बनाया गया?

कर्मचारियों की मांगें क्या हैं?

  • जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
  • बायोमैट्रिक हाजिरी की पूर्व व्यवस्था को ही बनाए रखा जाए।
  • इस निर्णय को लागू करने से पहले संवाद और सहमति की प्रक्रिया अपनाई जाए।

विरोध का स्वर प्रदेशभर में क्यों गूंज रहा है?

यह केवल जींद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी स्वास्थ्य कर्मचारी इस निर्णय का सामूहिक विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यह अटेंडेंस सिस्टम सिर्फ उनके विभाग में ही क्यों लागू किया जा रहा है। कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

क्या कहती हैं सिविल सर्जन

जींद की सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली का कहना है कि जियो फेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम को विभाग के मुख्यालय के आदेशों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सिर्फ ड्यूटी टाइम पर ही लोकेशन आन रखनी है। छुट्टी के बाद वह लोकेशन ऑफ रख सकते हैं।

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