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Explainer: जलजमाव से फसलों को नुकसान, किसानों के लिए खुला ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल, जानें कैसे करता है काम

E-kshatipurti Portal: हरियाणा के कई हिस्सों में भारी और लगातार बारिश के कारण खरीफ फसलों, खासकर कपास और बाजरा, को व्यापक नुकसान हुआ है। जलभराव की वजह से फसलें बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। खासतौर पर वे किसान जिनकी...
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फाइल फोटो।
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E-kshatipurti Portal: हरियाणा के कई हिस्सों में भारी और लगातार बारिश के कारण खरीफ फसलों, खासकर कपास और बाजरा, को व्यापक नुकसान हुआ है। जलभराव की वजह से फसलें बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। खासतौर पर वे किसान जिनकी फसल पर कोई बीमा नहीं है, अब सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। राहत के तौर पर राज्य सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है, जिस पर प्रभावित किसान अपनी फसल के नुकसान का ब्यौरा अपलोड कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।

कितने जिलों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है?

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल राज्य के चार जिलों – रोहतक, चरखी दादरी, पलवल और हिसार – के किसानों के लिए खोला गया है। इन जिलों के प्रभावित गांवों के किसानों से अपील की गई है कि वे 31 अगस्त तक पोर्टल पर अपना नुकसान दर्ज करें।

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रोहतक जिले के कितने गांवों के किसान फसल नुकसान अपलोड कर सकेंगे?

रोहतक जिले में मेहम तहसील और लाखन माजरा उप-तहसील के कुल 14 गांवों के किसान पोर्टल पर अपना फसल नुकसान अपलोड कर सकेंगे। इनमें शामिल गांव हैं – मेहम, फारमाना खास, समैंण, बेदवा, बेहल्बा, सिसर खास, शेखपुर टिटरी, खेरी मेहम, भैणी भैरों, भैणी सूरजन, भैणी महाराजपुर, मदीना कोर्सन, भरान और भैणी चंदरपाल।

सरकार ने किस आधार पर पोर्टल खोला है?

सरकार ने यह पोर्टल संबंधित जिला प्रशासन से प्राप्त मैदानी स्तर पर हुए नुकसान के आकलन और उनकी सिफारिशों के आधार पर खोला है। इन आकलनों में लगातार बारिश और जलभराव के कारण खरीफ फसलों को हुए व्यापक नुकसान की पुष्टि हुई थी।

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल क्या है? यह कैसे काम करता है?

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल राज्य सरकार द्वारा बनाया गया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से किसान प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल हानि की रिपोर्ट कर सकते हैं। प्रभावित किसान पोर्टल पर लॉगिन करके अपनी क्षतिग्रस्त फसलों का विवरण अपलोड करते हैं। इसके बाद राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारी इन दावों की सत्यापन प्रक्रिया करते हैं और सरकार की नीति के अनुसार मुआवजा दिया जाता है।

फसल नुकसान को लेकर किसान संगठनों की क्या मांग है?

अखिल भारतीय किसान सभा ने मांग की है कि सरकार रोहतक के और अधिक गांवों को मुआवजा योजना में शामिल करे। संगठन ने विशेष रूप से चुलियाना, कुलताना और पाकसमा गांवों को शामिल करने की मांग की है, जिनमें उनके अनुसार लंबे समय से जलभराव के कारण फसल को गंभीर नुकसान हुआ है, लेकिन इन्हें आधिकारिक सूची में शामिल नहीं किया गया है।

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