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Explainer: 2017 से इंतजार, 2024 में नियम… फिर भी क्यों नहीं मिल रहा IRB जवानों को न्याय

India Reserve Battalion: हरियाणा पुलिस की इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) के सैकड़ों जवान पिछले 15 महीनों से जिला पुलिस सामान्य कैडर में स्थायी समायोजन (Absorption) का इंतजार कर रहे हैं। जबकि हरियाणा मंत्रिमंडल ने इसके लिए मंजूरी दे दी थी...
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सांकेतिक फोटो। Istock
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India Reserve Battalion: हरियाणा पुलिस की इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) के सैकड़ों जवान पिछले 15 महीनों से जिला पुलिस सामान्य कैडर में स्थायी समायोजन (Absorption) का इंतजार कर रहे हैं। जबकि हरियाणा मंत्रिमंडल ने इसके लिए मंजूरी दे दी थी और सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी। यह विलय आईआरबी कर्मियों की लंबे समय से चली आ रही मांग है, जिससे उन्हें बेहतर करियर प्रगति, सेवा शर्तों में समानता और जिला पुलिस में अवसर मिल सकें, लेकिन प्रशासनिक देरी के चलते योग्य जवान अब भी अधर में फंसे हुए हैं।

इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) क्या है?

आईआरबी की स्थापना हरियाणा में वर्ष 2001 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य एक रिजर्व फोर्स तैयार करना था, जिसे आपातकालीन स्थितियों, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षा अभियानों में लगाया जा सके। वर्तमान में राज्य में चार आईआरबी बटालियन हैं – दो भोंडसी (गुरुग्राम) में, एक सुनारिया (रोहतक) में और एक मानेसर (गुरुग्राम) में।

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जिला पुलिस में समायोजन की मांग क्यों उठी?

आईआरबी जवानों का कहना है कि उनकी लंबी सेवा, कठिन तैनाती और दबावपूर्ण कार्य परिस्थितियों के बावजूद उन्हें बल के भीतर उन्नति के अवसर नहीं मिलते। रिजर्व फोर्स होने के बावजूद वे परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पाते और जिला पुलिस की तुलना में कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। सामान्य कैडर में समायोजन को सेवा में समानता और उनके योगदान की पहचान दिलाने का माध्यम माना गया।

समायोजन का निर्णय कब लिया गया?

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने 15 मई 2024 को इस विलय को मंजूरी दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने 29 जुलाई 2024 को अधिसूचित किया  “हरियाणा पुलिस (इंडिया रिजर्व बटालियन के पुलिस कर्मियों का जिला पुलिस सामान्य कैडर में स्थायी समायोजन  नियम, 2024)”, जो संविधान के अनुच्छेद 309 और हरियाणा पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 92(1) के अंतर्गत बनाया गया। इसमें पात्रता शर्तें, वरिष्ठता के मानक, प्रशिक्षण और समायोजन की पूरी प्रक्रिया स्पष्ट रूप से तय की गई।

पात्रता की शर्तें क्या हैं?

इन नियमों के अनुसार हेड कांस्टेबल, सी-1 कांस्टेबल और छूट प्राप्त हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल (Exemptee) स्थायी समायोजन के पात्र हैं। शर्त है कि उन्होंने आईआरबी में 15 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी की हो, जिसमें फेज-1 और फेज-2 प्रशिक्षण शामिल है।

समायोजन की प्रक्रिया क्या है?

नियमों के अनुसार हर साल 31 जनवरी तक डीजीपी को रिक्तियां घोषित करनी होंगी। इसके बाद 28 फरवरी तक आईआरबी मुख्यालय आवेदन आमंत्रित करेगा, फिर उनकी छंटनी और अनुमोदन होगा। चयनित जवानों को इंडक्शन और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर उन्हें जिला पुलिस के सामान्य कैडर में वेतन, भत्ते, पेंशन और सेवा शर्तों में समान अधिकारों के साथ शामिल किया जाएगा। यह समायोजन हरियाणा पुलिस को और अधिक जांच अधिकारी उपलब्ध कराने में मदद करेगा, जो वर्तमान में स्टाफ की कमी से जूझ रही है।

नियम अधिसूचित होने के बावजूद प्रक्रिया क्यों अटकी?

अधिकारियों का कहना है कि नीति तुरंत लागू नहीं की जा सकती क्योंकि आईआरबी बटालियन को खाली नहीं छोड़ा जा सकता। नए कांस्टेबलों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। केवल तब, जब नए जवान आ जाएंगे, तब मौजूदा आईआरबी कर्मियों को जिला पुलिस में समायोजित किया जा सकेगा।

कब से उठ रही है यह मांग?

आईआरबी जवान 2017 से इस मांग के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि लगातार देरी से उनका मनोबल और करियर दोनों प्रभावित हो रहे हैं। नियम बन चुके हैं, अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पूर्व-सैनिकों पर क्या लागू होगा नियम?

हाल ही में कुछ पूर्व-सैनिक, जिन्होंने सेना से रिटायर होने के बाद आईआरबी ज्वाइन किया था, ने यह मांग की कि उनकी 15 साल की सेना सेवा को भी पात्रता में गिना जाए, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि नियमों के अनुसार केवल आईआरबी की 15 साल की सेवा ही मान्य होगी, सेना की सेवा इसमें नहीं जोड़ी जा सकती।

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