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Explainer: बढ़ता टैरिफ, सिकुड़ता बाजार; पानीपत के निर्यातकों की चुनौती

Panipat Textile Industry: 50 प्रतिशत टैरिफ का प्रावधान पानीपत के निर्यात उद्योग को गहरी चोट पहुंचाने वा
सांकेतिक फाइल फोटो।
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Panipat Textile Industry: ‘टेक्सटाइल सिटी’ पानीपत के कारोबारी पिछले तीन वर्षों से निर्यात कारोबार में गिरावट झेल रहे हैं और अब कारोबारियों की चिंता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद और बढ़ गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के बाजारों में महंगाई, बढ़ते मालभाड़ा शुल्क और लंबी डिलीवरी समयसीमा जैसी चुनौतियों से पहले ही निर्यात प्रभावित था। अब भारत से आने वाले माल पर 50 प्रतिशत टैरिफ का प्रावधान पानीपत के निर्यात उद्योग को गहरी चोट पहुंचाने वाला है।

पानीपत से अमेरिका को कितना निर्यात होता है?

पानीपत अपने हैंडलूम और पावरलूम उत्पादों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहां का सालाना कारोबार लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का है, जिसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता है। पानीपत के लगभग 500 निर्यातक विभिन्न प्रकार के टेक्सटाइल उत्पाद जैसे बाथमैट, फ्लोर कवरिंग, गलीचे, कालीन, बेडशीट, तौलिए, परदे, कुशन, कंबल, गद्दे दुनिया के कई देशों में भेजते हैं। इस निर्यात का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा अकेले अमेरिका के बाजार में जाता है।

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ट्रंप ने भारतीय माल पर कितना टैरिफ लगाया है?

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल अप्रैल में टैरिफ की नई कार्रवाई शुरू की थी। शुरू में उन्होंने भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था। हालांकि, बाद में ट्रंप ने 7 अगस्त से लागू होने वाले अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया। बुधवार शाम उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर भारतीय सामान पर और 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत हो गई।

ट्रंप का टैरिफ पानीपत के निर्यात कारोबार को कैसे प्रभावित करेगा?

हरियाणा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीआई), पानीपत चैप्टर के अध्यक्ष विनोद धमीजा ने कहा कि नया टैरिफ शहर के उद्योग को गहरा झटका देगा। उन्होंने कहा, “अमेरिका पानीपत के निर्यातकों का सबसे बड़ा बाज़ार है, जहां हमारे 60 प्रतिशत से अधिक निर्यात कारोबार का जुड़ाव है। यह समय क्रिसमस सीज़न के ऑर्डर्स के लिए खेप तैयार करने और गर्मियों के सीज़न के लिए बातचीत करने का होता है, जो हमारा सबसे मुनाफ़ेदार समय है। 50 प्रतिशत टैरिफ से उत्पादों की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी, जिससे बिक्री पर असर पड़ना तय है। यहां तक कि अमेरिकी खरीदार भी चिंतित हैं।”

इस सेक्टर में भारत के मुख्य प्रतिस्पर्धी कौन हैं?

अमेरिकी बाजार में भारत के वस्त्र, परिधान और रेडीमेड उत्पादों को चीन, वियतनाम, तुर्की, बांग्लादेश, मिस्र और पाकिस्तान से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। चीन अधिकांश उत्पाद श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करता है, जबकि वियतनाम परिधान में आगे है। तुर्की कालीन, परिधान, तौलिए और बाथमैट में मजबूत प्रतिस्पर्धा देता है। बांग्लादेश परिधान में, पाकिस्तान बेडशीट और तौलिए में, और मिस्र कालीन व परिधान में प्रमुख खिलाड़ी है।

हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एचईपीसी) के अध्यक्ष और पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख ललित गोयल ने कहा, “भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ बड़ा झटका है। प्रतिस्पर्धी देशों पर इससे कहीं कम ड्यूटी लगती है चीन पर 30 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 20 प्रतिशत, श्रीलंका पर 20 प्रतिशत, वियतनाम पर 20 प्रतिशत, पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत और तुर्की पर 15 प्रतिशत। इससे भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता काफी कम हो जाएगी।”

निर्यातकों का अगला कदम क्या होगा?

नया टैरिफ निकट भविष्य में भारतीय निर्यात को बुरी तरह प्रभावित करेगा, जिससे निर्यातकों को वैकल्पिक बाजार तलाशने पर मजबूर होना पड़ेगा। धमीजा ने कहा, “मौजूदा स्थिति गंभीर है। निर्यातकों को दक्षिण एशिया, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अन्य क्षेत्रों में नए बाज़ार तलाशने होंगे, ताकि कारोबार को जारी रखा जा सके।” उन्होंने केंद्र सरकार से तुरंत कार्रवाई की अपील की। कहा कि “सरकार को उद्योग की रक्षा के लिए प्रोत्साहन और सहायक उपाय करने होंगे। आने वाले हफ्तों में हालात और बिगड़ सकते हैं।”

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