Explainer: गुरुग्राम मेट्रो विस्तार, 28.5 KM, 27 स्टेशन, 5,500 करोड़ की लागत, जानें इसकी खासियत
Gurugram Metro Extension: करीब 15 साल के लंबे इंतजार के बाद गुरुग्राम को आखिरकार मेट्रो विस्तार का तोहफा मिल गया, जबकि इस दौरान एनसीआर के दूसरे शहर जैसे नोएडा में मेट्रो पूरे शहर में फैल चुकी, गुरुग्राम की मेट्रो हुडा सिटी सेंटर से आगे नहीं बढ़ पाई थी। अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘भूमि पूजन’ कर परियोजना की औपचारिक शुरुआत कर दी है।
गुरुग्राम मेट्रो विस्तार योजना क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2025 में इस परियोजना की नींव रखी थी। यह गुरुग्राम के लिए अगला बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड है। 28.5 किमी लंबा यह मेट्रो कॉरिडोर मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी होते हुए द्वारका एक्सप्रेसवे तक जाएगा। इस पर लगभग 5,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
किन-किन क्षेत्रों को जोड़ेगी नई मेट्रो लाइन?
गुरुग्राम मेट्रो विस्तार के तहत शहर के प्रमुख कारोबारी, औद्योगिक और आवासीय इलाकों को जोड़ा जाएगा। कुल 27 स्टेशन होंगे, जिनमें शामिल हैं मिलेनियम सिटी, सेक्टर 45, साइबर पार्क, सेक्टर 47, सुभाष चौक, सेक्टर 48, सेक्टर 72A, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-6, सेक्टर 10, सेक्टर 37, बसई गांव, द्वारका एक्सप्रेसवे, सेक्टर 101, सेक्टर 9, सेक्टर 7, सेक्टर 4, सेक्टर 5, अशोक विहार, सेक्टर 3, बजघेरा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर 23A, सेक्टर 22, उद्योग विहार फेज-4, उद्योग विहार फेज-5 और साइबर सिटी।
गुरुग्राम की इन्फ्रास्ट्रक्चर समस्या का समाधान कैसे होगा?
यह मेट्रो विस्तार गुरुग्राम को सुरक्षित और बेहतर सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराएगा। अभी तक शहर के ज्यादातर हिस्सों में मेट्रो न होने से सड़कों और हाइवे पर वाहनों का दबाव बढ़ा है। हाल ही में जयपुर एक्सप्रेसवे पर 2016 जैसा जाम देखने को मिला, जिसका कारण सार्वजनिक परिवहन की कमी ही बताया गया। नई मेट्रो लाइन से न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर भी काबू पाने में मदद मिलेगी।
मेट्रो विस्तार से बढ़ा राजनीतिक तापमान
विपक्ष ने भाजपा सरकार पर 10 साल तक मेट्रो विस्तार में देरी का आरोप लगाया है। वहीं, ‘भूमि पूजन’ से छह बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। राव इंदरजीत खुद को गुरुग्राम में मेट्रो लाने का श्रेय देते हैं, जब वे कांग्रेस सांसद थे। बाद में भाजपा में शामिल होने के बाद भी वे इस विस्तार को अपना सपना बताते रहे हैं और इसके लिए लगातार लड़ाई लड़ी। अब ‘भूमि पूजन’ से उनकी दूरी ने भाजपा में अंदरूनी मतभेदों की ओर इशारा कर दिया है।