Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Explainer: हरियाणा के नूंह में बढ़ते बूचड़खाने; प्रदूषण, बीमारी और राजनीति

Slaughterhouse in Nuh: हरियाणा के मेवात क्षेत्र के नूंह जिले में बूचड़खानों की बढ़ती संख्या एक नया विवाद बनती जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने इनसे होने वाले प्रदूषण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
फाइल फोटो।
Advertisement

Slaughterhouse in Nuh: हरियाणा के मेवात क्षेत्र के नूंह जिले में बूचड़खानों की बढ़ती संख्या एक नया विवाद बनती जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने इनसे होने वाले प्रदूषण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी कर रही है, जिससे बीजेपी सरकार को घेरा जा सके।

बूचड़खानों का विवाद क्या है?

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश से हटाए जा रहे बूचड़खानों को अब नूंह में स्थापित किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र को एक कचरे के डंपयार्ड में तब्दील किया जा रहा है। नूंह में पहले से ही आठ बड़े बूचड़खाने चालू हैं और लगभग 22 और निर्माणाधीन हैं।

Advertisement

इनसे निकलने वाला कचरा और अवशेष अनियंत्रित रूप से डाले जा रहे हैं, जिससे जल और वायु प्रदूषण हो रहा है। ग्रामीणों का दावा है कि बूचड़खानों के आस-पास कैंसर जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई है।

प्रमुख चिंताएं क्या हैं?

मंडीखेड़ा, नैंगला जलालपुर, फिरोजपुर, रानीका, पताखपुर और सुल्तानपुर जैसे गांवों के लोग बताते हैं कि उनकी दिनचर्या और जीवन स्तर बूचड़खानों की वजह से प्रभावित हो रहा है। इन गांवों में ज़्यादातर लोग भूमिगत जल पर निर्भर हैं, लेकिन आरोप है कि बूचड़खानों का कचरा ज़मीन में दबाया जा रहा है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में भी यह कचरा डाला जा रहा है, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

इन इलाकों में आंखों, फेफड़ों और कैंसर संबंधी बीमारियों में इज़ाफा देखा गया है। बिना ढंके और खुले में कचरा ढोने के कारण पर्यावरणीय संकट भी पैदा हो रहा है।

वर्तमान स्थिति क्या है?

निवासियों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और हरियाणा के मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत की है। नियमित रूप से 'महापंचायतों' का आयोजन किया जा रहा है। लोग इन बूचड़खानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, कुछ लोगों ने तो इन्हें जबरन बंद करने की चेतावनी भी दी है। हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री अर्चना राव ने प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आदेश दिए हैं।

यह मामला राजनीतिक कैसे बना?

कांग्रेस के स्थानीय विधायक बीजेपी सरकार पर मेवात की जनता की सेहत से खिलवाड़ करने का आरोप लगा रहे हैं। विधायक मम्मन खान ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से शिकायत कर बूचड़खानों के संचालन पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है।

Advertisement
×