Explainer: 64 साल के सफर के बाद थमेगी MIG 21 की उड़ान, 19 सितंबर को अंतिम बार दिखेगा आसमान में
Mig 21: भारतीय वायुसेना (IAF) के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले लड़ाकू विमान मिग-21 का सफर 62 वर्षों के बाद 19 सितंबर को आधिकारिक रूप से समाप्त हो जाएगा। 1963 में सेवा में शामिल हुआ यह विमान भारतीय आकाश में छह दशकों तक गरजता रहा और अब अपने अंतिम उड़ान की ओर अग्रसर है।
मिग-21 की विदाई चंडीगढ़ से
हालांकि मिग-21 के बचे हुए विमान फिलहाल राजस्थान के नल एयरबेस पर तैनात हैं, लेकिन इसकी विदाई समारोह चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन में आयोजित होने की संभावना है। यहीं 1963 में इसे No. 28 स्क्वाड्रन "द फर्स्ट सुपरसॉनिक्स" के तहत पहली बार सेवा में लिया गया था। उस समय स्क्वाड्रन का नेतृत्व कर रहे विंग कमांडर दिलबाग सिंह बाद में वायुसेना प्रमुख बने।
IAF के लड़ाकू विमानों की उम्र: केवल 15% बेड़ा 10 साल से कम पुराना
- मिग-21 के हटने के बाद वायुसेना के पास अब केवल छह प्रकार के फाइटर जेट्स रह जाएंगे, जिनमें स्वदेशी तेजस भी शामिल है। लेकिन तेजस की धीमी उत्पादन दर और स्क्वाड्रन की घटती संख्या चिंता का विषय है।
- मात्र 15% लड़ाकू विमान (जैसे तेजस और राफेल) ऐसे हैं जो 10 वर्ष से कम पुराने हैं।
- 50-60% बेड़ा, जिसमें SU-30 शामिल है, 15-25 साल पुराना है।
- 35 साल से ज्यादा पुराने विमानों में जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 शामिल हैं।
बीते दो दशक में कई पुराने विमान सेवा से बाहर
भारतीय वायुसेना को उसकी रणनीतिक जरूरतों के लिए 42 स्क्वाड्रनों की आवश्यकता है, लेकिन मिग-21 के हटने के बाद यह संख्या घटकर सिर्फ 29 स्क्वाड्रन रह जाएगी। बीते दो दशकों में मिग-21, मिग-23 और मिग-27 जैसे कई पुराने विमानों को सेवा से बाहर कर दिया गया है। हालांकि, नए विमान जैसे राफेल और तेजस को शामिल किया गया है, लेकिन ये भी तकनीकी रूप से अब भी रूस के Su-57, अमेरिका के F-35 और चीन के J-20 जैसे आधुनिक विमानों से पीछे हैं।
वायुसेना का परिवहन और हेलिकॉप्टर बेड़ा भी बूढ़ा
AN-32 और IL-76 जैसे परिवहन विमान 1980 के दशक में शामिल किए गए थे। Chetak और Cheetah हेलिकॉप्टर 1960 के दशक के हैं और अब अपनी तकनीकी उम्र पार कर चुके हैं। Avro विमान, जो 1961 में शामिल हुआ था, अब भी नेविगेशन और कम्युनिकेशन प्रशिक्षण में प्रयोग किया जाता है — यह IAF का सबसे पुराना सेवा में मौजूद विमान है।
नई शुरुआत की उम्मीद: C-17, C-130 और C-295
IAF ने हाल के वर्षों में C-17 Globemaster (2013), C-130 Super Hercules (2011) और हाल ही में C-295 (2023) को सेवा में लिया है, जो पुराने विमानों की जगह ले रहे हैं। C-130 विश्व का सबसे लंबे समय तक लगातार उत्पादित विमान है, जिसकी शुरुआत अमेरिका में 1956 में हुई थी और अब भी इसका निर्माण जारी है। (रिपोर्टः विजयमोहन)