हरियाणा में करोड़ों खर्च, लेकिन वन क्षेत्र में मामूली वृद्धि; CAMPA फंड उपयोग पर उठे सवाल
वन क्षेत्र में हुई वृद्धि के बारे में अंबाला के सांसद वरुण चौधरी द्वारा लोकसभा में पूछे गए प्रश्न से पता चला है कि करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद, 2019 से 2023 के बीच राज्य में वन क्षेत्र में सिर्फ 12 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों में हरियाणा को CAMPA (कंपेन्सेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) के अंतर्गत 982.08 करोड़ रुपये, नगर वन योजना के अंतर्गत 4.49 करोड़ रुपये, वन अग्नि निवारण एवं प्रबंधन योजना (FPM) के अंतर्गत 0.17 करोड़ रुपये और हरित भारत मिशन के अंतर्गत 7.88 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। कुल मिलाकर केंद्र से 994.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
हरियाणा में 2019 और 2023 के बीच वन आवरण में कितनी वृद्धि देखी गई?
भारत राज्य वन रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2019 के अनुसार, हरियाणा का वन क्षेत्र 1,602 वर्ग किलोमीटर था, जो आईएसएफआर 2023 में बढ़कर 1,614.26 वर्ग किलोमीटर हो गया, यानी 12.26 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि। हिमाचल प्रदेश (एचपी) में 146.35 वर्ग किलोमीटर और जम्मू-कश्मीर (जेएंडके) में 224.39 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में वृद्धि देखी गई। हालांकि, पंजाब में 2.91 वर्ग किलोमीटर की गिरावट देखी गई।
हरियाणा में 2013 से 2023 के बीच वन आवरण में कितनी वृद्धि हुई
आईएसएफआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 और 2023 के बीच हरियाणा में वन क्षेत्र में मात्र 30.88 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश में 897.35 वर्ग किलोमीटर और पंजाब में 55.31 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। जम्मू-कश्मीर में वन क्षेत्र में 398.12 वर्ग किलोमीटर और लद्दाख में 807.92 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई।
CAMPA फंड के उपयोग पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रस्तुत की गई केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक हरियाणा में वनीकरण का लक्ष्य 5,803.08 हेक्टेयर था, जिसमें से 5,012.91 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया।
CEC रिपोर्ट के मुताबिक, इन वर्षों के लिए केंद्र सरकार ने 962.22 करोड़ का वित्तीय अनुमोदन दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने 1,041.03 करोड़ जारी किए, जो स्वीकृत राशि से अधिक है (108.19%)। फिर भी CAMPA फंड का केवल 57.38% ही व्यय किया गया।
निगरानी व सफलता दर
राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक आंतरिक निगरानी तथा वर्ष 2020-21 तक थर्ड पार्टी निगरानी पूरी कर ली है। वर्ष 2021-22 की निगरानी का कार्य नई दिल्ली की IORA इकोलॉजिकल सॉल्यूशंस प्रा. लि. को सौंपा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वनीकरण की सफलता दर 60% से 80% के बीच रही है। यह पूरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश (29 अगस्त 2024) के तहत, टी. एन. गोडावर्मन बनाम भारत सरकार मामले में तैयार की गई है।