Explainer : यमुनानगर में चुनौतियों के बीच आबकारी विभाग ने 55 में से 54 शराब जोन किए नीलाम
यमुनानगर जिले में शराब के जोनों की नीलामी प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। ठेकेदारों को असामाजिक तत्वों द्वारा धमकी मिलने और अन्य कारणों के चलते यह प्रक्रिया प्रभावित हुई। लेकिन आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों की कड़ी मेहनत के चलते जिले में कुल 55 में से 54 शराब जोनों की नीलामी सफलतापूर्वक कर ली गई है। अब केवल एक जोन की नीलामी बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। ठेकेदारों की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग ने पुलिस कर्मियों की तैनाती शराब दुकानों पर की है ताकि सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके। एक जोन में दो दुकानें होती हैं और जिले में कुल 110 शराब की दुकानें हैं यानी 55 शराब जोन हैं।
शराब जोनों के लिए कुल आरक्षित मूल्य कितना रखा गया है?
आबकारी एवं कराधान विभाग ने जिले में 55 शराब जोन बनाए हैं, जिनका कुल आरक्षित मूल्य 484.77 करोड़ रुपये रखा गया है। इस वर्ष विभाग ने देशी शराब और भारतीय निर्मित विदेशी शराब की खुदरा दुकानों की नीलामी आबकारी नीति वर्ष 2025-27 के लिए 21 महीनों की अवधि के लिए की है। कोविड महामारी के बाद से आबकारी वर्ष 12 जून से शुरू होने लगा था, लेकिन इस बार नीलामी 31 मार्च 2027 तक की गई है, ताकि अगला आबकारी वर्ष 1 अप्रैल 2027 से शुरू हो सके।
नीलामी में क्यों हुई देरी ?
यमुनानगर जिले में शराब जोनों की नीलामी की पहली बोली 31 मई को हुई थी। अब तक विभाग 16 दौर की नीलामी कर चुका है और 54 जोनों की अलॉटमेंट कर चुका है। नीलामी में देरी के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें ठेकेदारों को असामाजिक तत्वों द्वारा दी गई धमकियां प्रमुख हैं। आरोप हैं कि ये तत्व व्यापारिक लाभ के लिए ठेकेदारों पर दबाव बना रहे थे।
जिले में कुल कितने शराब जोन हैं?
पिछली आबकारी नीति में जिले में 56 शराब जोन थे। लेकिन इस बार एक जोन को घटा दिया गया है, जो कि जगाधरी के सेक्टर 18 में स्थित था। स्थानीय लोगों के विरोध के कारण उस जोन को ठीक से संचालित नहीं किया जा सका। अब 2025-27 की आबकारी नीति के तहत जिले में कुल 55 शराब जोन बनाए गए हैं।
शराब जोनों की नीलामी की वर्तमान स्थिति क्या है?
अब तक 54 शराब जोनों की नीलामी हो चुकी है, केवल एक जोन (जो कि कांसापुर गांव में स्थित है) की नीलामी बाकी है। यह प्रक्रिया 49 दिनों में पूरी की गई। पहली नीलामी 31 मई को हुई थी और 16वां दौर 18 जुलाई को संपन्न हुआ।
अधिकारी क्या कहते हैं?
आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष अलॉट किए गए शराब जोनों के लाइसेंस शुल्क में पिछले वर्ष की तुलना में 2.51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकारियों ने कहा कि जिले में शराब जोनों का संचालन सुचारू रूप से हो, इसके लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।