ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

गोली चली तो गोला

अपनी शर्तों पर ही शांति की पहल
Advertisement

पहलगाम आंतकी हमले के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम के चलते ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होते ही पाक स्थित बहावलपुर, मुरीदके व मुजफ्फराबाद में आतंकी ठिकानों को सेना ने मिट्टी में मिला दिया। फिर एक बार भारतीय सेना प्रोफेशनल मानकों पर खरी उतरी। जिसमें वायुसेना-नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ‘ऑपरेशन-सिंदूर’ की कामयाबी से बौखालए पाक ने एलओसी समेत कई शहरों पर हमले किये, जिसे हमारे प्रतिरक्षातंत्र ने विफल किया। विदेशी डिफेंस सिस्टम के साथ मिलाकर बनायी गई कई परतों वाली प्रतिरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के तमाम हमले विफल कर दिए। तमाम विदेशी रक्षा विशेषज्ञों ने इस प्रणाली की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। भारत के मारक हमलों के सामने असहाय पाकिस्तान ने अमेरिका, सऊदी अरब व चीन जैसे देशों से सीज़ फायर के लिये गुहार लगायी। लेकिन भारत ने अपनी शर्तों पर सीज़ फायर पर सहमति जतायी। साथ ही साफ किया कि भविष्य में कोई आतंकी घटना देश में होती है तो उसे युद्ध के तौर पर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि सीमा पार से यदि कोई गोली चली तो उसका जवाब गोले से दिया जाएगा। सीज़ फायर के लिये प्रयास कर रहे अमेरिका को भी यह स्पष्ट कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर विपक्ष लगातार कहता रहा कि इस मामले में तीसरे देश की भूमिका कतई स्वीकार नहीं की जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति के कश्मीर में मध्यस्थता के कथन को भी सिरे से खारिज किया गया।

उल्लेखनीय है कि न्यूयार्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार प्रधानमंत्री ने अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस को साफ बताया था कि पाकिस्तान की किसी भी हरकत की प्रतिक्रिया विनाशकारी साबित हो सकती है। निस्संदेह, भारत की सटीक कार्रवाई और पाकिस्तान के हमलों को विफल बनाने से दुनिया में स्पष्ट संदेश गया कि भारत एशिया की एक बड़ी शक्ति है। यह भी कि भारत अपनी सु्रक्षा को लेकर न केवल सतर्क है बल्कि पाकिस्तानी हमलों को विफल बनाने की ताकत भी रखता है। भारतीय सेनाओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन इसकी मिसाल है। आधुनिक तकनीक व मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र के बूते भारत पाक के सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों व प्रतिरक्षा प्रणाली को करारी चोट देने में सफल हुआ। पाक को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। वहीं उसके मित्र तुर्की व चीन द्वारा दिए गए हथियारों, ड्रोन व प्रतिरक्षा प्रणाली को भारतीय सेनाओं ने नेस्तनाबूद कर दिया। हमने दुनिया को बताया कि हम अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे। वहीं यदि पाकिस्तान ने फिर आतंकवादियों को मदद-हथियार देकर भारत पर हमले करवाये तो उसकी हर हरकत का जवाब पहले से ज्यादा ताकतवर होगा। हालांकि, शनिवार को हुए समझौते के कुछ ही घंटों के बाद सीज़ फायर के अतिक्रमण ने बता दिया कि पाकिस्तान में चुनी हुई सरकार के बजाय सेना ही समांतर रूप से सत्ता चला रही है। जिसे भारत-पाक के बीच शांति पसंद नहीं है। तभी भारत ने स्पष्ट किया है कि पाक के साथ बातचीत राजनीतिक, ईएएम स्तर पर या एनएसए के बजाय सिर्फ डीजीएमओ स्तर पर ही होगी।

Advertisement

Advertisement