सोमवार की शाम दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुए धमाके में कुछ अनमोल जिंदगियों का खत्म होना बेहद दुखद है। काफी संख्या में लोगों के घायल होने की भी खबरें हैं। धमाके के बाद आसपास के कई वाहनों में लगी आग पर काबू पाने में अग्निशमन दल को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पहली नजर में पुलिस इसे आतंकी घटना मानकर चल रही है। इसे संयोग मानें या दुर्योग कि आतंकवादियों के किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान को निशाने बनाने से पहले कार में ही धमाका हो गया। देश की केंद्रीय एजेंसियां आतंकवादियों की साजिश को बेनकाब करने में जुटी हैं। पहले फरीदाबाद में कई जगह से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी और फिर दिल्ली में धमाके का एक दिन होना, निस्संदेह किसी बड़ी साजिश की आशंका की ओर इशारा कर रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा स्थित फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में राज्य और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की साझा रेड में करीब तीन हजार किलो से अधिक विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था। इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपी कश्मीरी मूल के बताए जाते हैं। इससे पहले रविवार को गांव के एक कमरे से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद होने की बात कही जा रही है। कल पुलिस ने दूसरे घर से 2,563 संदिग्ध विस्फोटक की बरामदगी की है। बताया जाता है कि एक मौलाना ने यह घर एक डॉ. मुजामिल ने किराये पर लिया हुआ था। पुलिस तफ्तीश में जुटी है कि इस विस्फोटक का कहां इस्तेमाल किया जाना था और क्या इनके किसी आतंकी संगठन से तार जुड़े हैं। पुलिस का दावा है कि डॉक्टर के फरीदाबाद स्थित ठिकाने से अधिकारियों ने अमोनियम नाइट्रेट और अन्य रासायनिक पदार्थों सहित आईईडी बनाने की सामग्री का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है। जाहिर है, देश के भीतर बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश रची जा रही थी। इस मामले में मिल रही चौंकाने वाली जानकारी इसी ओर संकेत कर रही है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस दावा कर रही है कि उसने विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवर चिकित्सकों के एक कट्टरपंथी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। आधिकारिक सूत्र दावा कर रहे हैं कि इस साजिश का खुलासा उस समय हुआ जब श्रीनगर के नोगाम इलाके में एक पोस्टर लगा दिखा, जिसमें दुकानदारों को केंद्रीय एजेंसियों से लेन-देन न करने की चेतावनी दी गई थी। बताया जाता है कि सीसीटीवी फुटेज में पोस्टर लगाने वाले जिस व्यक्ति की शिनाख्त हुई, वह सहारनपुर में कश्मीरी मूल का डॉक्टर अदील निकला। पूछताछ में उसके श्रीनगर में कुछ अन्य डॉक्टरों से संबंधों का खुलासा हुआ। डॉ. अदील की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में डॉ. मुजामिल सहित अन्य डॉक्टरों की पहचान हुई। बताते हैं कि फरीदाबाद स्थित एक क्लीनिक से ही बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि मानवता की सेवा की शपथ लेकर चिकित्सा के पेशे में आने वाले लोग कैसे कट्टरपंथ के चलते लोगों की जिंदगी छीनने वाले खौफनाक खेल का हिस्सा बन गए। जाहिर है, इस मॉड्यूल का मकसद देश के विभिन्न हिस्सों में धमाकों के जरिये दशहत फैलाना ही रहा होगा। निश्चय ही बड़ी मात्रा में विस्फोटकों की बरामदगी तथा आईईडी बनाने के सामान बरामद होना किसी बड़ी साजिश की ओर ही इशारा कर रहा है। निस्संदेह, राजग सरकार के दौरान दिल्ली में हुआ यह पहला बड़ा धमाका सरकार की चिंता बढ़ाने वाला है। लाल किले मेट्रो स्टेशन के निकट हुए धमाके में इस्तेमाल कार में बैठे एक घायल व्यक्ति की गिरफ्तारी की खबर कुछ सूचना माध्यमों में देखी गई। यदि वाकई गिरफ्तार व्यक्ति साजिशकर्ताओं का साथी निकला तो पुलिस को इस आतंकी षड्यंत्र की तह तक पहुंचने में मदद मिल सकेगी। जिससे अनेक लोगों को किसी बड़ी आतंकी साजिश का शिकार होने से बचाया जा सकेगा। संभव है कि इस देशी मॉड्यूल को पाक पोषित किसी बड़े आतंकी संगठन की शह मिली हो। बहरहाल, दिल्ली में मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को विशेष सतर्कता बरतने का सबक जरूर दिया है। गृह मंत्रालय व एनआई, एफएसएल, एनआईए, एनएसजी आदि विभिन्न एजेंसियों की सक्रियता बता रही है कि सरकार घटना को गंभीरता से ले रही है। विश्वास करें कि सुरक्षा एजेंसियां धमाके करने वालों तक पहुंचने में शीघ्र कामयाब हो सकेंगी।

