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ठंड में लाभकारी खास जड़ी-बूटियां

अदरक, तुलसी तथा अश्वगंधा

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सर्दियों में बार-बार खांसी-जुकाम, अपच और सुस्ती आदि परेशानियां आती हैं, यानी इम्यूनिटी कम हो जाती है। इन समस्याओं से बचाव व मुक्ति दिलाने में कुछ आयुर्वेदिक औषधियां कारगर हैं। इनमें अदरक, तुलसी और अश्वगंधा प्रमुख हैं। सुबह अदरक, तुलसी की चाय या काढ़ा शरीर को गर्मी व ऊर्जा प्रदान करता है।

अदरक, तुलसी और अश्वगंधा यूं तो हर मौसम में शरीर के लिए अलग-अलग वजहों से फायदेमंद हैं। लेकिन सर्दियों की समस्याओं के लिए ये तीनों औषधियां बहुत कारगर हैं। सर्दियों की आम समस्याओं से छुटकारा दिलाने में इनका कोई सानी नहीं है। सर्द मौसम में शरीर की आंतरिक गर्मी घट जाती है। खून का प्रवाह धीमा पड़ जाता है और प्रतिरोधक क्षमता कम पड़ जाती है। इसलिए आयुर्वेद में सर्दियों का मुकाबला करने के लिए इस हर्बल त्रई को सर्वोत्तम माना गया है। ये तीनों जडी-बूटियां मिलकर ठंड और मौसमी रोगों से हमारा बचाव करती हैं। सर्दियां आते ही उसके साथ-साथ कई शारीरिक तकलीफें भी चली आती हैं। मसलन खांसी-जुकाम, गला खराब, शरीर में ठंड लगना, हाथ-पैर सुन्न पड़ना, बार बार जुकाम-नजले और बुखार की चपेट में आना यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता का घटना। सुबह भारीपन का अहसास, सांस में ठंडक की जलन और दिनभर कमजोरी व थकावट। जानिये कैसे इन सबमें राहत के लिए अदरक, तुलसी और अश्वगंधा का संयोजन कारगर है :

अदरक- सर्दियों का प्राकृतिक हीटर

जब ठंडी हवा से शरीर का तापमान गिरने लगता है, तब अदरक का इस्तेमाल लाभकारी है। सर्दियों में अदरक का इस्तेमाल नाक जाम होने से, गला खराब होने से रोकता है, वहीं ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से हाथ-पैर गर्म रहते हैं। अदरक इस मौसम में हमारे पाचन को भी सुधारता है और शरीर में भारीपन खत्म करता है। सुबह अदरक वाली काली चाय या काढ़ा विशेष रूप से कारगर है। वहीं शहद के साथ अदरक का छोटा टुकड़ा चूसने से भी राहत मिलती है।

तुलसी- रोगरोधी हर्ब 

आयुर्वेद में तुलसी को सर्दियों का मौसम की सबसे शक्तिशाली रोगरोधी कवच माना जाता है। यह एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल होती है। खांसी और गले की सूजन को रोकती है। सांस की नली साफ रखती है व नाक, कान, गला तीनों की सुरक्षा करती है। तुलसी की सात से दस पत्तियां सुबह चाय या काढ़े के साथ ली जा सकती हैं।

विंटर टॉनिक है अश्वगंधा

अश्वगंधा के इस्तेमाल से हम सर्दियों में थकान, कमजोरी से दूर रहते हैं। अश्वगंधा में प्रतिरोधक क्षमता है। इससे हम कई तरह के दर्द से बचे रहते हैं। नींद सुधरती है, तनाव घटता है तथा शरीर को अश्वगंधा भीतर से मजबूती देता है। इसे रात में दूध के साथ एक चम्मच या गुनगुने पानी से लेना फायदेमंद है।

तीनों जड़ी-बूटियों के सामूहिक फायदे

जब सर्दियों में हम इन तीनों जड़ी बूटियों यानी शक्ति त्रई का एक साथ इस्तेमाल करते हैं, तो हमें कई तरह की सर्दियों में होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है। मसलन, इस शक्ति त्रई के इस्तेमाल से खांसी-जुकाम से बचाव होता है। अदरक और तुलसी मिलकर सर्दी जुकाम के वायरस को बढ़ने नहीं देते और अश्वगंधा की प्रतिरोध ऊर्जा हमें सर्दी लगने से बचाती है। वहीं जब ठंडी हवा गले में सूजन पैदा करती है, तब ये तीनों जड़ी बूटियां उसे ऐसा नहीं करने देती। क्योंकि तुलसी गले को प्राकृतिक एंटीसैप्टिक की तरह साफ करती है और अदरक गर्माहट देकर दर्द कम करता है। रक्त संचार को तेज करता है और शरीर को गर्म रखता है। इसी तरह सर्दियों में कमजोरी और सुस्ती खास तौरपर आती है। ऐसे में अश्वगंधा का सेवन विंटर हीटर का काम करता है। नींद अच्छी आती है और ऊर्जा बनी रहती है। अदरक पाचन के लिए कारगर दवा है।

इस तरह अगर सर्दियों में लगातार 15 से 20 दिन सुबह-शाम हम इस हर्बल त्रई का इस्तेमाल करें, तो खांसी-जुकाम आपसे दूर दूर भागेंगे या तेजी से कम होंगे।

 -इ.रि.सें.

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