Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

संभावनाओं से भरपूर सेमीकंडक्टर सेक्टर

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में इंजीनियरिंग, विज्ञान व तकनीक के कई अलग-अलग क्षेत्रों के युवाओं के लिए शानदार संभावनाएं हैं। मसलन चिप डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग पेशेवरों के लिए इस सेक्टर में बहुत स्कोप है। देश में पांव पसार रहे इस सेक्टर...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में इंजीनियरिंग, विज्ञान व तकनीक के कई अलग-अलग क्षेत्रों के युवाओं के लिए शानदार संभावनाएं हैं। मसलन चिप डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग पेशेवरों के लिए इस सेक्टर में बहुत स्कोप है। देश में पांव पसार रहे इस सेक्टर में विदेशी कंपनियां भी निवेश कर रही हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक यह क्षेत्र करीब 10 लाख जॉब उपलब्ध करायेगा।

आज की दुनिया डिजिटल टेक्नोलॉजी पर टिकी है। चाहे मोबाइल फोन हो, चाहे लैपटॉप हो, चाहे स्मार्ट टीवी हो, चाहे कोई इलेक्ट्रिक वाहन हो, कोई मेडिकल उपकरण हो, सैटेलाइट हो या फिर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस मशीनें हों। इन सबकी धड़कन यही सेमीकंडक्टर चिप है। यह चिप जितनी छोटी होगी, उसका महत्व उतना ही बड़ा होगा। दुनिया की अर्थव्यवस्था इसी पर निर्भर है। हमारा देश भारत लंबे समय तक इस क्षेत्र का सिर्फ उपभोक्ता रहा है लेकिन अब तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है। भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में उपभोक्ता नहीं बल्कि निर्माता होना भी तय किया है और इसे राष्ट्रीय प्राथमिकता का क्षेत्र भी घोषित किया है। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में अरबों रुपये का निवेश किया है और भविष्य में पहले से कहीं ज्यादा निवेश की योजना है। इसलिए वर्तमान में सेमीकंडक्टर का क्षेत्र भी एक जमाने के आईटी सेक्टर की तरह अपार संभावनाओं के मुहाने पर खड़ा है।

भारत में सेमीकंडक्टर बूम

साल 2021 में भारत सरकार ने 76 हजार करोड़ का सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन पैकेज लांच किया था। इसका उद्देश्य भारत को न केवल चिप डिजाइन हब बनाना था बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग का भी वैश्विक केंद्र बनाने की योजना है। इसलिए गुजरात के डोलेरा में फैब्रिक प्लांट की नींव रखी जा चुकी है। साथ ही तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में पैकेजिंग व टेस्टिंग यूनिट स्थापित हो रहे हैं। भारत में पांव पसार रहे इस सेक्टर में अमेरिका, ताइवान और जापान की कंपनियां निवेश कर रही हैं तथा विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2030 तक यह क्षेत्र 10 लाख से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध करायेगा। इस बदलाव को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ भारत इसे ग्लोबल सप्लाई चेन में निर्णायक बनाना चाहता है। इसलिए यह कहना बिल्कुल सही है कि सेमीकंडक्टर सेक्टर कैरियर बूम के मुहाने पर खड़ा है।

कैरियर विकल्प

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री मल्टीडिसिप्लनरी है यानी यह बहुत से क्षेत्रों का मिला-जुला क्षेत्र है। इसलिए इसमें इंजीनियरिंग तथा विज्ञान व तकनीक के कई अलग-अलग क्षेत्रों के युवाओं के लिए शानदार भविष्य बनाने की सुविधा मौजूद है। मसलन चिप डिजाइन इंजीनियरों के लिए इस सेक्टर में बहुत स्कोप है। वीएलएसआई, डिजिटल, एनालॉग सर्किट डिजाइन। इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियोंमें इंटेल, पोलकॉम एनवीडिया तथा एमडी हैं। इसी तरह फैब्रिकेशन इंजीनियरों के लिए भी इस क्षेत्र में बहुत स्कोप है। जिसकी प्रमुख कंपनियां हैं- माइक्रोन, वेदांता फोक्सकॉन जेवी। टेस्टिंग और पैकेजिंग इंजीनियरों के लिए इस क्षेत्र में बहुत सारी नौकरियां हैं, जो विशेष रूप से तैयार चिप का परीक्षण करते हैं और पैकेजिंग व गुणवत्ता नियंत्रण में दखल देते हैं। आटोमेशन/प्रोसेस इंजीनियरों के लिए भी इस क्षेत्र में अनगिनत विकल्प हैं। इन्हें फैक्टरी और उत्पादन मशीनरी की देखरेख का काम करना होगा। साथ ही नैनो मैटीरियल्स रिसर्चर और आईटीआई तकनीशियन के लिए यहां बहुत सारी संभावनाएं हैं। नैनो मैटीरियल्स रिसर्चर जहां नई सामग्रियों और क्वांटम चिप पर रिसर्च करते हैं, वहीं आईटीआई टेक्नीशियन मशीन संचालन, मेंटेनेस और सपोर्ट जैसे रोल में फिट होते हैं।

कौन बना सकता है इस क्षेत्र में कैरियर

बीटेक/एमटेक छात्र- इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, कैमिकल और नैनो टेक्नोलॉजी, एमएससी/पीएचडी- फिजिक्स, मैटीरियल साइंस, इलेक्ट्रॉनिक , डिप्लोमा और आईटीआई- इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल क्षेत्र में डिप्लोमा धारक या आईटीआई से पासआउट यहां आराम से कैरियर बना सकते हैं।

प्रवेश और पढ़ाई के रास्ते

आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी- एमटेक/एमएस/पीएचडी इन वीएलएसआई, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक, सेमीकंडक्टर फिजिक्स आदि प्रवेश का आधार होगा। ग्रेड (जीएटीई) स्कोर, नई यूनिवर्सिटी/संस्थान- आईआईटी मंडी, सेमीकंडक्टर बी.टेक, मानव रचना (बीटेक ईसीई इन सेमीकंडक्टर), एसपीयू वल्लभ विद्यानगर (एमएससी इन सेमीकंडक्टर साइंस), एआईसीटीई/अप्रूव्ड कोर्स- 600 इंजीनियरिंग कॉलेज और पोलीटेक्नली हब, वीएलएसआई कोर्स चला रहे हैं। ऑनलाइन/शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन- आईआईटी कानपुर, कोरसेरा, ईडीएक्स, चिनोपसिस और केडेनस से संबंधित वीएलएसआई ट्रेनिंग।

पैकेज और नौकरी की संभावनाएं

फ्रेशर्स (बीटेक) 6 लाख से 12 लाख रुपये सालाना, एमटेक (आईआईटी/ एनआईटी/ आईआईएससी) 12 से 20 लाख रुपये सालाना, पीएचडी/रिसर्चर- 30 से 35 लाख रुपये सालाना। वहीं विदेशी कंपनियों में 50 लाख रुपये सालाना या इससे ऊपर पैकेज मिल सकते हैं।

इस तरह देखें तो भारत का सेमीकंडक्टर सेक्टर आज उस मोड़ पर खड़ा है, जहां 1990 के दशक में आईटी सेक्टर खड़ा था। आने वाले दशक में यह न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बल्कि लाखों युवाओं के लिए नये दरवाजे भी खोलेगा, जो छात्र आज इस क्षेत्र में कदम रखेंगे, वे कल के चिप योद्धा कहलाएंगे। -इ.रि.सें.

Advertisement
×