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भाई की कलाई पर सजेगी फूलों से बनी राखी

हिमाचल के नौणी यूनिवर्सिटी की पहल हिमाचल प्रदेश की डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी, नौणी ने रक्षा बंधन पर्व के लिए विशेष पहल की है। एशिया की ऐसी पहली इस यूनिवर्सिटी ने भाई-बहन के प्यार के...
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डॉ. परमार यूनिवर्सिटी नौणी के फ्लोरीकल्चर विभाग द्वारा सूखे फूलों से तैयार राखियां। -निस
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हिमाचल के नौणी यूनिवर्सिटी की पहल

हिमाचल प्रदेश की डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी, नौणी ने रक्षा बंधन पर्व के लिए विशेष पहल की है। एशिया की ऐसी पहली इस यूनिवर्सिटी ने

भाई-बहन के प्यार के प्रतीक पर्व पर सूखे फूलों से राखी तैयार की है। बहनों में इस 'फ्लोरल राखी' को लेकर खासा क्रेज है। पवित्र प्यार और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के संगम के तहत इस पहल को खासी सराहना मिल रही है। यह काम भावनाओं से ओतप्रोत के साथ-साथ ईको फ्रेंडली भी है।

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यूनिवर्सिटी के फ्लोरीकल्चर विभाग द्वारा तैयार की गई फ्लोरल राखियों की कीमत 30 से 40 रुपये के बीच है। बताया गया कि इन राखियों को तैयार करने में सूखे फूलों के अलावा प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इन राखियों के निर्माण में किसी प्रकार का प्लास्टिक या रासायनिक रंगों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यानी हानि रहित खूबसूरत उपहार भाई की कलाई के लिए। बताया जा रहा है कि हस्त निर्मित चीजों का लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। चाइनीज राखियों में प्लास्टिक, लोहा व अन्य सामग्री का इस्तेमाल होता है, जो पर्यावरण के साथ-साथ लोगों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। फूलों की ये राखियां पर्यावरण मित्र हैं।

दोहरा उद्देश्य होगा पूरा

यूनिवर्सिटी के पुष्प एवं स्थल सौंदर्य विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य न केवल राखी के त्योहार को हरित रूप देना है, बल्कि स्थानीय युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना भी है। डॉ. भारती ने कहा कि हमारे छात्र-छात्राओं ने यह राखियां स्वयं तैयार की हैं। इससे उन्हें प्रशिक्षण भी मिला और आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ाने का अवसर भी।

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