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बेहतर भविष्य हेतु पेशेवर बदलाव

पिवट का ट्रेंड
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कोई प्रोफेशनल जिस काम को कर रहा हो, जरूरत के मुताबिक उसी दिशा में या मिलती-जुलती नई दिशा की ओर बढ़ जाना कैरियर पिवट कहलाता है। इसमें कैरियर को पूरी तरह से बदलना नहीं होता बल्कि क्षमताओं को उपयोग करते हुए एक नये रास्ते पर आगे बढ़ना होता है। मसलन हाल के दशक में बहुत सारे आईटी इंजीनियरों ने वक्त की जरूरत समझते हुए अपने आपको डेटा साइंटिस्ट में बदल लिया।

कैरियर पिवट का मतलब है, अपने कैरियर को नया मोड़ देना ताकि भविष्य की जरूरतों और अपनी क्षमताओं के बीच हम सही तालमेल बिठा सकें। यानी अपने कैरियर की दिशा को बदलना। यानी कोई अभी तक जिस काम को कर रहा है, उसी दिशा में अथवा मिलती-जुलती नई दिशा की ओर बढ़ जाना। इसमें कैरियर को पूरी तरह से बदलना नहीं होता बल्कि क्षमताओं को उपयोग करते हुए एक नये रास्ते पर आगे बढ़ना होता है। हाल के दशक में बहुत सारे आईटी इंजीनियरों ने वक्त की जरूरत समझते हुए, अपने आपको डेटा साइंटिस्ट में बदल लिया। पहले जो आईटी इंजीनियर, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कर रहे थे, उन्होंने डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग सीखा और खुद को डेटा साइंटिस्ट की भूमिका में ढाल लिया। यह एक कैरियर पिवट था।

इसी तरह हाल के सालों में कई पत्रकार जो पहले कंटेंट तैयार करते थे, वह डिजिटल मार्केटिंग की तरफ चले गये। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये मार्केटिंग के गुर सीखे और अब डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर बन गये। उन्होंने अपना कौशल तो बदला, मगर उनका कम्युनिकेशन में पारंगत होने का बैकग्राउंड उनके काम आया। हाल के सालों में कई सीनियर पदों पर काम रहे, कारपोरेट एग्जीक्यूटिव ने अपने काम से इस्तीफा देकर अपना स्टार्टअप शुरू किया। यह भी कैरियर पिवट है, नौकरी से उद्यमिता की ओर।

कैरियर को नया मोड़ देने की वजहें

सवाल है कैरियर पिवट हाल के सालों में जरूरी क्यों हो गया है और जेन जेड इस पर इस कदर भरोसा क्यों कर रही है? वजह, टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है। एआई ऑटोमेशन के कारण बहुत सी पारंपरिक तकनीकें अब बदल गई हैं या अब वह काम के लायक नहीं हैं। बड़े पैमाने पर नई इंडस्ट्री भी उभर रही हैं। ग्रीन एनर्जी, सेमीकंडक्टर और हेल्थ टेक ऐसी ही नई इंडस्ट्री हैं, जो पहले से नहीं हैं। मगर इनसे मिलती-जुलती इंडस्ट्री मौजूद हैं। इसलिए उन्हीं क्षेत्रों से आकर लोग इन नई इंडस्ट्री का हिस्सा बन गये हैं और यह भी एक कैरियर पिवट है। कैरियर पिवट के पीछे एक बड़ी वजह लाइफस्टाइल की बदलती जरूरतें भी हैं। कई लोग वर्कलाइफ बैलेंस करना चाहते हैं, रिमोर्ट वर्क को प्राथमिकता दे रहे हैं, इसलिए भी कैरियर पिवट का रास्ता चुन रहे हैं।

मजबूरी के साथ नया मौका भी

सवाल है, जेन जेड के बीच तेजी से बढ़ रही कैरियर पिवट की यह प्रवृत्ति मजबूरी है या फिर नये किस्म का मौका अथवा फिर आने वाले वक्त का डर? दरअसल, यह मौका व मजबूरी का मिश्रण है। मसलन टेक्नोलॉजी और नई इंडस्ट्री जैसे एआई, ग्रीन एनर्जी, हेल्थ टेक और फिनटेक ने कई नये रास्ते खोले हैं और जिन लोगों ने समय रहते इन रास्तों की तरफ अपने कदम बढ़ाये हैं, उन्हें आकर्षक पैकेज भी मिले हैं और बड़े पैमाने पर ग्लोबल अवसर भी मिले हैं। मसलन, हाल के सालों में जिन आईटी सपोर्ट इंजीनियरों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग सीखा, तो एक झटके में वे अपनी सैलरी डबल, ट्रिपल करने में कामयाब रहे।

ताकि कैरियर सिक्योर रहे

हालांकि यह भी सही है कि कुछ क्षेत्रों में यह मजबूरी का भी सबब बना है। जैसे हाल के सालों में प्रिंट मीडिया छोड़कर बहुत सारे पत्रकार डिजिटल मीडिया, बीपीओ जॉब्स में गये हैं। क्योंकि पारंपरिक जगहें ऑटोमेशन और चैटबॉट्स के कारण खतरे में पड़ गई हैं। इस तरह देखें तो कहीं कहीं कैरियर पिवट जीविका को बचाने की मजबूरी के रूप में भी सामने आया है और जहां तक इससे ‘डर’ की बात है तो एआई और ऑटोमेशन की वजह से कई लोगों ने डर के मारे भी कैरियर पिवट किया है। क्योंकि उनकी नौकरी खतरे में थी। खासकर जनरेशन जेड और मिलेनियल्स ने जल्दी जल्दी अपनी स्किल बदली है, ताकि उनका कैरियर सिक्योर रहे। स्टैंडफोर्ड की हाल की स्टडी (2024) के मुताबिक एंट्री लेवल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रोल में जनरेशन जेड की जॉब हाल के सालों में 13 से लेकर 15 फीसदी कम हुई हैं। वहीं पश्चिमी देशों में 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसेस के दौरान यह प्रवृत्ति बहुत तेजी से दिखी थी और 2015 के बाद जब बड़े पैमाने पर अपस्किल के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म और गिग इकोनॉमी के मौके उभरे, तब कैरियर पिवट तेजी से आसान हो गया।

कोविड-19 ने इस प्रवृत्ति में बड़ी बढ़ोतरी की। तब लाखों लोगों को अचानक नौकरी खोनी पड़ी तथा जीविका के लिए नई भूमिकाओं में उतरना पड़ा। वहीं भारत में यह प्रवृत्ति साल 2000 से 2010 के दौर में बड़े पैमाने पर दिखी, जब इलेक्ट्रॉनिक्स या मैकेनिकल इंजीनियरिंग से निकलकर लोगों ने खुदको आईटी सॉफ्टवेयर में शिफ्ट किया। इसके बाद दौर आया फ्लिपकार्ट, ओला, जोमैटो और बायजू जैसी कंपनियों का, जहां कारपोरेट जॉब छोड़कर बड़ी संख्या में युवाओं ने डिजिटल कैरियर की ओर पिवट किया। -इ.रि.सें.

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