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फूड टेक्नोलॉजी के पेशे में रोजगार के मौकों की भरमार

फूड टेक्नोलॉजी में कैरियर के कई विकल्प हैं, जिनमें फूड क्वालिटी और सिक्योरिटी सुनिश्चित करना, नए उत्पाद विकसित करना, और उत्पादन प्रक्रियाओं का प्रबंधन करना प्रमुख है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और रिटेल कंपनियों, होटल और आतिथ्य उद्योग, एफएमसीजी कंपनियों, खाद्य...
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फूड टेक्नोलॉजी में कैरियर के कई विकल्प हैं, जिनमें फूड क्वालिटी और सिक्योरिटी सुनिश्चित करना, नए उत्पाद विकसित करना, और उत्पादन प्रक्रियाओं का प्रबंधन करना प्रमुख है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और रिटेल कंपनियों, होटल और आतिथ्य उद्योग, एफएमसीजी कंपनियों, खाद्य पदार्थों पर शोध और संरक्षण के काम में संलग्न प्रयोगशालाओं के साथ सरकारी कृषि और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रोजगार के भरपूर अवसर मिल रहे हैं। वहीं फूड आउटलेट्स की बढ़ती शृंखलाओं में भी जॉब के मौके पैदा हो रहे हैं।

इंसान को जीने के लिए जिन तीन वस्तुओं की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह हैं रोटी, कपड़ा और मकान। इसमें भी इंसान सस्ते कपड़े पहन सकता है और छोटे मकान में अपना जीवन-यापन कर सकता है, लेकिन उसे खाने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि यही उसके जीवन को स्वस्थ बनाए रखता है। जहां तक खाने की बात है तो खाने के बिना कोई भी इंसान जीने के बारे में सोच नहीं सकता है। बदलते दौर के साथ ही हमारे खान-पान में भी बदलाव आता है। आज हमारे सामने प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड का एक नया विकल्प आया है, जो एक उद्योग की शक्ल ले चुका है। जिस तरह से हमारी निर्भरता प्रोसेस्ड और फास्ट फूड पर बढ़ती जा रही है, उसी तरह से फूड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कैरियर के अवसर भी खूब पैदा हो रहे हैं।

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फूड टेक्नोलॉजी क्या है?

फूड टेक्नोलॉजी के तहत वे सभी कार्य आते हैं जो फूड प्रोसेसिंग में रॉ इंग्रेडिएंट्स को खाने योग्य फॉर्म में बदलने के लिए किए जाते हैं। फूड टेक्नोलॉजी में 4 वर्ष की अवधि का बीई व बीटेक कोर्स करवाया जाता है। इस कोर्स में विभिन्न फूड आइटम्स पर केमिकल प्रोसेस शामिल होती हैं, जिनके इस्तेमाल से अनेक फूड प्रोडक्ट्स बाजार में बेचने के लायक और लंबे समय तक उपयोग करने के लायक बन जाते हैं। फूड टेक्नोलॉजी के माध्यम से साफ, नई कटी फसल का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है और स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक, आकर्षक और बाजार में बेचने योग्य फूड प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं।

फूड टेक्नोलॉजी में कैरियर के विकल्प

वैसे देखा जाए तो फूड टेक्नोलॉजी में कैरियर के कई विकल्प हैं, जिनमें फूड क्वालिटी और सिक्योरिटी सुनिश्चित करना, नए उत्पाद विकसित करना, और उत्पादन प्रक्रियाओं का प्रबंधन करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में खाद्य प्रौद्योगिकी, प्रक्रिया प्रौद्योगिकी, खाद्य वैज्ञानिक और नियामक मामलों के प्रबंधक जैसे पद शामिल हैं।

फूड टेक्नोलॉजिस्ट खाद्य और पेय उत्पादों के विकास और निर्माण पर काम करते हैं ताकि वे उपभोग के लिए सुरक्षित और कुशल हों। इसी तरह प्रक्रिया प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ खाद्य उत्पादन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। इस क्षेत्र में सुविज्ञता के लिए खाद्य वैज्ञानिक खाद्य पदार्थों पर अनुसंधान करते हैं और नए उत्पाद विकसित करते हैं। जबकि गुणवत्ता प्रबंधक खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने और सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। आज फूड टेक्नोलॉजी एक बड़ा व्यवसाय बन गया है। इसके कायदे बनाने तथा लागू करवाने की दिशा में खाद्य नियामक कार्य करते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि उत्पाद और प्रक्रियाएं सरकारी नियमों और मानकों का पालन करती हैं। जबकि उत्पाद विकास प्रबंधक नए खाद्य उत्पादों को विकसित करने और उन्हें बाजार में लाने की देखरेख करते हैं।

जॉब प्रोफाइल

अगर आप एक फूड टेक्नोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं तो आपको फूड प्रोसेस के सभी काम करने होंगे। इसमें उस फूड की गुणवत्ता, स्वाद और रंग-रूप का ख्याल रखना होता है। इसके अलावा एक फूड टेक्नोलॉजिस्ट कच्चे और बने हुए माल की गुणवत्ता, स्टोरेज और हाइजीन आदि की निगरानी भी करता है। एक फूड प्रोसेस यूनिट पूरी तरह से फूड टेक्नोलॉजिस्ट पर ही निर्भर करती है।

इन क्षेत्रों में हैं भरपूर अवसर

इस क्षेत्र में कैरियर बनाने वालों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और रिटेल कंपनियों, होटल और आतिथ्य उद्योग, एफएमसीजी कंपनियों, खाद्य पदार्थों पर शोध और संरक्षण के काम में संलग्न प्रयोगशालाओं के साथ भारत तथा राज्य सरकार के कृषि और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रोजगार के भरपूर अवसर मिल रहे हैं। जिस तरह से हमारे यहां देसी-विदेशी फूड आउटलेट्स की शृंखलाएं बढ़ती जा रही हैं, इस क्षेत्र में कैरियर निर्माण के अवसर भी बढ़ते जा रहे हैं। जहां शुरुआती वेतन लगभग 50,000 से 75,000 रुपए प्रति माह हो सकता है। इस समय फूड टेक्नोलॉजिस्ट की जरूरत दुनिया के हर देश को है। भविष्य में खाद्य पदार्थों की कोई कमी न हो, इसलिए हर देश फूड टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहा है, जिसमें क्वालिटी और स्वाद के साथ ही पोषक तत्वों पर काम किया जाता है। भारत में इनकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इस समय सरकारी एनजीओ से लेकर कई प्राइवेट एनजीओ हैं जो इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। कुछ अनुभव के बाद विदेशों में भी काम के अवसर बढ़ जाते हैं।

योग्यता और प्रवेश

फूड टेक्नोलॉजी में कैरियर बनाने के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित या होम साइंस में 12वीं पास होना अनिवार्य है। इसके बाद फूड साइंस, केमिस्ट्री या माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर डिग्री कर सकते हैं। यह कोर्स चार साल का होता है। वहीं बैचलर डिग्री करने के बाद फूड केमिस्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और अन्य क्षेत्रों में एडवांस डिग्री भी कर सकते हैं। साथ ही डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। अगर आपने ग्रेजुएशन पूरी कर ली है, तो आप उपरोक्त विषयों में एमएससी भी कर सकते हैं। आगे की पढ़ाई के लिए इस क्षेत्र में शोध-अध्ययन करने की भी काफी गुंजाइश है।

सरकारी कॉलेज में प्रवेश के लिए ऑल इंडिया जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम या आईआईटी के लिए जेईई मेन/एडवांस्ड जैसी प्रवेश परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना पड़ सकता है। वहीं, आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए जेईई मेन और जेईई एडवांस की परीक्षा पास करनी पड़ेगी। गेट फूड टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से आईआईएससी बेंगलूरू में दाखिला मिलेगा। इसके अलावा निजी संस्थान अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करते हैं।

अतिरिक्त योग्यताएं

फूड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में बेहतर कैरियर बनाने के लिए खाद्य विज्ञान की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उसका क्रियान्वयन उत्पादन प्रक्रिया के दौरान करने की कुशलता भी होनी चाहिए। इनकी कंप्यूटर स्किल और नई तकनीक के साथ काम करने की क्षमता भी बेहतर होनी चाहिए। कैरियर के लिए फोकस बेहतर चाहिए। इनका विश्लेषणात्मक और गणित का ज्ञान भी बेहतर होना चाहिए। स्वास्थ्य, सुरक्षा और साफ-सफाई के बारे में भी खास जानकारी होना अनिवार्य है। इन पेशेवरों को उत्पादक कंपनियों के लिए काम करना होता है, इसलिए इनका संवाद-कौशल भी अच्छा होना चाहिए।

प्रमुख संस्थान

दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली; इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली; बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी; कानपुर यूनिवर्सिटी, कानपुर; कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता; गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर; मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई; सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर; तथा बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पिलानी।

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