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शुरुआती ठंड में गुणकारी हर्ब लेमन ग्रास

सर्दियों की शुरुआत में जब शरीर खांसी, जुकाम और बुखार के संक्रमण से पीड़ित होता है तब ‘वार्मिंग हर्ब’के रूप में जानी जाने वाली लेमन ग्रास का सेवन बहुत फायदेमंद है। लेमन ग्रास का चाय अथवा अरोमा थैरेपी के रूप...

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सर्दियों की शुरुआत में जब शरीर खांसी, जुकाम और बुखार के संक्रमण से पीड़ित होता है तब ‘वार्मिंग हर्ब’के रूप में जानी जाने वाली लेमन ग्रास का सेवन बहुत फायदेमंद है। लेमन ग्रास का चाय अथवा अरोमा थैरेपी के रूप में इस्तेमाल बहुत लाभकारी है। दरअसल, लेमन ग्रास में कुदरती रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है व यह पाचन में भी मददगार है।

सर्दियों के लिए लेमन ग्रास बहुत खास होती है। इसलिए इसे सर्दियों की ‘वार्मिंग हर्ब’ कहा जाता है। क्योंकि यह केवल स्वाद या सुगंध का स्रोत नहीं है बल्कि यह प्राकृतिक रूप से गर्माहट देने वाली जड़ी बूटी है, इसलिए ठंड के शुरुआती दिनों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ व संतुलन में रखने के लिए बहुत जरूरी है। सर्दियों की शुरुआत में ही सर्दी लगने की सबसे अधिक आशंका रहती है। इसलिए लेमन ग्रास के सेवन के इन दिनों कुछ खास फायदे होते हैं।

कुदरती रोग प्रतिरोधक क्षमता

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लेमन ग्रास में कुदरती रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है, इसलिए सर्दियों की शुरुआत में जब शरीर खांसी, जुकाम और बुखार के संक्रमण से पीड़ित होता है, तब इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेमन ग्रास में सिट्रल और जेरोनियोल जैसे यौगिक मौजूद होते हैं, इसलिए ये बैक्टीरिया, वायरस और फंगस से लड़ने की जबर्दस्त क्षमता रखते हैं। जब हम लेमन ग्रास का चाय अथवा अरोमा थैरेपी के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो इससे बहुत फायदे मिलते हैं। एक कप पानी में एक इंच लेमन ग्रास का टुकड़ा या फिर इसके सूखे पत्ते डालकर पांच-सात मिनट तक उबालना चाहिए। इस पानी में अदरक, तुलसी और शहद भी मिला दिया जाए, तो फायदे कई गुना ज्यादा बढ़ जाते हैं। सर्दियों की शुरुआत में लेमन ग्रास की चाय पीने से सर्दी, जुकाम और गले की खराश में राहत मिलती है। इम्यूनिटी बढ़ती है व अपच और भारीपन से भी राहत मिलती है।

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श्वास तंत्र को फायदा

लेमन ग्रास की भाप या इसकी चाय का नियमित इस्तेमाल करने से हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम या श्वसन तंत्र को मजबूती मिलती है। क्योंकि इस मौसम में यह श्वसन तंत्र को खोलती है और हमारे गले की खराश को कम करती है। लेमन ग्रास में एक रासायनिक उत्प्रेरक शक्ति होती है, जिसके चलते यह कफ को पतला करके उसे शरीर से निकालने में मदद करती है। लेमन ग्रास का मूल स्वभाव उष्ण यानी गर्म होता है। मतलब यह हमारे रक्त संचार को बढ़ाती है। इसकी चाय से सुस्ती और ठिठुरन कम होती है।

लेमन ग्रास बाथ

सर्दियों में गुनगुने पानी में लेमन ग्रास की पत्तियां या तेल डालकर 15 से 20 मिनट तक पैरों को उस गुनगुने पानी में डुबोकर रखें और फिर लेमन ग्रास के गुनगुने पानी से स्नान कर लिया जाए, तो थकान की समस्या पूरी तरह से दूर हो जाती है। लेमन ग्रास बाथ से नींद न आने की यह समस्या भी दूर हो जाती है और हां, जिन लोगों के पैरों से इन दिनों दुर्गंध आती हो या किसी तरह का संक्रमण बार-बार हो जाता हो, उन्हें भी लेमन ग्रास का बाथ लेना चाहिए। अगर लेमन ग्रास के कुछ टुकड़ों को दालचीनी व तुलसी के साथ सूप बनाकर पिया जाए, तो वही फायदा मिलता है, जो लेमन ग्रास की चाय से मिलता है। इस मौसम में लेमन ग्रास के तेल से मांसपेशियों की मालिश करना चाहिए, जिससे मांसपेशियां स्वस्थ और सक्रिय हो जाती हैं।

भोजन पचाने में मददगार

लेमन ग्राम जहां शरीर को अंदर से गर्म रखती है, तनाव दूर भगाती है और अच्छी नींद देती है, वहीं यह सर्दियों में कुछ लोगों द्वारा जरूरत से ज्यादा खा लिए जाने पर भोजन पचाने में भी मददगार होती है। क्योंकि सर्दियों में भारी भोजन और तैलीय पकवान कुछ ज्यादा ही खाये जाते हैं। इसलिए लेमन ग्रास का सूप या चाय इन दिनों हमारे पाचनतंत्र को नियमित रखने में मददगार साबित होता है। लेमन ग्रास का सूप और चाय पीने से हमारे शरीर में पाचन रस बढ़ता है।

नेचुरल डिटॉक्सीफायर

ठंड में शरीर की गति बाकी मौसम के मुकाबले कम होती है, इसलिए इस मौसम में दूसरे मौसमों के मुकाबले टॉक्सिंस ज्यादा जमा हो जाते हैं। लेमन ग्रास का इस्तेमाल करने से ये टॉक्सिंस लघुशंका के रास्ते शरीर से निकल जाते हैं और शरीर जहरीले तत्वों से मुक्त हो जाता है। इसलिए लेमन ग्रास को नेचुरल डिटॉक्सीफायर भी कहते हैं। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त नमक, यूरिक एसिड और अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। सर्दियों की सूखी हवा में लेमन ग्रास का तेल हमारी त्वचा को जीवाणुरहित रखता है। बालों की जड़ों में रक्त संचार बढ़ाता है और डैंड्रफ खत्म करता है। -इ.रि.सें

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