‘गुड बॉय मम्मा...’ साइंटिस्ट बनने का सपना साथ लेकर तुषार चला गया
बचपन से सहता आया घर की कलह, तंग आकर सुसाइड जैसा उठाया कदम
कभी आईआईएससी बैंगलूरू में रिसर्च करने का सपना देखने वाला तुषार अब नहीं रहा। पिता से मनमुटाव और घर की कलह ने उसे भीतर तक तोड़ दिया। मंगलवार को उसने अम्बाला कैंट के नजदीक मोहड़ा रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। जेब में रखा सुसाइड नोट पढ़ने वाला हर शख्स सन्न रह गया। उसमें लिखा था, ‘गुड बॉय मम्मा, अगले जन्म में साइंटिस्ट बनूंगा।’ यह पंक्ति सिर्फ एक विदाई नहीं, एक ऐसे सपने का अंत थी, जो अधूरा रह गया।
तुषार ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वह बचपन से घर में झगड़े और हिंसा देखता आया था। तीसरी कक्षा से ही उसका मन अशांत रहने लगा था। उसने लिखा, ‘मैं अब और नहीं सह सकता। मेरे गैरजिम्मेदार पिता मेरी आत्महत्या के जिम्मेदार हैं। सॉरी मम्मा, मैं आपका अच्छा बेटा नहीं बन पाया। आपने जो भी मांगा, वो दिया। अब एक आखिरी बात कह रहा हूं, पापा को तलाक देकर बहन के साथ न्यूजीलैंड चले जाना।’
उसने आगे लिखा, ‘मेरा सपना आईआईएससी बैंगलूरू में रिसर्च करने का था। लेकिन पिता ने उसे साइंस स्ट्रीम ही नहीं दिलाई। कोई बात नहीं, अगले जन्म में साइंटिस्ट बन जाऊंगा। मुझे अपना जन्मदिन कभी पसंद नहीं था, इसलिए सोचा था कि 2 नवंबर को सुसाइड करूंगा, पर अब और सहन नहीं कर सकता।’
सपनों से भरा था मन, पर जिंदगी हार गई
शाहाबाद के हुड्डा निवासी तुषार कैंट के एसडी कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष का छात्र था। वह पढ़ाई में तेज और महत्वाकांक्षी था। दोस्तों का कहना है कि तुषार विज्ञान और अनुसंधान की बातें करते हुए भविष्य के सपनों में खो जाता था, लेकिन घर के माहौल ने उसके अंदर की रोशनी बुझा दी।
मां ने कहा, बेटा मानसिक रूप से परेशान था
जीआरपी के सब इंस्पेक्टर राज कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली तो टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
मृतक की मां ने बताया कि बेटा कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान था। तुषार के माता-पिता दोनों सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं, जबकि उसकी बहन न्यूजीलैंड में पढ़ाई कर रही है। परिवार ने किसी तरह की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया।