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मूर्तिकला के क्षेत्र में मनचाहे कैरियर को दें आकार

जो युवा मूर्तिकला के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं तो मानिये कि उनके लिए एक सम्मानजनक और कमाऊ पेशा प्रतीक्षा कर रहा है। मूर्तिकार अपने कौशल और अपनी बनाई मूर्तियों के प्रकार के आधार पर विभिन्न उद्योगों में काम...
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जो युवा मूर्तिकला के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं तो मानिये कि उनके लिए एक सम्मानजनक और कमाऊ पेशा प्रतीक्षा कर रहा है। मूर्तिकार अपने कौशल और अपनी बनाई मूर्तियों के प्रकार के आधार पर विभिन्न उद्योगों में काम कर सकते हैं। जो पेशेवर बदलते रुझानों व तकनीकों के साथ तालमेल बिठा सकते हैं, उन्हें एनीमेशन, गेमिंग, वर्चुअल रियलिटी उद्योगों में व्यापक रोजगार अवसर मिल सकते हैं।

कुछ ही दिनों के बाद नवरात्रि का समय आने वाला है। जिसमें एक से बढ़कर एक और लाखों रुपए कीमत की दुर्गा प्रतिमाएं सजी होंगी। भारत में मूर्तिकला एक प्राचीन और पारम्परिक कला है। अब यह कला और भी ज्यादा विकसित हो गई है। आजकल मूर्तिकार केवल मंदिरों में ही प्रतिमाएं नहीं बनाते बल्कि चौराहों , बगीचों , होटलों, हवेलियों से लेकर फिल्मी दुनिया के सेटों पर यह कला काम आ रही है और इससे जुड़े मूर्तिकार लाखों रुपये कमाने के साथ देश के बेहतरीन आर्ट डायरेक्टर के रूप में सम्मान भी हासिल कर रहे हैं। जिन युवाओं में मूर्तिकला का कौशल है या जो इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए पूरी दुनिया में एक सम्मानजनक और कमाऊ कैरियर प्रतीक्षा कर रहा है।

कौन होते हैं मूर्तिकार

मूर्तिकार या स्कल्प्टर पत्थर, मिट्टी, धातु, लकड़ी या मिश्रित माध्यम जैसी विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करके 3 डी कलाकृतियां बनाते हैं। वे अपनी कलात्मक कल्पनाओं को जीवंत करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिनमें नक्काशी, मॉडलिंग, ढलाई और वेल्डिंग शामिल हैं। मूर्तिकार जटिल लघु-स्तरीय कलाकृतियों से लेकर विशाल मूर्तियों तक का निर्माण और शृंगार करते हैं।

उनकी रचनात्मक प्रक्रिया में विचारों की संकल्पना करना, रेखाचित्र या मॉकेट बनाना, और इन डिज़ाइनों को मूर्त मूर्तियों में रूपांतरित करना शामिल है। मूर्तिकार रूप, संरचना और सौंदर्यशास्त्र को गहराई से समझते हैं ताकि वे आकर्षक और भावनात्मक रूप से विचारोत्तेजक कलाकृतियां बना सकें। मूर्तिकारों का काम पारंपरिक आलंकारिक रूपों तक सीमित नहीं है; बल्कि वे अक्सर अमूर्त, वैचारिक और समकालीन शैलियों का अन्वेषण करते हैं।

मूर्तिकार का कार्य

मूर्तिकारों के काम में थ्री डी कलाकृतियों की डिजाइनिंग तथा उनका निर्माण , हैण्ड टूल्स और उंगलियों का उपयोग करके मोम या मिट्टी आदि से मॉडल और वस्तुएं बनाना, चिनाई उपकरण, धातुकर्म, वेल्डिंग और उपकरणों का उपयोग करके पत्थर या धातु से कलात्मक आकृतियों का निर्माण करना, कच्चे माल को काटना, व्यवस्थित करना और बांधकर कलाकृतियां बनाना शामिल है। मूर्तिकार अनुबंध या कमीशन के तहत काम करते हैं। ये किसी स्टुडियो या फिल्म व्यवसाय में आर्ट क्रिएटर या आर्ट डायरेक्टर के रूप में भी काम करते हैं।

विभिन्न उद्योगों और परिवेशों में स्कोप

मूर्तिकार अपने कौशल, रुचियों और अपनी बनाई मूर्तियों के प्रकार के आधार पर विभिन्न उद्योगों और परिवेशों में काम कर सकते हैं। कई मूर्तिकार ललित कलाकार के रूप में काम करते हैं और प्रदर्शनियों, दीर्घाओं और कला मेलों के लिए मूर्तियां बनाते हैं। वे अपनी कलाकृतियां सीधे संग्रह करने वालों को या कला विक्रेताओं के माध्यम से बेच सकते हैं। शहरों, नगर पालिकाओं या निजी संगठनों द्वारा शुरू की गई सार्वजनिक कला परियोजनाओं में अक्सर पार्कों, चौकों और अन्य सार्वजनिक स्थानों के लिए बड़े पैमाने पर मूर्तियां बनाने के लिए मूर्तिकारों की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। फिल्म और मनोरंजन उद्योग फिल्मों, टीवी शो और थिएटर प्रस्तुतियों के लिए प्रॉप्स, सेट पीस और विशेष प्रभाव वाली मूर्तियां बनाने के लिए मूर्तिकारों को काम पर रख सकता है। वे एनीमेशन और गेमिंग में चरित्र डिजाइन में शामिल हो सकते हैं। कुछ मूर्तिकार उपभोक्ता उत्पादों, औद्योगिक डिजाइन और ऑटोमोटिव डिजाइन सहित विभिन्न उद्योगों के लिए प्रोटोटाइप और मॉडल बनाते हैं।

कैरियर के अवसर

मूर्तिकारों के लिए कैरियर गतिशील और विविध बने रहने की संभावना है। पारंपरिक मूर्तिकला की मांग जारी रह सकती है, लेकिन समकालीन और डिजिटल कला रूपों की खोज की प्रवृत्ति बढ़ रही है। तकनीकी प्रगति और डिजिटल मूर्तिकला उपकरणों का उदय अभिव्यक्ति के नए रास्ते खोल रहा है, जिससे मूर्तिकारों को पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक तरीकों के साथ मिलाने का मौका मिल रहा है।

जो मूर्तिकार बदलते रुझानों के साथ तालमेल बिठा सकते हैं, नवीन सामग्रियों को अपना सकते हैं, और अपनी रचनात्मक प्रक्रिया में तकनीक को शामिल कर सकते हैं, उन्हें एनीमेशन, गेमिंग, वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी उद्योगों में व्यापक अवसर मिल सकते हैं। सार्वजनिक कला पहल और शहरी विकास परियोजनाओं से बड़े पैमाने की मूर्तियों के लिए कमीशन जारी रखने की उम्मीद है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म कलाकारों और खरीदारों को जोड़ते जा रहे हैं, मूर्तिकार दुनिया भर में संभावित ग्राहकों तक पहुंच बना सकते हैं। हालांकि, कला जगत में प्रतिस्पर्धा अभी भी कड़ी है।

शैक्षिक योग्यताएं

मूर्ति कला के क्षेत्र में किसी शैक्षिक योग्यता के बजाए नैसर्गिक गुण तथा पारम्परिक कला का ज्ञान होना जरूरी है। फिर भी आजकल इस क्षेत्र में कैरियर बनाने वालों को बारहवी के बाद विजुअल आर्ट्स में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना जरूरी होता है। फाइन आर्ट में पीएचडी या डॉक्टरेट भी कर सकते हैं। वे विजुअल आर्टस तथा डिजाइनिंग में उपलब्ध कोर्स भी कर

सकते हैं।

उत्कृष्ट हस्त कौशल

मूर्तिकला के लिए उत्कृष्ट हस्त कौशल की आवश्यकता होती है। मूर्तिकार विभिन्न उपकरणों और सामग्रियों के साथ काम करते हैं, और माध्यम को प्रभावी ढंग से आकार देने के लिए सटीक हस्त संचालन आवश्यक है। मूर्तिकारों के लिए आजकल प्रचलित थ्री-डी टेक्निक समझना बेहद ज़रूरी है। सामंजस्यपूर्ण और सुंदर मूर्तियां बनाने के लिए थ्री-डी रूपों की कल्पना और उनके साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए। उनमें डिटेलिंग के प्रति गहरी नजर और वस्तुओं और विषयों की भौतिक विशेषताओं का अवलोकन और विश्लेषण करने की क्षमता, के साथ धैर्य और दृढ़ता ज़रूरी है।

मूर्तिकारों की आय

मूर्तिकारों की आय का स्तर उसकी कला और मूर्ति बनवाने वाले की क्षमता पर निर्भर करता है। सीमित अनुभव वाले लोगों के लिए, मासिक वेतन लगभग 50 हजार से रुपये 75 हजार रुपये तक हो सकता है। अत्यधिक अनुभवी और वरिष्ठ स्तर के सर्च मार्केटिंग रणनीतिकार, विशेष रूप से प्रतिष्ठित डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियों के लिए काम करने वाले या सफल ट्रैक रिकॉर्ड वाले, अधिकतम मासिक वेतन 70000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये या उससे अधिक तक कमा सकते हैं। जो अपने स्टूडियो में बड़ी मूर्तियां बनाकर उन्हें प्रदर्शित कर विक्रय करते हैं उनकी कमाई करोड़ों रुपये तक हो जाती है।

प्रमुख शिक्षण संस्थान

मूर्तिकार बनने के लिए देश के प्रमुख शिक्षण संस्थान हैं : बनारस हिन्दू विश्ववि़द्यालय , वाराणसी, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़,एमिटी यूनिवर्सिटी, गौतमबुद्ध नगर, फाइन आर्ट्स कॉलेज इंदौर , फाइन आर्ट्स कॉलेज ग्वालियर, साबरमति विश्वविद्यालय अहमदाबाद, सर जेजे स्कूल आफ आर्ट, मुंबई, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ोदा, जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली, विश्वभारती यूनिवर्सिटी शांतिनिकेतन, कामराजेन्द्र अकेडमी आफ विजुअल आर्टस मैसूर।

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