मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

सही विधि से ही लाभकारी है उपवास

उपवास शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए औषधि जैसा है। लेकिन एकदम अन्न छोड़ना सही नहीं। विभिन्न चरणों में व्रत की पूर्व तैयारी करें। कुछ दिन हल्के भोजन करें जैसे कि नाश्ता में फल, लंच में सलाद लें। फिर एक दिन नाश्ता...
Advertisement

उपवास शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए औषधि जैसा है। लेकिन एकदम अन्न छोड़ना सही नहीं। विभिन्न चरणों में व्रत की पूर्व तैयारी करें। कुछ दिन हल्के भोजन करें जैसे कि नाश्ता में फल, लंच में सलाद लें। फिर एक दिन नाश्ता छोड़ें, दूसरे दिन लंच कम करें व फिर डिनर कम करें।

उपवास महा औषधि का काम करता है जिससे हमारा शरीर और पाचन तंत्र सुदृढ़ बनता है। आमतौर पर लोगों में धारणा है कि उपवास का मतलब खाना छोड़ देना है। परंतु एकदम खाना छोड़ देने से उपवास का पूरा लाभ नहीं होगा। दरअसल उपवास के लिए कुछ विधियां अपनानी जरूरी हैं जैसे कि उपवास कैसे करें, तैयारी क्या करें। प्रथम तो आप अपने शरीर की जांच करें कि क्या-क्या प्रॉब्लम या व्याधियां आपको हैं। अगर आपको मोटापा है, गैस या एसिड बनता है, थके- थके रहते हो- इन सबका मतलब यह है कि आपका खाने-पीने पर कंट्रोल नहीं और बिना नियम से खाना खाते हैं। ऐसे में पहले यह निर्धारित करें कि क्या आपको उपवास पर जाना है। जानिये उपवास का महत्व क्या है, किसको रखना है व कैसे रखना है।

Advertisement

मानसिक तैयारी

उपवास के लिए आपको मानसिक तौर पर तैयार रहना होगा क्योंकि जैसे ही आप खाना बंद करेंगे तो आपके भूख के एंजाइम अपने समय पर आएंगे और खाने की आपकी इच्छा को प्रकट करेंगे। फिर आप अपने आप को रोक नहीं सकोगे या रुकोगे तो भी जबरदस्ती से। तो इसके लिए आपको तैयारी करनी होगी।

चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाएं

पहले आप कुछ दिन हल्के भोजन करने होंगे जैसे कि नाश्ता छोड़ फल इत्यादि लें, लंच में सलाद लें। यानी कुछ ऐसा करें कि आपके पाचन तंत्र पर ज्यादा बोझ न पड़े और वह धीरे-धीरे अपना काम करने लगे। इससे आपको अनुभव होगा कि मैं पहले जो रोजाना खा रहा था उसके बिना काम चल सकता है। इसके बाद के चरण में एक दिन नाश्ता छोड़ दें फिर लंच कम करें फिर रात का भोजन भी कम करें। धीरे-धीरे आपका शरीर उपवास के लिए तैयार हो जाएगा।

व्रत की जरूरत और असर

हमें उपवास क्यों करना है यह जानना भी जरूरी है। यह भी कि उपवास करने से आपके शरीर में कैसे और क्या असर होता है। हमारे शरीर में एक जीवनी शक्ति होती है जिसको हमने पाचन क्रिया से मुक्त कर दिया तो जहां-जहां भी आपके शरीर में टॉक्सिन हैं वह उनको खाना शुरू कर देती है। इससे आपको हल्कापन महसूस होगा। इस दौरान पानी नियमित पीना होगा। जैसे आजकल नवरात्रि के व्रत जारी हैं तो हम उपवास के दौरान चपाती छोड़ देते हैं और दिनभर केले, दूध , पनीर व कुट्टू की रोटी आदि खाते रहते हैं। यह तरीका सही नहीं। सही व्रत से हमारे पाचन तंत्र को विश्राम मिलता है और वह खुद को सुदृढ़ कर लेता है।

पाचन तंत्र को विश्राम

पालतू जानवर जब भी बीमार होते हैं तो अपना खाना-पीना छोड़ देते हैं। घास इत्यादि खाकर उल्टी कर लेते हैं और तब तक आराम नहीं करते जब तक उनका पाचन तंत्र पूरी तरह से ठीक ना हो जाए। इस क्रिया में दो-तीन दिन लगते हैं। उसके बाद वे अपने खाने पर आ जाते हैं। इसके विपरीत हम इंसान सारा साल हर रोज इस तरह का भोजन कर रहे हैं इसलिए हम लोग बीमार रहते हैं। उपवास का मतलब है कि हम लोग अपने पाचन तंत्र को विश्राम देकर नवरात्रों के दिनों में थोड़े-बहुत फल-सब्जी लें।

क्या सब उपवास करें

जो लोग नियमित रूप से अपना भोजन भूख के अनुसार करते हैं उनको लंबे उपवास करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन जो बिना भूख के भोजन करते हैं उनके लिए उपवास करना जरूरी है। देखा-देखी उपवास करने से पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है जिससे मांसपेशियां व हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसलिए जानकारी के बिना लंबे उपवास न करें। हां, यदि एकदम व्रत न करना चाहें तो आप उपवास छोटे-छोटे भी कर सकते हो।

उपवास काल में मन को शांत रखना बहुत जरूरी है। गांधी जी ने कहा था कि अगर उपवास काल में भोजन के साथ-साथ आप मन का उपवास भी कर ले तो आपको बहुत ही लाभ होगा। हो सके तो आप उपवास के लिए किसी नैचुरोपैथी के डॉक्टर या योगाचार्य से जानकारी ले सकते हैं।

Advertisement
Show comments