मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

बिना दवा दर्द का राहतकारी उपचार

फिजियोथेरैपी दिवस : 8 सितंबर
Advertisement

बदलते लाइफस्टाइल के चलते इन दिनों फिजियोथेरैपी की भूमिका बढ़ रही है। यह इलाज की ऐसी तकनीक है जिसमें फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह से एक्सरसाइज के जरिए मांसपेशियों को एक्टिव किया जाता है। अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में दर्द है और आप दवाइयां नहीं लेना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के जरिए आप तकलीफ दूर कर सकते हैं। इसके साइड इफेक्ट भी नहीं है।

फिजियोथेरैपी इलाज की वह पद्धति है जो दर्द कम करने, शारीरिक गतिशीलता व ताकत बढ़ाने के अलावा चोट या रोग से उत्पन्न शारीरिक समस्याओं को ठीक करने में सहायक है। इसमें एक्सरसाइज, मालिश, सिकाई करना और अन्य साधनों का इस्तेमाल किया जाता है। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस हर वर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2025 की थीम है ‘स्वस्थ वृद्ध अवस्था, गिरते स्वास्थ्य और दुर्बलता को रोकना’। जिसमें फिजियोथेरेपी और शारीरिक गतिविधि की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह थीम स्वस्थ रहने और बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के फायदों पर जोर देती है, खासकर मांसपेशियों की कमजोरी को रोकने पर। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है फिजियोथेरेपी का महत्व बताना, शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना, जागरूकता फैलाना।

Advertisement

वृद्ध अवस्था में फिजियोथेरेपी का महत्व

संतुलन और समन्वय : फिजियोथेरेपिस्ट संतुलन, समन्वय और लचीलेपन में सुधार करने के लिए व्यक्तिगत व्यायाम कार्यक्रम बनाते हैं, जिससे गिरने का खतरा कम होता है। 

मांसपेशियों की ताकत में सुधार :
फिजियोथेरेपी मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में मदद करती है, जिससे शरीर मजबूत और अधिक लचीला बनता है। स्वतंत्रता बनाए रखना:
सक्रिय रहने से व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन में स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बने रहने में मदद मिलती है। गतिविधि को बढ़ावा :
फिजियोथेरेपिस्ट व्यायाम और उपचार की सलाह देते हैं, जिससे लोग सक्रिय रह सकें।

बढ़ते जीवनशैली संबंधी रोग

कार्पल टनल सिंड्रोम ,टेनिस एल्बो,गोल्फर्स एल्बो, सर्वाइकल स्पोंडलाइटिस (गर्दन दर्द), लकवा, सायटिका, मांसपेशियों में खिंचाव, अस्थमा, घुटने व कमर दर्द , ऑस्टियो आर्थराइटिस, अल्जाइमर व पार्किंसंस रोग, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, फाइब्रोमायल्गिया, घाव, मसल्स की जकड़न, संतुलन विकार आदि कई समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। ख़राब दिनचर्या एवं जीवनशैली इसका प्रमुख कारण है। इन दिनों फिजियो के पास अधिक मरीज आने लगे हैं यानी फिजियोथेरेपी का योगदान बढ़ रहा है। मरीजों में 10 में से छह युवा होते हैं, जो चिंताजनक है।

फिजियोथेरेपी का महत्वपूर्ण स्थान

फिजियोथेरेपी इलाज की ऐसी तकनीक है जिसमें एक्सरसाइज के जरिए मांसपेशियों को एक्टिव किया जाता है,अगर आपके शरीर के किसी हिस्से में दर्द है और आप दवाइयां नहीं लेना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के जरिए आप तकलीफ दूर कर सकते हैं। इसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लेना जरूरी है।

फिजियोथेरेपी एक कारगर उपचार

फिजियोथेरेपी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से राहत प्रदान करती है। शरीर को स्वस्थ रखने और दर्द कम करने के लिए फिजियोथेरेपी एक कारगर उपाय है। इससे कई शारीरिक समस्याएं हल होती हैं। जब किसी व्यक्ति के बॉडी का अंदरूनी हिस्सा बुरी तरह से दब जाता है या मूवमेंट नहीं कर पाता है, तब यह थेरेपी दी जाती है। किसी को एक्सीडेंट या खेल के दौरान अगर गंभीर चोट लगी हो या फिर कोई पैरालिसिस का मरीज हो, तो इलाज के बाद उनकी बॉडी के कई पार्ट्स को एक्टिव बनाने में फिजियोथेरपी की अहम भूमिका रहती है। खेल में एक ट्रेनर की तरह ही टीम के साथ उसके फिजियो भी प्लेयर को फिट बनाते हैं। वहीं वर्क रिलेडेट इंजरी में भी फिजियोथेरेपी से इलाज संभव है। कोविड के दौरान फिजियोथेरेपी की अहम भूमिका रही ,यह दर्द ही नहीं, बल्कि शरीर की जटिलताओं को भी दूर करता है। तनाव को भी कम करने में मददगार साबित हो रहा है। कई बार इलाज व राहत में यह वहां से काम करना शुरू करता है, जहां से दवाएं बंद कर देती है।

अमृत काल में फिजियोथेरेपी

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में केवल 4000 योग्य फिजियोथेरेपिस्ट हैं जो 140 करोड़ की आबादी वाले विशाल देश के लिए बेहद कम हैं। निरंतर बढ़ते रोगों के लिए फिजियोथेरेपी एक बहुआयामी, बिना किसी दुष्प्रभाव का विकल्प बनकर उभरा है। साल 2021 में आया है राष्ट्रीय सहबद्ध (एलाइड) और स्वास्थ्य रेखदेख वृत्ति आयोग (एनसीएएचपी) एक्ट। उम्मीद है कि इस कमीशन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाए गांव एवं देहात में सुगम रूप से पहुंच पाएंगी। यह कमीशन स्वास्थ्य के क्षेत्र को अब केवल डाक्टर केंद्रित न रखकर मरीज केंद्रित करेगा।

देश के सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्र के युवा का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। स्वस्थ युवा ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करता है, इसलिए फिजियोथैरेपी के माध्यम से बिना किसी दुष्परिणाम के आज का युवा स्वस्थ रहकर राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे सकता है।

-लेखक पीजीआई में सेवारत हैं।

Advertisement
Show comments