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बड़ा राजनीतिक संकेत : कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह का प्रदेश में बढ़ाया कद

पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस विदेश विभाग का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर कांग्रेस आलाकमान और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनकी ईमानदारी और परिवार की गांधी परिवार के प्रति अटूट आस्था पर मुहर लगा दी है। यह...
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पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस विदेश विभाग का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर कांग्रेस आलाकमान और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनकी ईमानदारी और परिवार की गांधी परिवार के प्रति अटूट आस्था पर मुहर लगा दी है। यह अहम जिम्मेदारी मिलने के साथ ही बृजेंद्र सिंह भी पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए हैं और कांग्रेस को मजबूत करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। हिसार के पूर्व सांसद और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। आलाकमान का यह निर्णय हरियाणा की राजनीति में खास संकेत माना जा रहा है।

करीब दो वर्ष पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए बृजेंद्र सिंह को इतनी जल्दी इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना यह दर्शाता है कि कांग्रेस उन्हें प्रदेश में मजबूत चेहरा बनाना चाहती है। बृजेंद्र सिंह आईएएस अधिकारी रहते हुए भी ईमानदारी और साफ छवि के लिए जाने जाते रहे। यही कारण है कि उन्हें कांग्रेस संगठन में युवा, ईमानदार और उच्च शिक्षित नेता के रूप में बड़ी भूमिका दी गई है।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर लंबे राजनीतिक करियर में कभी जातीय राजनीति का ठप्पा नहीं लगा। जाट समुदाय से आने के बावजूद उनकी स्वीकार्यता सभी जातियों में बराबर रही। 1991 के विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी। भाजपा में 10 साल तक रहने और केंद्र में मंत्री बनने के बावजूद उन्होंने हमेशा सर्वसमाज की राजनीति की। यही उनकी और अब उनके बेटे बृजेंद्र सिंह की भी बड़ी ताकत मानी जा रही है। उचाना मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन सज्जन श्योकंद ने बृजेंद्र सिंह को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के लिए कांग्रेस आलाकमान का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बृजेंद्र सिंह की सक्रियता से पार्टी न केवल हरियाणा बल्कि पूरे उत्तर भारत में मजबूत होगी।

कांग्रेस आलाकमान द्वारा विदेश विभाग का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद बृजेंद्र सिंह ने भी पूरी तरह मैदान में उतरने का फैसला किया है। वे 2 अक्तूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर जींद से एक बड़ी राजनीतिक यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा प्रदेश के 15 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। बृजेंद्र सिंह का कहना है कि इस यात्रा से पार्टी कार्यकर्ताओं की निराशा खत्म होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही किसान, मजदूर, गरीब, पिछड़े, दलित और छोटे व्यापारी की सच्ची हितैषी पार्टी है।

कांग्रेस से पीढ़ियों का रिश्ता, गांधी परिवार से निष्ठा

बृजेंद्र सिंह का परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा है। उनके नाना चौधरी छोटूराम कांग्रेस में सक्रिय रहे और किसानों-मजदूरों के मसीहा के रूप में आज भी याद किए जाते हैं। उनके पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने 40 साल तक कांग्रेस की राजनीति की और कई बार प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2014 विधानसभा चुनाव से पहले वे भले ही भाजपा में चले गए हों, लेकिन गांधी परिवार के प्रति उनकी निष्ठा कभी कमजोर नहीं हुई।

जब चौधरी बीरेंद्र सिंह मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे तो उनकी धर्मपत्नी प्रेमलता भाजपा विधायक और बेटे बृजेंद्र सिंह सांसद थे, तब भी उचाना में उनके कॉलेज में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आधारित फोटो गैलरी जस की तस बनी रही। कॉलेज का नाम भी राजीव गांधी के नाम पर ही रखा गया। यही नहीं, भाजपा में लगभग 10 साल रहने के दौरान भी बीरेंद्र सिंह और उनके परिवार ने कभी भी राजीव गांधी, इंदिरा गांधी या राहुल गांधी की आलोचना नहीं की। कृषि कानूनों पर असहमति जताते हुए चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भाजपा में रहते ही आवाज उठाई थी और इसके बाद बृजेंद्र सिंह ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।

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