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विदेश में सुनहरे भविष्य के लिए बेहतर तैयारी

हमारे देश से हर साल हजारों विद्यार्थी व पेशेवर बेहतर शिक्षा, उच्च जीवन स्तर की चाह पूरी करने को विदेशों का रुख करते हैं। हालांकि कई विकसित देशों ने इसमें बाधाएं खड़ी कर दी हैं। इसके बावजूद विदेश में कैरियर...
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हमारे देश से हर साल हजारों विद्यार्थी व पेशेवर बेहतर शिक्षा, उच्च जीवन स्तर की चाह पूरी करने को विदेशों का रुख करते हैं। हालांकि कई विकसित देशों ने इसमें बाधाएं खड़ी कर दी हैं। इसके बावजूद विदेश में कैरियर बनाने के इच्छुक प्रतिभाशाली युवा यह सपना सच कर सकते हैं, बशर्ते उनका लक्ष्य स्पष्ट हो और पहले से ही व्यवस्थित तैयारी शुरू करें।

आज के ग्लोबल युग में लाखों भारतीय युवाओं का सपना विदेश में कैरियर बनाना होता है। हालांकि हाल के सालों में अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों ने भारतीय युवाओं के लिए कई तरह की बाधाएं खड़ी कर दी हैं लेकिन जो प्रतिभाशाली हैं और जिनका लक्ष्य विदेश में कैरियर बनाने का है, वो आज भी इसे संभव बना सकते हैं, बशर्ते इसके लिए पहले से ही लक्ष्य स्पष्ट हो और इसकी पहले से व्यवस्थित शुरुआत कर दी जाए। बेहतर शिक्षा, उच्च जीवन स्तर की चाह रखने वाले हजारों भारतीय विद्यार्थी और प्रोफेशनल हर साल विदेशों की राह पकड़ते हैं। जानिये इसकी व्यवस्थित और चरणबद्ध तैयारी कैसे करें-

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लक्ष्य स्पष्ट हो

अगर विदेश में कैरियर बनाना है, तो बहुत पहले लक्ष्य स्पष्ट और सुनिश्चित कर लेना चाहिए। आपको 10 2 की पढ़ाई के दौरान ही स्पष्ट हो कि विदेश में किस क्षेत्र में कैरियर बनाना है। सीधे नौकरी या शोध कार्य के माध्यम से जाना चाहते हैं, यह तय कर लीजिए। बहरहाल जो छात्र टेक्नोलॉजी या साइंस में रुचि रखते हों, उन्हें जर्मनी, कनाडा और अमेरिका को अपनी प्राथमिकताओं में रखना चाहिए। जो छात्र कला, डिजाइन या संस्कृति से जुड़े क्षेत्रों में कैरियर बनाने की सोच रहे हों, उनके लिए फ्रांस, इटली और जापान अच्छे विकल्प हैं। मेडिकल और हेल्थ सेक्टर में अगर कैरियर बनाना है, तो इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड का रुख करें। इसकी शुरुआत 11वीं कक्षा से कर देनी चाहिए। अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो दो साल पहले से ही इसकी योजना बना लें ताकि भाषा, डिग्री और डॉक्यूमेंटेशन की जरूरतें पूरी कर सकें।

मजबूत नींव तैयार करें

विदेशों में कैरियर के लिए केवल डिग्री ही जरूरी नहीं होती, कौशल भी बड़ी पूंजी होती है। इसलिए हर देश में काम करने या पढ़ने के लिए न्यूनतम योग्यता तय होती है। अगर अमेरिका में मास्टर्स या पीएचडी करना चाहते हैं, तो जीआरई या जीएमएटी की आवश्यकता पड़ती है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में आईईएलटीएस और टीओईएफएल स्कोर के आधार पर प्रवेश मिलता है। जबकि जर्मनी में इंजीनियरिंग या साइंस के छात्रों के लिए बी.1, बी.2 स्तर की जर्मन भाषा परीक्षा पास करनी जरूरी है। वहीं आजकल कंपनियां स्किल पर भरोसा करती हैं। इसलिए कोडिंग, डेटा एनालिटिक्स, डिजाइनिंग, डिजिटल मार्केटिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट व भाषा ज्ञान जैसी क्षमताएं जरूरी हैं। लिंक्डइन लर्निंग, कोरसेरा जैसे प्लेटफॉर्म में ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स करके आप अपनी प्रोफाइल इंटरनेशनल कसौटियों के अनुकूल बना सकते हैं।

भाषा पर पकड़

अगर अंग्रेजी भाषी देशों मसलन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इंग्लैंड में कैरियर बनाने की तमन्ना है, तो अंग्रेजी पर अच्छा अधिकार जरूरी है। अगर जर्मनी, फ्रांस और जापान जैसे देशों में कैरियर बनाना चाहते हैं, तो यहां की स्थानीय भाषाओं में दक्षता हासिल करना जरूरी होता है। इसलिए हर दिन करीब डेढ़ से दो साल तक प्रतिदिन 45 मिनट से एक घंटे तक भाषा पर अच्छी पकड़ की तैयारी करें। सोशल मीडिया में विदेशी समाचार, ब्रॉडकास्ट और इंटरव्यू सुनना फायदेमंद होता है। तैयारी 10वीं और 11वीं करने के दौरान शुरू कर दें।

वीजा नियम की जानकारी

हर देश का अपना एक वीजा नियम होता है। जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में छात्र आसानी से यहां स्थायी निवास की सुविधा भी हासिल कर सकते हैं। जबकि अमेरिका और जापान जैसे देश स्थायी निवास की सुविधा को लेकर सख्त रवैया अपनाते हैं। अतः पहले ही तय कर लें कि आपका वास्तविक लक्ष्य विदेश में स्थायी रूप से बसना है या सिर्फ नौकरी तक ही सीमित है और फिर उसी आधार पर आगे की योजना पर काम करें।

डॉक्यूमेंट्स और फाइनेंस की तैयारी

बिना पूर्ण डॉक्यूमेंट और जरूरी फाइनेंस के आप अपना विदेश का सपना पूरा ही नहीं कर सकते। आपके पास वैध पासपोर्ट होना जरूरी है। सभी तरह के शैक्षिक प्रमाणपत्र भी होने चाहिए, बैंक स्टेटमेंट यानी फंड का प्रूफ होना चाहिए। यदि नौकरी के लिए जा रहे हैं तो अनुभव का प्रमाणपत्र व शुरुआती तीन महीनों का खर्च आपके पास होना चाहिए। इसके अलावा भाषा स्कोर, पुलिस क्लियरेंस व मेडिकल सर्टिफिकेट भी बहुत जरूरी है। विदेश में पढ़ाई के लिए सालाना 15 से 20 लाख रुपये आमतौर पर लागत आती है। आपके खातों में 30 से 50 लाख रुपये होने जरूरी है। एजुकेशन लोन या स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत विदेश जाने का लक्ष्य है, तो सारी डिटेल जानकारी बहुत जरूरी है।

मानसिक तैयारी

जिस देश में कैरियर बनाने के लिए जा रहे हों, पहले से वहां की जीवनशैली, समय प्रबंधन, सामाजिक नियम और कार्य संस्कृति के बारे में आपको सबकुछ पता होना चाहिए ताकि उस देश में पहुंचने के बाद आपको भाषायी समस्या और लाइफस्टाइल की चुनौतियों से दोचार न होना पड़े। अंत में ऑनलाइन इंटरव्यू के लिए कैमरा और संचार कौशल का अभ्यास भी कर लें और विदेश रवाना होने से पहले स्वास्थ्य बीमा, अपने रहने का ठिकाना और अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्ड आदि की व्यवस्था भी कर लें। -इ.रि.सें.

 

 

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