बेहतर जीवनशैली दूर करेगी जाड़े का डिप्रेशन
कई वजहों से महिलाओं में ,ठंड के दिनों में डिप्रेशन की समस्या सामने आ सकती है। जीवनशैली के सकारात्मक बदलाव अवसाद से बचाव करते हैं। फिर भी उदासी, लो एनर्जी जैसे लक्षण नजर आयें तो डॉक्टर की सलाह से समुचित उपचार करना जरूरी है।
महिलाओं में सर्दियों का डिप्रेशन यानी मौसमी भावात्मक विकार (एसएडी) एक आम समस्या है, जो मुख्य रूप से सर्दियों के दौरान कम धूप के संपर्क में आने के कारण होती है। महिलाओं में यह ज़्यादा आम है और इसके लक्षणों में उदासी, कम ऊर्जा और सामाजिक अलगाव शामिल हो सकते हैं। सर्दियों में महिलाओं में होने वाले डिप्रेशन के उपचार में प्रकाश चिकित्सा,स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना और अन्य तरीके शामिल होते हैं।
Advertisementमौसमी भावात्मक विकार
सूर्य के प्रकाश में कमी : सर्दियों में दिन छोटे होते हैं,जिससे शरीर की आंतरिक घड़ी (सर्कैडियन रिदम) बाधित हो सकती है। इससे सेरोटोनिन जैसे मूड को प्रभावित करने वाले रसायनों के स्तर में बदलाव आ सकता है।
हार्मोनल बदलाव : महिलाओं में हार्मोनल उतार-चढ़ाव डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर मासिक धर्म चक्र,गर्भावस्था, प्रसवोत्तर और रजोनिवृत्ति के दौरान।
सामाजिक और जीवनशैली के कारक : महिलाओं में सर्दियों में होने वाले डिप्रेशन यानी मौसमी भावात्मक विकार में सामाजिक अपेक्षाएं और तनाव भी एक भूमिका निभा सकते हैं।
जैविक कारक : यह भी संभव है कि कुछ जैविक तंत्र हों जो महिलाओं में मौसमी मनोदशा के बदलाव को बढ़ाते हैं, जिन पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
भावात्मक विकार के मुख्य लक्षण
महिलाओं में सर्दियों में होने वाले डिप्रेशन यानी मौसमी भावात्मक विकार का अनुमान पीड़ित मरीज में कुछ लक्षणों से लगाया जा सकता है, मसलन : उदासी और निराशा की भावना, थकान और ऊर्जा में कमी महसूस होना, नींद की समस्या जैसे ज़्यादा सोना, भूख में बदलाव और वजन बढ़ना, सामाजिक अलगाव और दोस्तों से दूर रहना,चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई आदि।
रोग का समुचित उपचार
प्रकाश चिकित्सा : एक विशेष लाइट बॉक्स का उपयोग करने से अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यह सूर्य की रोशनी की नकल करती है।
दवाएं : डॉक्टर से परामर्श के बाद कुछ दवाओं का सेवन खास तौर पर सहायक हो सकता है।
जीवनशैली में बदलाव : सक्रिय रहें तो सर्दियों में होने वाले डिप्रेशन से दूर रहने में मदद मिल सकती है। वहीं व्यायाम करना चाहिये जैसे कि योग या सैर।
संतुलित आहार : एक स्वस्थ और संतुलित आहार ग्रहण करने के नियमों का पालन करें।
सामाजिक रूप से जुड़ें : दोस्तों के साथ मेलजोल व लगातार बातचीत जारी रखें। वहीं परिवार के साथ जुड़े रहें।
नियमित नींद : सर्दियों में अवसाद को दूर रखने के लिए एक नियमित नींद कार्यक्रम बनाए रखें।
परामर्श मनोचिकित्सा : संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) आदि चिकित्सा नकारात्मक विचारों को प्रबंधित करने में मदद कर सकती है।
विटामिन डी : कुछ शोध बताते हैं कि सर्दियों में होने वाले डिप्रेशन में विटामिन डी की खुराक भी सहायक होती है।
