इंटरव्यू सिर्फ उम्मीदवार के ज्ञान का टेस्ट नहीं, बल्कि इसके जरिये उसकी सोच, निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास और व्यवहार को भी जांचा-परखा जाता है। साक्षात्कार लेने के मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक पहलुओं के तहत बिहेवियरल व कॉग्निटिव साइंस मोड और नॉलेज प्रिपरेशन विधियां आती हैं। वहीं इसमें बॉडी लैंग्वेज काफी अहम है।
इंटरव्यू किसी भी परीक्षा का हो, चाहे यूपीएससी ,एसएससी का हो, बैंक या राज्य सेवाओं का हो या फिर कॉर्पोरेट जॉब के लिए हो, सभी इंटरव्यू सिर्फ दो तरीके से लिए जाते हैं व इन्हें दो तरीके से ही क्रैक कर सकते हैं। किसी भी इंटरव्यू में जो दो पक्ष होते हैं, उनमें से एक मनोवैज्ञानिक होता है और दूसरा व्यावहारिक। दरअसल, इंटरव्यू सिर्फ आपके ज्ञान का टेस्ट नहीं बल्कि आपके व्यक्तित्व, सोच, निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास और व्यवहार को भी जांचने-परखने का जरिया है। शोध बताते हैं कि स्ट्रक्चर्ड प्रिपरेशन और बिहेवियरल टेक्निक तथा निरंतर प्रैक्टिस के जरिये आप इंटरव्यू को आसानी से क्रैक कर सकते हैं।
व्यावहारिक साइंस आधारित इंटरव्यू
बिहेवियरल साइंस पर आधारित इंटरव्यू आपकी दो तरीके से जांच-परख करते हैं। पहले तो वे यह जानते हैं कि आप कितनी जानकारी रखते हैं। वहीं ऐसे इंटरव्यू का दूसरा मकसद यह होता है कि आप कैसे सोचते हैं? ऐसे में हम किसी भी परीक्षा के लिए, लिए जाने वाले इंटरव्यू को ‘स्टार तकनीक’ के जरिये आसानी से क्रैक कर सकते हैं। स्टार तकनीक का मतलब है- एस यानी सिचुएशन, टी यानी टास्क, ए यानी एक्शन आर यानी रिजल्ट यानी किसी स्थिति में आपकी भूमिका क्या हो सकती है, उसमें आप कार्रवाई क्या करेंगे और नतीजे किस तरीके से हासिल करेंगे? इस तरीके से दिए गये इंटरव्यू का जवाब स्पष्ट व प्रभावी होता है।
कॉग्निटिव साइंस मोड
इंटरव्यू क्रैक करने का दूसरा तरीका कॉग्निटिव साइंस है। इस मोड पर आधारित इंटरव्यू को हम अपने दिमाग को तैयार करके क्रैक कर सकते हैं। शोध बताते हैं कि 90 सेकंड का यह ‘गोल्डेन विंडो’ होता है यानी पहले 90 सेकंड में ही इंटरव्यू लेने वाले को यह पता चल जाता है कि आप कितने पानी में हैं। शोध के मुताबिक, इस तरह के इंटरव्यू क्रैक करने के लिए आपकी भाव-भंगिमाएं तथा बॉडी लैंग्वेज बहुत महत्वपूर्ण होती है। जैसे ही इंटरव्यू कक्ष में प्रवेश करें, आपके चेहरे पर हल्की मुस्कान हो। इंटरव्यू लेने वाले शख्स या पैनल से नजरें मिलाकर नमस्कार करें। चेहरे पर रिलैक्सेशन और कदम आत्मविश्वास से भरपूर। वहीं आपको एंकरिंग टेक्नीक इस्तेमाल करनी है। यानी इंटरव्यू शुरू होने के महज 10 सेकंड पहले खुद तय करें, मैं पूरी तरह से तैयार हूं, शांत हूं और अच्छा प्रदर्शन करूंगा। विशेषज्ञ कहते हैं, दिमाग में यह सोच आते ही आत्मविश्वास आ जाता है।
बॉडी लैंग्वेज का प्रभाव
इंटरव्यू में आपके ज्ञान, व्यक्तित्व के साथ-साथ आपकी बॉडी लैंग्वेज का प्रभाव होता है। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक तो यह प्रभाव 55 प्रतिशत तक होता है। आपके बैठने की मुद्रा का असर पड़ता है। इंटरव्यू देने के लिए बैठें, तो आपकी पीठ बिल्कुल सीधी हो। हाथ घुटनों पर या टेबल से थोड़ी दूर, पैर स्थिर, कंधे खुले और गर्दन ऊपर की तरफ होनी चाहिए। यह बैलेंस्ड पोश्चर विश्वास जगाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आई कांटेक्ट सही करके इंटरव्यू आसानी से क्रैक हो सकता है। आप इंटरव्यूअर के साथ बैठे हुए 60 प्रतिशत समय सामने देखें। इंटरव्यू देने के लिए जब आप जाएं तो आपके हाथों की भूमिका छोटी हो, चाल नियंत्रित हो और अंगुलियां न चिटकाएं। बाल या चेहरा न छुएं। ये गतिविधियां एंजाइटी का संकेत मानी जाती हैं।
साइंटिफिक कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी
ऐसे इंटरव्यू में, जहां आपको इसके बारे में कोई आइडिया न हो, साइंटिफिक कम्युनिकेशन स्ट्रेट्जी तकनीक इस्तेमाल करें। इसके तहत उत्तर इस क्रम में दें- पहली लाइन में उत्तर बताएं। दूसरी लाइन में कोई तथ्य या उदाहरण पेश करें और अंत में उसे निष्कर्ष के रूप में साबित करें। यह मैथ्ड आपके उत्तर को साफ, प्रभावी और प्रोफेशनल बनाता है। आपकी भाषा साधारण हो। उत्तर छोटा हो और उत्तर देने का तरीका प्रभावशाली हो। मसलन आपको अपनी किसी कमजोरी को बताना है, तो कहें- ‘मैं दबाव की स्थिति में शांत रहना सीख रहा हूं। यह न कहें कि मेरी कमजोरी जल्दी तनाव में आ जाना है।’
नॉलेज प्रिपरेशन तरीका
इंटरव्यू क्रैक करने का सबसे प्रभावी तरीका है, नॉलेज प्रिपरेशन। इस तरीके में 20 प्रतिशत करेंट विषयों की आपकी तैयारी काम आती है। 30 फीसदी आपका व्यक्तित्व इंटरव्यू को क्रैक करता है और 40 फीसदी सफलता आपको मॉक इंटरव्यू और सेल्फ एसेस्मेंट के क्रम में आती है। जानकारों के मुताबिक, ऐसे इंटरव्यू की तैयारी के लिए आपका सवालों के उत्तर क्यों की शृंखला में देना आना जरूरी है। जैसे इंटरव्यूअर पूछे कि आप ये नौकरी क्यों चाहते हैं, तो आपकी तैयारी यह बताने की होनी चाहिए।
विशेषज्ञों के मुताबिक अपनी एंजाइटी पर काबू पाने के लिए इंटरव्यू के पांच मिनट पहले चार-चार सेकंड की तेज-तेज सांसें लें। फिर सात सेकंड तक रोकें और आठ सेकंड में अपनी सांस छोड़ें। इस वैज्ञानिक विधि से 40-50 फीसदी तक नर्वसनेस खत्म हो जाती है। कोई भी पॉवर पॉज निर्मित करने के लिए दो मिनट तक पैरों को कंधे की दूरी पर रखें। हाथ कमर पर हो और आपकी ठुड्डी ऊपर हो। -इ.रि.सें.
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