Runway Mix-up दिल्ली एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, अफगान विमान गलत रनवे पर उतरा
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर रविवार को एक गंभीर चूक के बावजूद बड़ा हादसा टल गया। काबुल से आ रही एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट FG 311 को एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने जिस रनवे पर उतरने की अनुमति...
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर रविवार को एक गंभीर चूक के बावजूद बड़ा हादसा टल गया। काबुल से आ रही एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट FG 311 को एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने जिस रनवे पर उतरने की अनुमति दी थी, विमान उससे अलग रनवे पर जाकर लैंड हो गया। सौभाग्य से उसी समय दूसरे विमान का टेकऑफ पूरा हो चुका था और टक्कर की स्थिति नहीं बनी।
डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एरियाना अफगान एयरलाइंस की ए310 उड़ान को रनवे 29L पर लैंडिंग क्लियरेंस दिया गया था। लेकिन पायलट ने विमान को रनवे 29R पर उतार दिया। यह वही रनवे था जहां से कुछ ही क्षण पहले एक अन्य विमान टेकऑफ कर रहा था। अधिकारी के मुताबिक नियामक ने घटना की जांच शुरू कर दी है और जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया चल रही है।
पायलट-इन-कमांड (PIC) ने जांचकर्ताओं को बताया कि लैंडिंग से लगभग चार नौटिकल माइल पहले विमान का इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) अचानक फेल हो गया। आईएलएस के बंद होने के बाद विमान दाईं ओर मुड़ गया और कप्तान ने विजुअल अप्रोच के जरिए रनवे पहचानकर लैंडिंग का फैसला लिया। खराब दृश्यता और नेविगेशन सहायता के बिना यह निर्णय जोखिम भरा था, जिसके चलते रनवे की चूक हो गई।
आईएलएस एक ऐसी रेडियो-नेविगेशन तकनीक है जो विमान को सटीक मार्गदर्शन प्रदान करती है, विशेषकर रात, खराब मौसम और कम दृश्यता की स्थितियों में। PIC ने यह भी दावा किया कि फाइनल अप्रोच फिक्स के बाद दोनों आईएलएस सिस्टम में खराबी आ गई थी और इस विचलन के दौरान दिल्ली टावर की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की चेतावनी नहीं दी गई।
लैंडिंग के बाद पायलट को एहसास हुआ कि विमान गलत रनवे पर उतर गया है। अधिकारी ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आईएलएस सिस्टम में खराबी विमान के उपकरणों में थी या किसी अन्य तकनीकी कारण से यह समस्या पैदा हुई।
घटना को गंभीरता से लेते हुए डीजीसीए ने एयरलाइन, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और संबंधित तकनीकी इकाइयों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अधिकारियों के अनुसार, रनवे के समानांतर संचालन के दौरान ऐसी त्रुटि अत्यंत खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि दृश्यता या समय का मामूली अंतर भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

