Chhath Puja 2025 : दिल्ली सियासत में मचा घमासान, छठ से पहले यमुना ‘साफ’ करने को लेकर छिड़ी बहस
Chhath Puja 2025 : दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने शनिवार को ‘फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया' के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि छठ से पहले यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता पिछले साल से बेहतर है। वर्मा ने पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना की।
‘आप' नेता छठ पर्व के दौरान यमुना प्रदूषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वर्मा ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने नौ और 20 अक्टूबर को पल्ला, वजीराबाद बैराज, ओखला बैराज, आईटीओ और यमुना नहर सहित आठ स्थानों से यमुना नदी के पानी के नमूने एकत्र किए। उन्होंने बताया कि इस साल निजामुद्दीन में यमुना में ‘फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया' की सांद्रता घटकर 7,900 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर रह गई है जबकि पिछले साल यह 11 लाख यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर थी।
वर्मा ने कहा कि इसी तरह पल्ला में यह संख्या 920 से घटकर 600, वजीराबाद में 16,000 से घटकर 800 और आईटीओ में 35,000 से घटकर 7,000 रह गई। मंत्री ने कहा, “वे (विपक्ष) हैरान हैं क्योंकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली हमारी सरकार बहुत काम कर रही है और महिलाएं छठ के उत्सव की तैयारियों की प्रशंसा कर रही हैं।”
वर्मा ने बताया कि आईएसबीटी से एकत्र किए गए पानी के नमूनों में भी सुधार देखा गया है और इस साल बैक्टीरिया की संख्या घटकर 8,000 रह गई है, जो 2024 में 28,000 थी। उन्होंने बताया कि ‘फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया' की सांद्रता ओखला में 18 लाख से घटकर 2,700 और आगरा नहर में 22 लाख से घटकर 1,600 रह गई है।
मंत्री ने आरोप लगाया, “आप' की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज समेत पार्टी के नेता यमुना प्रदूषण का मुद्दा उठा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि ‘आप' सरकार के शासनकाल में इस पर डीपीसीसी की कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई।” ‘आप' के सौरभ भारद्वाज ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में 23 अक्टूबर की डीपीसीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि यमुना का पानी ‘नहाने लायक भी नहीं' है और इसमें ‘खतरनाक मात्रा में मानव अपशिष्ट' मौजूद है।
