आलोक पुराणिक
बमबाजी करके चौपट करने के तरीके पुराने हैं। चीन स्मार्ट है, कर्ज देकर चौपट करता है। चीन ने बहुत पहले श्रीलंका को कर्ज दिया। कर्ज वापस न कर पाया श्रीलंका, उसके पोर्ट वगैरह पर कब्जे का सिलसिला शुरू हुआ। चीन बहुत ही खतरनाक टाइप का कर्ज देयक है। बहुत संभव है कि कुछ दिनों में श्रीलंका सरकार के मंत्रियों की धरपकड़ करके चीन अपने यहां होटलों में बर्तन साफ करवाये। पता लगे कि श्रीलंका में चाइनीज लोग ही मंत्री, प्रधानमंत्री बने बैठे हैं।
चीन की कर्ज वसूली कुछ उस टाइप की होती है जिस टाइप से तमाम निजी बैंक कार कर्ज की वसूली करते हैं। जो कर्जदार कर्ज वापस न करते, उसकी तुड़ाई करते हैं फिर कार छीन कर ले जाते हैं। श्रीलंका का हाल चीन के आगे वैसा ही है। श्रीलंका का हाल यह है कि वहां 1 कप चाय 100 रुपये की मिल रही है, 1 किलो आलू 200 रुपये के मिल रहे हैं । चीन से कर्ज लेने के बाद श्रीलंका में चाय और आलू सोने के लेवल पर जा रहे हैं।
ऐसे ही एक दिन चीन पाक का लेवल उठा देगा। चीन कर्ज देगा, फिर वसूली अपनी शर्तों पर करेगा। पाक के पास निर्यात करने के लिए सिर्फ आतंकी हैं, जिसकी कीमत डालरों में नहीं मिलती। कर्ज लेकर कार, बंगला खऱीदने वालों को बताया जाना चाहिए कि श्रीलंका वाला हिसाब हो जाता है।
एटम बम के साथ-साथ कर्जों को भी महाविनाश के हथियार घोषित कर दिया जाना चाहिए। पुराना वक्त था, जब कर्ज लिया जाता था, अब कर्ज दिया जाता है। आपको कर्ज की जरूरत है क्या-बहुत मधुर आवाज में कोई सुंदरी पूछती है, किसी बैंक से या किसी फाइनेंस कंपनी से। अरे जरूरत होगी, तो खुद ही आ जायेंगे। पर कर्ज अब दिया जाता है, ले लीजिये, कार का बड़ा साइज कर लीजिये। जी मेरी कार में बड़े आराम से लोग बैठते हैं, मुझे जरूरत नहीं है। ले लीजिये, फिर भी, ले लीजिये। बंदा सुंदरियों के आग्रह में फंस जाता है। और कमाल यह है कि अगर कर्ज का भुगतान लेट हो जाये तो फिर सुंदरी फोन न करती, फिर पहलवान आते हैं। बेचते समय सुंदरी आती है, और वसूलने को पहलवान आते हैं। यही कर्ज की कहानी है। और इतना ही नहीं, लोन न मांगो, फिर भी बैंक और फाइनेंस कंपनी वाले अप्रूव करके भेज देते हैं। ईमेल में फलां फाइनेंस कंपनी बताती है कि आपका पच्चीस लाख का लोन अप्रूव कर दिया है। मतलब मांगो या न मांगो, लोन अप्रूव हो गया है।
कई बार श्रीलंका जैसे देश ऐसे प्री-अप्रूव्ड लोन में फंस जाते हैं और फंसे ही रह जाते हैं। पाकिस्तान का हाल अलग है। पाकिस्तान तो पहले ही साफ कह सकता है कि हमारे पास तो कुछ है ही नहीं, देने को। दिखाने को सिर्फ एटम बम और देने को सिर्फ आतंकी हैं हमारे पास। पाकिस्तान से चीन वसूली कैसे कर पायेगा, यह देखकर बैंक सीखेंगे कि भिखारियों से भी वसूली की जा सकती है।