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अज्ञानी के ज्ञान से हैरत में जहान

व्यंग्य/ उलटबांसी
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आलोक पुराणिक

टीवी पर इन दिनों इतने रक्षा विशेषज्ञ आ रहे हैं कि दिनभर यही हो रहा है कि सुपरसोनिक से हमला किया या हाइपरसोनिक से हमला करना चाहिए। मुझे पहले ही माफी दे दें, मुझे सुपरसोनिक या हाइपरसोनिक के बीच का फर्क नहीं पता। यूं पता कई रक्षा विशेषज्ञों का भी नहीं होता, पर वो टीवी एक्सपर्ट होते हैं, अज्ञान वहां आभूषण है, कमजोरी नहीं।

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एक टीवी एंकर ने बताया कि ऐसे नहीं वैसे हमला करना चाहिए था पाकिस्तान पर।

मैंने उसे फोन करके बताया भाई तेरी नौकरी खबर देने की है, हमला कैसे होगा, यह तय करने के लिए भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना है। जिन्होंने युद्ध के फैसले लेने हैं, उन्होंने कई साल प्रशिक्षण लिया है, दिन-रात इसी काम में निकाले हैं। उनकी समझ पर भरोसा कीजिये।

एफ-15 और एफ-16 विमानों में फर्क क्या है, यह समझना और समझाना टेक्निकल काम है। जिन्हें ये फर्क नहीं पता वो बताने लगते हैं कि क्यों राफेल एफ-16 के मुकाबले बेहतर या खराब विमान है। यह टेक्निकल काम है। इसकी समझ के लिए पढ़ना पड़ता है, जानना पड़ता है। ऐसे एक घंटे में आप एक्सपर्ट नहीं हो सकते। अभी एक सर्जन डाक्टर ने किस्सा बताया। उन्होंने बताया कि एक टीवी एंकर का बहुत छोटा-सा ऑपरेशन करना था, बिना पूरे एनीस्थिसिया दिये, बिना पूरा बेहोश किये हुए भी वह ऑपरेशन संभव था। टीवी एंकर ने लेटते ही ज्ञान देना शुरू कर दिया, जो वह पंद्रह मिनट में गूगल से बटोरकर लाया था। तीस साल के तजुर्बे वाले डाक्टर को वह पंद्रह मिनट का ज्ञानी ज्ञान दे रहा था कि आप ऐसे नहीं वैसे ऑपरेशन करना।

डाक्टर ने फिर गुस्सा होकर उस एंकर को पूरा बेहोश करके ऑपरेशन किया।

अज्ञानी को चुप बैठना चाहिए, पर टीवी एंकर में अज्ञान को सीमा नहीं माना जाता। अज्ञान को सीमा माने बंदा तो कुछ लिखे पढ़े। अब एक एंकर से मैंने कहा कि भाई जिन विषयों पर आप बात करते हैं, उन पर कुछ पढ़ा भी कीजिये। तो उसने उलटा मेरे सामने ही शिकायत रख दी अब बताइये कि इतना पढ़ने को है, कितना पढ़ा जाये। सही बात है कितना पढ़े कोई। तो ज्ञान की जरूरत ही नहीं, जो एंकर बोले वही ज्ञान मान लिया जाये।

हाइपरसोनिक से लेकर पनडुब्बी तक हर विषय का ज्ञानी होता है एंकर। कृषि से लेकर कुचिपुड़ी तक दोनों विषयों पर समान अधिकार से बोल सकता है टीवी एंकर। पर सवाल यह है कि वह कुछ भी बोलता है तो आप सुनते क्यों हैं।

पाकिस्तान में एक सुरक्षा एक्सपर्ट हैं, वह लाल टोपी पहनकर आते हैं, उनकी पहचान ही लाल टोपी की हो गयी है। उन्होंने फरमाया कि भारतीय हवाई जहाजों द्वारा गिराये गये बमों को फरिश्तों ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तान के इस सुरक्षा एक्सपर्ट को सुनकर मुझे भारतीय सुरक्षा एक्सपर्ट परम ज्ञानी लगने लगे हैं।

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