मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

ड्रम के भ्रम में हलकान गृहस्थी

व्यंग्य/तिरछी नजर
Advertisement

अशोक गौतम

सरकारी स्कूल के हिंदी विषय के मास्टर जी बच्चों को आए दिन लव अफेयर्स से लेकर करंट अफेयर्स पर निबंध लिखवाते रहते हैं ताकि वे भविष्य के बेरोजगार युवाओं के बदले आकांक्षी युवाओं को तैयार कर सकें। आजकल के जीवन में ड्रम की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए कल उन्होंने अपनी क्लास को घर से ड्रम पर मौलिक निबंध लिख कर लाने को कहा। सुधी ड्रम प्रेमियों के समक्ष पेश है क्लास के हिंदी को स्वर्णकाल बनाने वाले सबसे होनहार छात्र का मौलिक, सारगर्भित निबंध—

Advertisement

हमारे घर की हर चीज से दो दो काम लिए जाने की परंपरा है। उदाहरण के लिए मसाला कूटने के डंडे को ही ले लीजिए। ये मसाला कूटने के काम भी आता है और शरारत करने पर हमें कूटने के काम भी।

हमारे घर में झाड़ू फर्श की सफाई करने के काम ही नहीं आता। जब हम शरारत नहीं भी करते तो वह सफाई के बजाय बेकार में भी हमारी धुनाई करने के काम आता है। कई बार मां गुस्से में आकर पिताजी को भी झाड़ू दिखा देती है। हमारे घर में चप्पल पहनने के काम ही नहीं आते। उनका भी हमारे घर में दोहरा प्रयोग होता है। चप्पल पहनने के साथ साथ जब हम बच्चे घर में कोई गलती करते हैं वह खाने के काम भी आती है।

पहले हमारे घर में दो छोटे तीन बड़े ड्रम थे। अब सब छोटे-छोटे हैं। एक ही साइज के। हमारे घर के नल में हफ्ते बाद जल आता है। इसलिए पिताजी ने तीन बड़े-बड़े ड्रम लाकर रखे थे। एक बड़ा ड्रम गुसलखाने में रखा गया था। ताकि जो हफ्ता भर पानी न आए तो हफ्ता भर उससे पानी लेकर मजे से नहाया-धोया जा सके। दूसरा बड़ा ड्रम किचन में रखा गया था। तीसरा बड़ा ड्रम बाहर क्यारियों में फूलों को पानी देने को रखा गया था। इसके अतिरिक्त हमारे घर में दो छोटे छोटे ड्रम भी हैं। इनमें सरकारी राशन की दुकान से मिले आटा चावल रखे जाते हैं।

कुछ दिन पहले पिताजी और मां ने सहमति न होने के बावजूद आपसी सहमति से बड़े बड़े ड्रम घर से हटा कबाड़ी को मुफ्त में दे दिए। जबकि मां खाली हुई टूथपेस्ट की ट्यूब तक कबाड़ी को मुफ्त में नहीं देती। अब गुसलखाने में ड्रम की जगह एक एक्स्ट्रा बाल्टी लाकर रखी गई है, जो बहुत छोटी है। जिसके चलते पानी की तंगी हो गई है। इस बारे में जब मैंने पिताजी से पूछा तो उन्होंने बताया कि इन दिनों समाज में ड्रम का पानी भरने के लिए कम दूसरे कामों में उपयोग अधिक हो रहा है। किसी भी टाइप के ड्रम आजकल सुरक्षित से अति सुरक्षित घरों में भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। ऐसे में जिस घर में ड्रम नहीं होंगे, वह घर मम्मी डैडी के लिए उतना ही सेफ होगा।

Advertisement
Show comments