मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

बाप का दमखम, बेटे की शादी न होने का गम

व्यंग्य/तिरछी नज़र
Advertisement

बेटे की शादी न होने का गम आजकल न जाने कितने माता-पिता को साल रहा है। न बेटों को नौकरी मिलती है, न उनकी शादी होती है। यह गम सिर्फ हरियाणा तक सीमित नहीं रहा। इधर राजस्थान-पंजाब तक और उधर यूपी-बिहार तक फैल चुका है। कई बार तो लगता है यह गम भी राष्ट्रीय स्तर का हो चुका है। और इधर तो जब से नेतन्याहू ने शिकायत की है कि उनके बेटे की भी शादी नहीं हो पा रही, तब से यह लगने लगा है कि यह गम तो राष्ट्रीय नहीं अंतर्राष्ट्रीय रूप ले चुका है। फर्क बस यही है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस गम का सबब बेटों की नौकरी न लगना है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेतन्याहू के बेटे की शादी न हो पाने का सबब युद्ध है।

पहले अपने यहां भी मुकदमेबाजों के बेटों की शादी में खलल आती थी। चुगलखोर चुगली कर देते थे कि कहां फंस रहे हो चौधरी, यह तो रोज थाना-कचहरी में बैठे रहते हैं। नेतन्याहू को मुकदमेबाज तो नहीं कहा जा सकता, अलबत्ता वह घोर लड़ाका जरूर है। उसके बेटे की शादी न हो पाने का सबब उसका घोर लड़ाका होना ही है, जिसे खुद उसने भी स्वीकार किया है कि युद्ध के चलते उनके बेटे की शादी नहीं हो पा रही।

Advertisement

हरियाणा में बाप बेटे को तसल्ली देता रहता है कि बस तू यह पेपर पास कर ले बेटा, बस यह टेस्ट पार कर ले, बस एक यह इंटरव्यू निकाल ले। देखना तेरे रिश्ते के लिए लोग सुबह-शाम चक्कर लगाएंगे बेटा। उधर नेतन्याहू बेटे को कहता होगा बस थोड़ा इंतजार कर ले बेटा, मैं एक बार गाजा का सफाया कर लूं। फिर धो-पौंछ कर ट्रंप अंकल को इसे उपहार में दे दूं। फिर अपने बेटे की धूमधाम से शादी करूंगा। फिर थोड़े दिन बाद नेतन्याहू का एक और बहाना होगा-अभी थोड़ा ठहर जा बेटा, वेस्ट बैंक भी तो लेना है फलस्तीनियों से। फिर उसने ईरान का बहाना बनाया होगा-बस इनके न्यूक्लियर ठिकाने नष्ट कर दूं। उसके बाद फिर कोई झंझट ही नहीं बचेगा। शादी के इंतजार में बैठा बेटा कुछ कुनमुनाता होगा तो वह कहता होगा-देख बमबारी में पैंसठ-सत्तर हजार लोग मारे जा चुके हैं, मुझे बस लाख का आंकड़ा पार कर लेने दे। फिर तेरी ऐसी शादी करूंगा कि दुनिया देखेगी।

अपने यहां चुन्नू-मुन्नू की मनुहार भी शादी कार्ड में छपी होती है। नेतन्याहू के यहां चुन्नू-मुन्नू की मनुहार नहीं होगी, उसे गजा के बच्चों की हाय का अपराध बोध होगा। अपने यहां शादी में लेडीज संगीत होता है। नि:संदेह नेतन्याहू के यहां शादी में गाजा की विधवाओं की अनुगूंज भी होगी। अपने यहां शादी में दोस्तों का डांस होता है। भाई साहब अब तो बेटे की शादी कर ही लो। आप। दुनिया को क्यों नचा रहे हो यार!

Advertisement
Show comments