शमीम शर्मा
कई बार तो किस्मत की लकीरों पर पूरा-पूरा यकीन होने लगता है। किस्मत में ना हो तो अच्छे-अच्छे लड़के बिन ब्याहे भाग्य के भरोसे रह जाते हैं। एक कुंवारे मनचले का कहना है कि महंगी से महंगी गाड़ी देखकर किसी का दिल इतना नहीं जलता जितना फूलों से सजी कार देखकर कुंवारों का जलता है। किसी ने सच ही कहा है कि शादी भी भाग्य से होती है। यह और बात है कि कई बार शादी होते ही भाग्य पलटी मार जाता है और नानी याद आने लगती है। कारण साफ है कि आजकल लड़कियों को सफेद घोड़े की जगह सफेद बीएमडब्ल्यू में मूर्ख दुल्हा भी आ जाये तो चलता है। लड़कियों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं।
विवाह के लिये अपनी इच्छा की अभिव्यक्ति लड़के अपने-अपने ढंग से करते हैं क्योंकि संकोच के मारे वे अपने मम्मी-पापा को सीधे तौर पर नहीं कह सकते कि उनकी शादी का समय आ गया है। एक बार एक कुंवारा घर में रजाई लेकर आया था। सबको पसंद भी आ गई, खूब सराही पर मजाल है कि किसी को बात समझ में आई हो। एक सीधे-सादे सरल स्वभाव के कुंवारे का कथन है कि अब तो पड़ोस के बच्चे भी बोलने लग गये हैं कि काश, आप हमारे पापा होते। ऐसे ही एक कुंवारा लड़का स्वयं को सांत्वना देते हुये कहता मिलेगा कि उसे इस बात का गम नहीं है कि उसकी शादी नहीं हुई बल्कि इस बात का अफसोस है कि किसी बाप की बेटी बेचारी कब तक कुंवारी बैठी रहेगी।
एक कहावत है कि आदमी अपने घर में सिर्फ दो ही कारणों से खुश होता है- जब बीवी नई हो या बीवी नहीं हो। पर अब दोनों ही स्थितियों में पति खुश नहीं है। नई से नई दुल्हनें भी अपने पीहर लौटने को बाध्य हो रही हैं। यह नहीं पता कि खोट कहां है। एक आदमी बता रहा था कि पिछले तीस साल से वह गीता के उपदेश के अनुरूप जीवन जी रहा है और गीता के प्रति उसका सम्मान और भी बढ़ गया है। तभी पास बैठे आदमी ने बताया कि गीता इसकी घरवाली का नाम है। एक कुंवारा यह कहता भी मिल जायेगा कि आत्महत्या दो तरह से होती है। पहला तरीका है कि गले में रस्सी डालो और लटक जाओ। दूसरा तरीका है दुल्हन के गले में वरमाला डालो और जीवन भर लटके रहो।
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एक बर की बात है अक रामप्यारी अपने घरआले पै बरसते होये बोल्ली- तन्नैं मेरे ताहीं ब्याह तंै पहल्ले क्यूं नीं बताया अक रानी नाम की तेरी एक और लुगाई है। नत्थू अपणा लहजा नरम राखते होये बोल्या- खूब बताई थी अक तेरे तै रानी की ढाल राखूंगा।