तमाम जगह लगने वाली कतारें कम हो गयी हैं, पर कतारों का आकर्षण कई कारोबारियों के लिए कम नहीं हआ है। एक वक्त था जब टेलीफोन दफ्तर के सामने लंबी कतार लगती थी-भुगतान जमा कराने वालों की, शिकायत लिखाने वालों की। यह उस वक्त की बात है जब टेलीफोन सेवा देने वाला एक ही संगठन होता था, और वह भी सरकारी।
अब सरकारी संगठन के फोनों का इस्तेमाल आमतौर पर खुद सरकारी बंदे ही नहीं करते तो सरकारी टेलीफोन दफ्तर के सामने लगने वाली कतार तो खत्म हो गयी। निजी फोन सेवा वाले कतार लगने ही नहीं देते, वह पहले ही सब कुछ घर पहुंचा देते हैं, वो भी पहुंचा देते हैं जो आपने मांगा ही ना हो। मेरे ईमेल बाक्स में करीब पचास ऐसे कर्जे स्वीकृत कर दिये गये हैं, जिन्हें मैंने कभी मांगा ही नहीं था-प्री-एप्रूव्ड। लो जी, कर्ज ले लो, पर हमने तो मांगा ही नहीं था, तो भी ले लो। मिल रहा है, तो ले लो। निजी क्षेत्र के कारोबारी आपको हर वह चीज बिना मांगे देने को तैयार होते हैं, जिन्हें देने में चार पैसों की कमाई उन्हें हो रही हो।
खैर कतारें चल रही हैं। पुराने वक्त की राशन की दुकान टाइप भाव भी चल ही रहा है। तमाम मोबाइल कंपनियां अपने मोबाइल की सेल लगाती हैं, कुछेक मिनट में मोबाइल बिक जाते हैं। पब्लिक टूट पड़ती है, लाखों फोन कुछेक मिनट में बिक लेते हैं। दो मिनट में नौ लाख फोन बिके टाइप खबर जब पढ़ो, तो भाव आता है कि क्या लोग सिर्फ मोबाइल खरीदने के लिए ही पैदा हुए हैं।
दो मिनट की आॅनलाइन सेल के जरिये मोबाइल बेचने वाली कंपनी अपनी उपलब्धि इस बात में आंकती है कि कितने लोगों को मोबाइल बेचा जा चुका है और कितने लोग खाली हाथ वापस चले गये। खाली हाथ वापस गये, मोबाइल खरीदने के लिए कतार में लगवाया, इस भाव से ओतप्रोत कई मोबाइल कंपनियों के मार्केटिंग मैनेजर कतार लगवाने वाले अगले इंवेट के इंतजाम में जुट जाते हैं। जिन्हें कतार में लगकर भी मोबाइल नहीं मिल पाता, वो खुद को परम दुर्भाग्यशाली महसूस करते हैं। जिन्हें मोबाइल मिल जाता है, वो सबको बताते हैं कि मानो कोहिनूर लूट लाये हों।
एक मित्र अक्सर बताते हैं कि उस मोबाइल की सेल में पहला मोबाइल उसे ही मिला था। यह मित्र पांच आॅनलाइन मोबाइल सेल में गये थे, पांचों में मोबाइल लेकर आये। पर इतने मोबाइल का करोगे क्या-इस नाचीज से बेवकूफाना सवाल पर उन्होंने विचार नहीं किया। सेल में मोबाइल मिल जाना भर इतनी बड़ी उपलब्धि है कि यह सोचना ही बेकार है कि इतने सारे मोबाइल फोनों का करना क्या है।
उपलब्धि मिल गयी है, अब क्या करेंगे, ट्राफी की तरह सजा कर रखेंगे और सबको बतायेंगे।
जी मोबाइल हासिल करने का परम उद्देश्य यह है कि सबको बताया जा सके कि यह ले आये जी।