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टैरिफ वार और नोबल पुरस्कार का बाल हठ

उलटबांसी
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अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तो मर गयी है। फिर कहा कि भारत को अमेरिका से और ज्यादा सामान खरीदना चाहिए।

ट्रंप को माल बेचना है, हरेक देश को। डील करना है हर देश के साथ। टैरिफ लगाना है हर आइटम पर। मुझे डर है कि अगर यमराज किसी अमेरिकन हिंदू के प्राण हरने अमेरिका पहुचें, तो ट्रंप कहेंगे निकाल पहले 25 परसेंट टैरिफ, डालर में निकाल। यमराज डालर कहां से लायेंगे। यमराज अमेरिका में किसी हिंदू के प्राण हर नहीं पायेंगे।

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मुनाफा, टैरिफ, धंधा, सौदा यही चार शब्द हैं, जिनके बारे में ट्रंप हमेशा सोचते हैं। ट्रंप सिर्फ सुनाते हैं किसी की सुनते नहीं हैं। ट्रंप ने सुनाया कि भारत पाक युद्ध उन्होंने रुकवाया। भारत ने कहा युद्ध रुकवाने में ट्रंप की कोई भूमिका नहीं। फिर इस बात को ट्रंप ने बीस-तीस बार से ज्यादा बोला। लोग फिर भी नहीं मान रहे। ट्रंप कह रहे हैं कि उन्हे युद्ध रुकवाने के लिए नोबल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि युद्ध कोई भी नहीं रुका है। रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार चल रहा है। पश्चिम एशिया में मारधाड़ चल रही है। भारत ने साफ किया है कि आपरेशन सिंदूर रुका नहीं है। फिर नोबल शांति पुरस्कार किस बात का बनता है। यह बात सुनने को तैयार नहीं हैं ट्रंप, उन्हें सुनना नहीं है, सिर्फ सुनाना है।

युद्ध बंद कराने का शौक इस कदर हो लिया है ट्रंप को, वह कोरामा नामक देश और झोंडाना नाम के बीच हुए युद्ध को बंद कराने की घोषणा भी कर सकते हैं। कोई उन्हें बता सकता है कि सर इस नाम के देश तो इस दुनिया में नहीं हैं।

ट्रंप कह सकते हैं कि अगर इस नाम के देश नहीं हैं, तो मैं इस नाम के देश बनाऊंगा फिर उनमें लड़ाई करवाऊंगा फिर युद्ध रुकवाऊंगा। नोबल शांति पुरस्कार तो मैं लेकर ही मानूंगा।

ट्रंप नोबल शांति पुरस्कार के लिए बालहठ पर उतारू हैं। बालहठ के आगे सबको झुकना पड़ता है। नोबल पुरस्कार समिति यह कर सकती है कि कुछ खिलौने टाइप के नोबल पुरस्कार बनवा सकती है। एक नहीं पांच सात नोबल पुरस्कार ट्रंप को दे सकती है। फिर ट्रंप खुद को नोबल विजेता अर्थशास्त्री, नोबल विजेता भौतिक शास्त्री, नोबल विजेता साहित्यकार सब घोषित कर सकते हैं।

ट्रंप को साहित्यकार इसलिए माना जा सकता है कि वह कहानियां तो गढ़ते ही हैं। ट्रंप ने बता दिया कि पाकिस्तान में कच्चे तेल के जबरदस्त भंडार हैं। ट्रंप की इस घोषणा के बाद चीनियों ने पाकिस्तान के मालिक आर्मी जनरल मुनीर को डपटा कि हथियार हम से लेते हो उधार और कच्चा तेल अमेरिकियों को दोगे।

ट्रंप सब जानते हैं बस यह नहीं जानते वो युद्ध कब खत्म होंगे, जिनके खत्म होने से पहले ही उन्हें नोबल शांति पुरस्कार मिल जाना चाहिए।

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