सहीराम
ज्ञानीजन सीख दे रहे हैं कि पॉजिटिव रहो। अरे यार इतने लोग तो पॉजिटिव हो रहे हैं। थोड़ा नेगेटिव रह लो। जान बच जाएगी। ऐसा दौर आया है साहब कि जिसे देखो,वही पॉजिटिव है। फिर भी लोगों को तसल्ली नहीं हो रही। कह रहे हैं थोड़ा पॉजिटिव रहो। भैया थोड़े दिन पॉजिटिव रह लिए, फिर तो सदा के लिए भी नेगेटिव हो सकते हो। इससे तो अच्छा है कि पहले ही नेगेटिव रह लो। नेगेटिव रहने के नुकसान तो मानसिक ही होंगे पर पॉजिटिव होने के नुकसान तो शारीरिक, मानसिक सब हो जाते हैं।
जनाब पता है न पॉजिटिव होते ही धुकधुकी शुरू हो जाती है, बेचैनी बढ़ जाती है, चिंता खाने लगती है। पॉजिटिव होते ही दवाओं की तड़प बढ़ जाती है। अस्पतालों में जगह ढ़ूंढ़नी पड़ती है। अंटी ढीली होने लगती है। प्राइवेट अस्पतालों में तो पॉजिटिव होते ही लाखों रुपये का बिल आ जाता है। जी नहीं, पॉजिटिव होते ही प्राइवेट अस्पतालों में जाने का कोई शौक नहीं चढ़ता। मजबूरी होती है। क्योंकि सरकारी अस्पताल सरकार ने बनवाए ही नहीं। ऊपर से यह आग्रह भी है कि पॉजिटिव बने रहो। अब यह कौन बताए कि भैया पॉजिटिव होते ही सांस चढ़ जाती है, सांस फूल जाती है और ऑक्सीजन है नहीं। पॉजिटिव होते ही दिन में तारे नजर आ जाते हैं।
फिर भी न जाने क्यों आग्रह यही है कि पॉजिटिव रहो। सरकार कहती है कि पॉजिटिव रहो। सरकार के समर्थक कहते हैं कि पॉजिटिव रहो। जरा-सा नेगेटिव होते ही वे रामदेव की तरह भड़क जाते हैं-अरे ऑक्सीजन से पूरा ब्रह्मांड भरा पड़ा है बावले, ले तो ले। मुफ्त में मिल रहा है। नहीं तो मेरी कोरोनिल तो है ही। लेकिन उनकी दवा मुफ्त नहीं बावले और न ही उनका अस्पताल मुफ्त है बावले। जरा-सा नेगेटिव होते ही सरकार के कामकाज पर नेगेटिव असर पड़ने लगता है। लेकिन क्या करें साहब पॉजिटिव होते ही आदमी के कामकाज पर क्या, पूरे आदमी पर, उसके परिवार पर, सब पर नेगेटिव असर पड़ने लगता है। नेगेटिव-नेगेटिव तो मिलकर पॉजिटिव भी हो सकते हैं लेकिन पॉजिटिव होकर नेगेटिव होने के भारी खतरे हैं जनाब।
वैसे भी जब अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता नेगेटिव हो, दवाओं की उपलब्धता नेगेटिव हो, ऑक्सीजन की उपलब्धता नेगेटिव हो, रेमडेसिविर की उपलब्धता नेगेटिव हो तो आदमी ज्यादा पॉजिटिव होकर भी क्या कर लेगा। पॉजिटिव से नेगेटिव होना तो अच्छा है पर नेगेटिव से पॉजिटिव होना बहुत बुरी बात है। देखिए साहब, पॉजिटिव लोगों की भी कोई कमी तो नहीं है। जो लोग ब्रह्मांड से सांस खींच रहे हैं, जो नींबू का रस नाक में निचोड़ रहे हैं, जो गौमूत्र पी रहे हैं और गाय के गोबर से स्नान कर रहे हैं, वे सभी निश्चित रूप पॉजिटिव हैं। इतने पॉजिटिव काफी होंगे। बाकी को भैया नेगेटिव ही रहने दो।