Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

बेजार बाजार में बिकने को हैं तैयार

तिरछी नज़र
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

हेमंत कुमार पारीक

राजे-रजवाड़े गए तो कबाड़ियों के झुण्ड उनके महलों के आसपास मण्डराने लगे। मालूम था कि मरा हाथी सवा लाख का होता है। वक्त वक्त की बात है। देख लो जिस टमाटर की बाजार में कोई औकात नहीं थी। सड़कों पर फेंके जाते थे, माननीयों के भाषण के दौरान मंच पर जमकर चलते थे, वही टमाटर किचन में देखने को नसीब न था। सात दिनों तक एक टमाटर नमक जैसा बुरका जाने लगा था। व्हाट्सएप पर टमाटर के कसीदे पढ़े जाने लगे थे। व्हाट्सएप पर किसी का संदेश था, नियम-कानून ऐसा मकड़ी का जाला है जिसमें कीड़े-मकोड़े की तरह आम आदमी फंसा-फंसा जान गंवा देता है और रसूखदार उस जाले को काटकर आराम से आगे बढ़ जाता है। न्याय की देवी की आंखों पर तो पट्टी बंधी रहती है। महाभारत में ऐसी ही पट्टी गांधारी ने बांध रखी थी। यही पट्टी स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी में देवी की आंख पर बंधी है। एक हाथ में तराजू है तो दूसरे में किताब। अब यह कौन-सी किताब है। कह नहीं सकते। फिलहाल तो राजस्थान के एक मंत्री की लाल डायरी की चर्चा है।

Advertisement

बहरहाल, आम और खास में फर्क तो रहेगा ही रहेगा। देख लो भारत छोड़कर गये माल्या और मोदी को। और मोदी सरनेम को गाली देने वाले को। एक आम आदमी क्या खाकर ऐसा कर सकता है? उन्हें देश से बाहर भागने की जरूरत ही न थी। अरे भाई पड़ोसी देश से भागकर आयी सीमा से तो कुछ सीख लेते। चार बच्चों को साथ लिए तिरंगा हिलाते हुए जन मन गण गा रही है। ठीक वैसे ही भाईजान करोड़ों का चारा डकारने के बाद ऐशोआराम से झण्डा हिला रहे थे। पकड़े गए तो अचानक दर्द उठा। दर्द भी कई प्रकार का हो सकता है। मसलन पेटदर्द, कमरदर्द या सीने में उठने वाला वर्चुअल दर्द। आनन-फानन में चल दिए अस्पताल। जैसे कि कोर्ट में मामला लटका हो तो दीगर दूसरे हाथ झाड़ लेते हैं। मानो कोर्ट न हुआ हाइटेंशन लाइन हो गयी। जो सभी के घरों के ऊपर से गुजर रही हो। बच लो भाई! टोपी आते दिखे तो पहनने से बचो। अगर न बच पाए तो गंजी खोपड़ी की तरफ ट्रांसफर कर दो।

सो भाइयो, अस्पताल कोर्ट से भी बड़ी जगह होती है। वहां कोर्ट की भी नहीं चलती। डॉक्टर, नर्स और कर्मियों को मुट्ठी में कर लो बस। लेन-देन के इस बाजार में बिकने से कोई न बचा। कीमत हर किसी की होती है चाहे आम हो या खास। अगर गांठ में पैसा हो तो पूरा बाजार खरीद लो।

Advertisement
×