हर क्राइम में फिर भी ज़िंदा है रावण
रावण अब तक टीवी चैनलों को टीआरपी दिलवाता है। कई चैनल तो रावण को मरने ही नहीं देते। क्राइम की खबरें बहुत देखी जाती हैं। रावण हर क्राइम में जिंदा है जी।
रावण का निपटारा हो गया, पर क्या रावण का निपटारा कभी हो पाया है? सिमी ग्रेवाल सीनियर एक्ट्रेस ने कहा कि रावण खराब नहीं, बस शरारती है। सो रावण ने कई जगह जलने से इनकार कर दिया। कई शहरों में बारिश आ गयी, रावण जला नहीं, बारिश में गला, धुला।
अगली बार से रावण-दहन के साथ रावण-धुलन की तैयारी होगी। जलने से इनकार पर रावण बोला—अब बुराई जलती नहीं, ट्रेंडिंग हो जाती है, सोशल मीडिया पर।
ट्रॉफी दबाने वाले पाक नेता मोहसिन नकवी की हरकतों पर रावण बोला—दूसरों का माल किडनैप करने वाले अपनी टीम का नाम रावण राइडर्स रखें, इससे उनकी आईपीएल से जुड़ने की इच्छा भी पूरी हो लेगी।
वैसे सच यह है कि कई बॉस अपने कर्मचारियों को रावण के तौर पर देखना चाहते हैं। एक सिर से ईमेल लिखें, दूसरे सिर से प्रजेंटेशन बनायें। तीसरे सिर से चमचागिरी करें, चौथे सिर से विरोधियों की चुगली करें। वक्त बहुत ही टेक्निकल हो गया है। नये बच्चों का मिजाज बिलकुल ही सोशल मीडियाना हो गया है। अब अगर रावण मरता तो बेटा उसकी मौत पर सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल कर रहा होता। मेघनाद ट्वीट कर रहा होता— ‘पापा अब नहीं रहे... लेकिन राख से भी उठेगा ब्रांड # रावण। रावण परिवार खैर मना रहा होता है कि रावण ट्रेंड हो रहा है, सोशल मीडिया पर।
रावण खुद कैंपेन चलवा रहा होता सिम्मी ग्रेवाल के बयान का सहारा लेकर कि मैं सिर्फ नॉटी हूं, खराब नहीं। खैर, रावण मरा नहीं है, ट्रेंडिंग हो गया है-बर्निंग सिन्स त्रेता युग।
वक्त यह है कि अब रावण खुद-ब-खुद ट्रेंड करने लगता है। रावण तो मोटिवेशनल स्पीकर बन जाता, कहता कि मुझे देखिये, हर साल मारा जाता हूं, लतियाया जाता हूं, फिर भी दोबारा आ जाता हूं। तो जमे रहिये। एक बात पक्की है कि रावण हमारे वक्त में होता तो बहुत ही बड़ा मीडिया इन्फ्लूएंसर होता।
10 सिर, मतलब 10 अकाउंट्स।
एक सिर से इंस्टाग्राम रील बनाता—‘अयोध्या जा रहा हूं भाई लोग, कुछ बड़ा होने वाला है!’
दूसरे सिर से ट्विटर पर लिखता—‘# बायकाट वानर सेना।’
अगर आज रावण राजनीति में होता, तो पक्का कोई पार्टी बना चुका होता—‘लंका जनता मोर्चा’ या ‘रावण राष्ट्र दल।’
रावण कहता, ‘देखिए, मैं विलेन नहीं हूं, गलत समझा गया नेता हूं। और रावण के पास बहुत समर्थक भी हो जाते। अब समर्थन सही-गलत देखकर नहीं दिया जाता। समर्थन बस यह देखकर दिया जाता है कि इससे अपना फायदा है या नहीं। रावण के लिए सबसे सही वक्त वैसे अभी का ही था। रावण अब तक टीवी चैनलों को टीआरपी दिलवाता है। कई चैनल तो रावण को मरने ही नहीं देते। क्राइम की खबरें बहुत देखी जाती हैं। रावण हर क्राइम में जिंदा है जी।